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सभी थानेदार व बीडीओ को चिट फंड कंपनी की जांच का दिया गया निर्देश
आर्थिक अपराध इकाई को छानबीन का अधिकार देने के प्रस्ताव पर कवायद हुई शुरू पटना : राज्य में कार्यरत सभी तरह के चिट फंड कंपनियों की जांच व्यापक स्तर पर की जायेगी. इसके लिए राज्य सरकार ने फर्जी एनबीएफसी (नन-बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनी) अभियान शुरू करने की बात कही है. मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की […]
आर्थिक अपराध इकाई को छानबीन का अधिकार देने के प्रस्ताव पर कवायद हुई शुरू
पटना : राज्य में कार्यरत सभी तरह के चिट फंड कंपनियों की जांच व्यापक स्तर पर की जायेगी. इसके लिए राज्य सरकार ने फर्जी एनबीएफसी (नन-बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनी) अभियान शुरू करने की बात कही है. मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्य सचिवालय के सभागार में एसएलसीसी (स्टेट लेबल कॉर्डिनेशन कमेटी) की बैठक हुई.
इसमें उन्होंने निर्देश जारी किया कि सभी बीडीओ और थानेदार मिलकर अपने-अपने इलाके में चलने वाली किसी भी तरह की चिट फंड कंपनी या एनबीएफसी का फिजिकल वेरीफिकेशन दिसंबर महीने में करें और इसकी रिपोर्ट आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) तथा संबंधित विभाग को भेजें. ऐसी कंपनियों की छानबीन वे स्वयं स्थल पर जाकर करें. अगर जांच के दौरान कोई कंपनी फर्जी पायी जाती है या किसी के बारे में कोई गड़बड़ी सामने आती है, तो उस पर ईओयू की मदद लेकर एफआईआर दर्ज करवाएं.
पैसे लौटाने के लिए एनबीएफसी मालिकों की संपत्ति हो सकती है जब्त : सीएस ने कहा कि राज्य में लागू बीपीआरडी (बिहार प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपॉजिटर्स) एक्ट के तहत सभी निवेशकों के हितों की रक्षा का प्रावधान किया गया है. इसमें एनबीएफसी की जांच करने से लेकर फर्जी के खिलाफ कार्रवाई करने और निवेशकों के डूबे रुपये लौटने की व्यवस्था करने तक के नियम बनाये गये हैं. इसमें लोगों के पैसे लौटाने के लिए एनबीएफसी मालिकों की संपत्ति जब्त करने तक की व्यवस्था है.
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