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बिहार : बालू-गिट्टी की कीमतें तय करने के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक
फिर पेच : राज्य सरकार ने तय दरों पर खरीद-बिक्री का दिया था आदेश पटना : बिहार लघु खनिज नियमावली, 2017 पर अंतरिम रोक लगाने के बाद पटना हाईकोर्ट ने खान एवं भूतत्व विभाग की ओर से दिये गये पुराने लाइसेंसधारियों को निर्धारित दरों पर बालू की खरीद-बिक्री एवं निबंधन के आदेश पर तत्काल प्रभाव […]
फिर पेच : राज्य सरकार ने तय दरों पर खरीद-बिक्री का दिया था आदेश
पटना : बिहार लघु खनिज नियमावली, 2017 पर अंतरिम रोक लगाने के बाद पटना हाईकोर्ट ने खान एवं भूतत्व विभाग की ओर से दिये गये पुराने लाइसेंसधारियों को निर्धारित दरों पर बालू की खरीद-बिक्री एवं निबंधन के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है.
जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी एवं जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने पुष्पा सिंह एवं अन्य की ओर से दायर रिट याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया. हाईकोर्ट में अब इस पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष लंबित मामलों पर निर्देश के बाद होगी.
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि बिहार सरकार द्वारा बनायी गयी लघु खनिज नियमावली, 2017 पर पटना हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाये जाने के बाद खान एवं भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक ने 29 नवंबर को प्रदेश के सभी डीएम को एक निर्देश जारी किया. इसमें कहा गया कि नयी नियमावली की धारा 45 के तहत आपके द्वारा खुदरा अनुज्ञप्तियां दी गयी हैं.
क्या था प्रधान सचिव का आदेश
प्रधान सचिव केके पाठक ने सभी डीएम को भेजे पत्र में कहा है कि अदालती आदेश के बाद उत्पन्न स्थिति को देखते हुए विभाग ने यह निर्णय लिया है कि उक्त खुदरा अनुज्ञप्तियों को पुरानी नियमावली यथा बिहार लघु खनिज समानुदान नियमावली 1972 की धारा 48 के तहत प्रदत्त अनुज्ञप्ति समझी जाये.
इस नियमावली के तहत जो भी खुदरा अनुज्ञप्तियां निर्गत की गयी हैं, उनको पुराने नियमावली की धारा 49 के तहत संपरिवर्तित समझा जाये. साथ ही जिन जिलों में अनुज्ञप्तियां प्रक्रियाधीन हैं, वे उस प्रक्रिया को पूरा करते हुए जो अनुज्ञप्तियां निर्गत करेंगे, उन्हें पुरानी नियमावली की धारा 49 के तहत निर्गत अनुज्ञप्ति माना जायेगा. प्रधान सचिव के उक्त आदेश को पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गयी.
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को दी जानकारी
वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि पटना हाईकोर्ट
की खंडपीठ द्वारा दिये गये आदेश के विरुद्ध एलपीए अपील दायर की गयी है. साथ ही खनन संबंधी मामलों की एक अन्य सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है, जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी है.
अय्यर बोले : शाहजहां के बाद औरंगजेब को ही गद्दी
कांग्रेस अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी की ताजपोशी से पहले पार्टी नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि क्या मुगल काल में चुनाव होते थे? जहांगीर के बाद शाहजहां आये तो क्या चुनाव हुए थे? यह सबको पता था कि शाहजहां के बाद औरंगजेब को ही गद्दी मिलेगी.दरअसल, अय्यर ने मुगलों का उदाहरण देकर राहुल के पक्ष में बयान दिया था, लेकिन भाजपा ने उनके दांव को ही पलट कर रख दिया.
कांग्रेस का पलटवार : राहुल की ताजपोशी से डर गये मोदी
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि गुजरात चुनाव प्रचार में पीएम मोदी केवल राहुल गांधी पर प्रहार कर रहे हैं. इससे पता चलता है कि वे राहुल के पार्टी अध्यक्ष बनने को लेकर कितने बौखलाये हुए हैं. पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के सदस्य मधुसूदन मिस्त्री ने भाजपा नेताओं द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में वंशवाद के आरोपों को लेकर पूछे गये सवालों के जवाब में कहा कि भाजपा को यह बताना चाहिए कि उसके अध्यक्ष का चुनाव कैसे होता है?
हाईकोर्ट के आदेश का पालन होगा : विभाग
खान एवं भूतत्व विभाग के विशेष सचिव अरुण प्रकाश ने बताया कि हाईकोर्ट से सोमवार को जारी आदेश अभी नहीं मिला है. आंशिक सूचना के अनुसार यदि कोर्ट ने बालू-गिट्टी की तय दरों पर यदि अगले आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया है तो उनके आदेश का सम्मान किया जायेगा.
किसी भी बंदोबस्तधारी से उस दर (900 रुपए प्रति 100 सीएफटी) पर बालू और इसी तरह पूर्व निर्धारित दर पर गिट्टी बिहार राज्य खनन निगम लिमिटेड को देने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा. यदि कोई स्वेच्छा से देना चाहें और लिखित रूप में विभाग से आवेदन करेंगे तो उस पर विचार किया जायेगा.
दावा: बालू-गिट्टी की नहीं है कोई कमी
खान एवं भूतत्व विभाग के विशेष सचिव विशेष सचिव अरुण प्रकाश ने दावा किया कि इस समय बफर स्टॉक केंद्र में बालू-गिट्टी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. इस समय यहां करीब 350 ट्रक बालू व 60 ट्रक गिट्टी मौजूद है. इसका ऑर्डर देने वाले ग्राहकों को 100 सीएफटी लाल व पीला बालू 2400 रुपये में, जबकि 100 सीएफटी 3/4 इंच और 5/8 इंच की गिट्टी की कीमत 6750 रुपये में दी जा रही है. बालू-गिट्टी की कीमत देने के बाद बफर स्टॉक से उपभोक्ता द्वारा बताये गये डिलीवरी स्थल तक उपभोक्ताओं को परिवहन शुल्क वहन करना होगा.
बांका में बनेगा बफर स्टॉक िडपो
बिहार राज्य खनन निगम लिमिटेड ने बांका जिले में दूसरा बफर स्टॉक डिपो बनाने का निर्णय लिया है. इसके संचालन के लिए पांच पदाधिकारियों की तैनाती का आदेश सोमवार को जारी किया गया. इनमें अनिल कुमार, रामचंद्र बैठा, चंदन कुमार, चंद्रशेखर, गणेश कुमार प्रसाद शामिल हैं. इन्हें पांच दिसंबर को हर हाल में बांका जिला खनन कार्यालय में रिपोर्ट करने काे कहा गया है.
वहीं निगम ने क्षेत्रीय कार्यालयों में तैनाती के लिए 24 नवंबर को 137 कैंडिडेट का इंटरव्यू लिया था. इसमें बिहार राज्य विबरेज कॉरपोरेशन और अन्य निगमों के कर्मी शामिल हुए थे. उनमें से फिलहाल 52 का चयन किया गया है और इनकी तैनाती का स्थान भी घोषित कर दिया गया है. साथ ही पटना जिला के निसरपुरा में बने बफर स्टॉक डिपो पर 24 घंटे कामकाज के लिए निगम ने तीन शिफ्ट तय किये हैं. यहां कुल 24 लोगों की तैनाती की गयी है.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा
किस अधिकार से नयी नियमावली को दी चुनौती ?
प्रदेश सरकार की बिहार नयी लघु खनिज नियमावली 2017 पर बालू के व्यवसासियों की आपत्ति के बाद पटना हाईकोर्ट ने 28 नवंबर को सुनवाई के बाद अगले आदेश तक इसके संचालन पर रोक लगा दी थी. प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. वहां सोमवार को इस पर सुनवाई हुई.
कोर्ट ने व्यवसायियों से पूछा कि उन्होंने किस अधिकार के तहत राज्य सरकार की नियमावली को चुनौती दी है. इस संबंध में कोर्ट ने व्यवसायियों से कागजात की मांग की. साथ ही कोर्ट ने उनसे इस बात का स्पष्टीकरण भी मांगा है कि इस पूरी नियमावली पर ही आपत्ति क्यों है? इसके कुछ अंश पर क्यों नहीं है? इसकी अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी.
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