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स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के लिए केंद्र सरकार ने नया एप किया लांच, स्वच्छता एप पर मिलीं शिकायतें, नहीं हो रहा निदान

पटना : स्वच्छता सर्वेक्षण की शुरुआत की तैयार हो चुकी है. जनवरी के शुरुआत समय से ही मूल्यांकन शुरू कर दिया जायेगा. स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 को लेकर केंद्र सरकार ने नया एप लांच कर दिया है. इसमें पिछली बार के अपेक्षा कई सुधार किये गये हैं. प्ले स्टोर पर स्वच्छता एप उपलब्ध किया गया है. […]

पटना : स्वच्छता सर्वेक्षण की शुरुआत की तैयार हो चुकी है. जनवरी के शुरुआत समय से ही मूल्यांकन शुरू कर दिया जायेगा. स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 को लेकर केंद्र सरकार ने नया एप लांच कर दिया है. इसमें पिछली बार के अपेक्षा कई सुधार किये गये हैं. प्ले स्टोर पर स्वच्छता एप उपलब्ध किया गया है. वहीं पटना शहर में भी नया एप चालू किया गया है. शहर के लोग गंदगी की समस्या को लेकर शिकायत पोस्ट कर रहे हैं. अभी तक करीब एक दर्जन से अधिक शिकायत पोस्ट किया है, लेकिन निगम के अधिकारी इस पर रिस्पांस नहीं कर रहे हैं.

अभी तक किसी भी शिकायत का नगर निगम के अधिकारियों ने निदान नहीं किया है. गौरतलब है कि निगम ने पिछली बार स्वच्छता एप पर मिली शिकायत को समय पर दूर नहीं कर पा रहा थ जिस कारण निगम का देश भर के 500 शहरों की रैंकिंग में प्रदर्शन ठीक नहीं रहा था. एप पर कचरा उठाव नहीं होना, डस्टबीन नहीं होना, डस्टबीन भरा रहना और शौचालय संबंधी शिकायतों को पोस्ट किया जा सकता है.
पहले भी फेल हो चुका है एप : नगर निगम केंद्र सरकार के स्वच्छता एप के अलावा अपने स्तर पर भी एप लांच का चुका है. बीते वर्ष ‘अपना पटना’ एप लांच किया गया था. इस पर लोगों सफाई, पेयजल, जल जमाव से लेकर अन्य शिकायतें की थीं. तात्कालिक नगर आयुक्त जय सिंह प्रतिदिन इस पर हुए कामों की रिपोर्ट लेते थे. कुछ दिन बाद निगम ने एप पर शिकायत लेना बंद कर दिया. प्रचार के अभाव में शहर के लोग भी एप को भूल गये. इसके बाद निगम ने ई-म्यूनिसिपैलिटी के तहत एक एप को लांच किया, लेकिन इस एप पर शुरुआत से ही निगम ने ध्यान नहीं दिया. इस एप को भी निगम ने फेल करा दिया. लोगों की मानें तो निगम अधिकारियों की अनदेखी और लापरवाही के कारण कोई भी योजना ज्यादा दिन सफल नहीं होती.

सिर्फ सर्वेक्षण के दौरान ही याद आता है एप : स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान 2017 में एप मे माध्यम से शिकायत की जाती थी. जनवरी से लेकर मार्च तक इस पर आने वाली शिकायतों को नगर निगम ने दूर किया. इसके बाद एप पर निगम ने ध्यान देना बंद कर दिया. जबकि केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार एप पर लोग हर समय अपनी समस्याओं को पोस्ट कर सकते हैं और निगम शिकायत को समय पर दूर करेगा.
आखिर निगम क्यों नहीं कर रहा कार्रवाई नगर निगम ने कॉफी लंबे प्रयास के बाद वार्डों में हर घर कचरा उठाव का काम शुरू कर पाया था. वर्ष 2010 में ए टू जेड कंपनी के साथ मिल कर काम शुरू किया था, लेकिन एजेंसी की लापरवाही के बाद एक दो माह में ही हटा दिया था. मगर सात माह के बाद ही इस योजना की एक बार फिर से हवा निकल गयी. दोनों एजेंसी लगातार लापरवाही कर रही है. और निगम निगम कार्रवाई करने से बच रहा है.
नगर आयुक्त के आदेश का एजेंसी पर नहीं पड़ा फर्क
वहीं नगर निगम की ओर से लगातार लिखित निर्देश देने के बाद भी एजेंसी काम के हालात नहीं सुधार नहीं है. यहां तक की अक्तूबर के अंत में नगर निगम ने दोनों एजेंसियों को सितंबर तक हालात सुधारने का अल्टीमेटम दिया था, बावजूद इसके कार्रवाई नहीं हुई. नवंबर में मेयर सीता साहू से लेकर नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने अंचलवार बैठक कर सभी पार्षदों का सहयोग लेकर स्थिति का निर्देश दिया था.
क्या कहते हैं अधिकारी
सफाई निरीक्षकों ने जो रिपोर्ट दिया है, उसमें कई खामियां है. 70 फीसदी घरों से कचरा उठाव की रिपोर्ट दी गयी है. जो गलत है. रसीद के आधार पर फिर से रिपोर्ट देने को कहा गया है.
शैलेंद्र कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नूतन राजधानी अंचल
नगर निगम एजेंसियों पर कार्रवाई नहीं कर रहा है. निगम बोर्ड की बैठक में सभी पार्षदों ने एजेंसी पर काम नहीं करने का आरोप लगाया था. जब होल्डिंग की पूरी गिनती ही नहीं है तो 70 फीसदी घरों तक कचरा उठाव की रिपोर्ट कैसे बन रही है.
विनय कुमार पप्पू, उपमहापौर

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