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रिहायशी इलाकों में चल रही औद्योगिक गतिविधियों पर हाईकोर्ट नाराज

प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से मांगा कार्रवाई का ब्योरा पटना : राजधानी पटना के रिहायशी इलाकों मे औद्योगिक गतिविधियां संचालित किये जाने के कारण हो रहे ध्वनि प्रदूषण पर पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जतायी है. प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को छह सप्ताह के भीतर अब तक की गयी कार्रवाइयों का ब्योरा अदालत में प्रस्तुत करने को कहा […]

प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से मांगा कार्रवाई का ब्योरा
पटना : राजधानी पटना के रिहायशी इलाकों मे औद्योगिक गतिविधियां संचालित किये जाने के कारण हो रहे ध्वनि प्रदूषण पर पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जतायी है. प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को छह सप्ताह के भीतर अब तक की गयी कार्रवाइयों का ब्योरा अदालत में प्रस्तुत करने को कहा गया है. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डाॅ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने इस मामले को लेकर दायर लोकहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की.
सुनवाई के क्रम में अदालत ने दो टूक कहा कि किसी भी हालत में रिहायशी इलाकों में औद्योगिक गतिविधियों को नहीं चलने दिया जाएगा. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि राजधानी पटना के आलमगंज और सुल्तानगंज इलाके में अलमारी और बर्तनों के बनाने के लघु उद्योग संचालित करने के कारण ध्वनि प्रदूषण की गंभीर समस्या है. हाईकोर्ट ने पर्षद से कार्रवाइयों का ब्योरा तलब किया है. साथ ही कोर्ट ने डीएम, पटना को इस मामले में कार्रवाई जारी रखने को कहा है.
पटना. सूबे में कार्यरत स्वास्थ्य सेवकों को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी उठाये स्वयंसेवी संगठनों द्वारा प्रशिक्षण कार्य सही तरीके से नहीं किये जाने और प्रशिक्षणार्थियों को स्तरीय प्रशिक्षण नहीं दिये जाने पर पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से छह सप्ताह के भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.
चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डाॅ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने संजीव कुमार भारती की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में एनजीओ को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने का जिम्मा दिया गया है, पर उन्हें स्तरीय प्रशिक्षण नहीं दिया जा रहा है. इसके कारण वहां की जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है.
पटना हाईकोर्ट ने कमिटी के सदस्यों को प्रतिवादी बनाने का दिया आदेश: पटना सिटी स्थित तख्त श्री हरमंदिर साहिब प्रबंधक समिति के चुनाव को लेकर उत्पन्न विवाद से संबंधित मामले पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने कमिटी के सदस्यों को प्रतिवादी बनाने का निर्देश याचिकाकर्ता को दिया है. जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की एकलपीठ ने कमलजीत सिंह की ओर से दायर रिट याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की. गौरतलब है कि पांच साल के बाद भी प्रबंधक समिति का चुनाव जिला जज, पटना के आदेश के बाद भी नहीं कराया गया. जिला जज के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है. मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी.
पटना. सूबे के विभिन्न जिलों में बड़े पैमाने पर राजकीय नलकूपों के खराब रहने के बावजूद मरम्मत नहीं कराने के कारण किसानों को हो रही दिक्कतों पर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से अब तक की गयी कार्रवाइयों की रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करने का आदेश दिया. जो रिपोर्ट सरकार ने प्रस्तुत किया, उससे कोर्ट संतुष्ट नहीं है. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डाॅ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की ओर से दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की.
इससे पहले हुई सुनवाई में भी याचिकाकर्ता द्वारा इस मामले को उठाया गया था. उसी पर अदालत ने विस्तृत सुनवाई रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. इस पर राज्य सरकार की ओर से शुक्रवार को कार्रवाई रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत किया गया. सरकार की ओर से प्रस्तुत कार्रवाई रिपोर्ट पर अदालत ने असंतोष जताया. फिर दो सप्ताह की मोहलत प्रदान करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है.

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