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बिहार : निगम कोर्ट का असर नहीं, आदेश पर भी नहीं तोड़े जा सके मॉल के अवैध हिस्से
पटना : शहर में अवैध निर्माणों की लंबी लिस्ट है. मगर कुछ ऐसे निर्माण भी है जो नगर आयुक्त कोर्ट से अवैध ठहराये जाने के बाद भी निर्माण पूरा होकर तैयार हो चुके है. वहीं, नगर आयुक्त कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए अवैध निर्माणों का मामला ट्रिब्यूनल में लंबे समय से चल […]
पटना : शहर में अवैध निर्माणों की लंबी लिस्ट है. मगर कुछ ऐसे निर्माण भी है जो नगर आयुक्त कोर्ट से अवैध ठहराये जाने के बाद भी निर्माण पूरा होकर तैयार हो चुके है. वहीं, नगर आयुक्त कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए अवैध निर्माणों का मामला ट्रिब्यूनल में लंबे समय से चल रहा है.
एेसे में इन निर्माणों पर नगर आयुक्त के कोर्ट के फैसले का असर होता नहीं है. और ट्रिब्यूनल में लंबे समय से मामला चलता रहा है और फिर से निर्माण बन कर पूरा हो जाते हैं. फिर अपने अवैध निर्माण के साथ शहर के बीच में सीना ताने खड़ा हो जाते हैं. इस तरह का निर्माण मौर्या लोक के पास शॉपिंग मॉल वन का मामला है.
जो नगर आयुक्त कोर्ट के सीधे फैसले से बेअसर डाकबंगला चौराहा स्थित शॉपिंग मॉल वन अब पूर्ण रूप से चालू है. बाहर से चमकते शॉपिंग मॉल के सभी फ्लोर का भीतरी निर्माण (फाइनल टच) का काम अब पूरा हो चुका है. गौरतलब है कि लगभग दो वर्ष पहले डाकबंगला चौराहा के पास स्थित बनाये गये शॉपिंग मॉल को नगर निगम ने ऊपरी दो सात और आठ फ्लोर के निर्माण को अवैध ठहराया था.
दो फ्लोरों को तोड़ने का था आदेश
विवादित भूखंड पर बी प्लस जी प्लस आठ फ्लोर तक शॉपिंग मॉल का निर्माण पूरा कर लिया है. निर्माण के शुरुआती दौर में ही निगम की अभियंताओं की टीम को कई अनियमितताएं मिली थीं. जांच के आलोक में दिसंबर, 2013 में निगरानीवाद शुरू किया गया. इसके बाद केस संख्या 200ए /13 पर सुनवाई करते हुए तत्कालीन नगर आयुक्त कुलदीप नारायण की अदालत ने इसे विवादित भूखंड बताया. नक्शा भी अवैध करार दिया गया. बिल्डिंग के ऊपरी दो फ्लोर और ग्राउंड फ्लोर के कुछ पार्ट को 30 दिनों में तोड़ने की कार्रवाई करने का आदेश दिया था.
मामला ट्रिब्यूनल में विचाराधीन
दो वर्षों पहले निगम स्तर से लगायी गयी बिल्डिंग निर्माण के रोक के आदेश के बावजूद स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी. नगर आयुक्त कोर्ट के फैसले के बाद मामला ट्रिब्यूनल में चला गया. जो वर्ष 2015 के बाद से अब तक विचाराधीन है, फैसला नहीं आया है. इधर,लगातार तेजी से हो रहे काम का परिणाम है कि शॉपिंग मॉल का निर्माण पूरा हो चुका है. ग्राउंड फ्लोर व प्रथम फ्लोर पर पूरी दुकानें खुल चुकी है. इसके अलावा अन्य फ्लोरों पर दुकानें चल रही है.
दो बार हुई थी एफआईआर लेकिन नहीं हुआ असर
ऐसा नहीं की अवैध निर्माण को रोकने के लिए नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी. जब बिल्डिंग में फिनिशिंग का काम फाइनल किया जा रहा था, तब तात्कालिक नगर आयुक्त ने निर्माणकर्ता पर कोतवाली थाना में दो बार एफआईआर दर्ज करायी थी. बावजूद इसके निर्माण नहीं रुका. नगर आयुक्त ने अपने निर्णय में बिल्डर को आदतन नियम तोड़ने का दोषी पाया गया था. पार्किंग स्थल भी बिल्डिंग बायलाज के आधार पर नहीं है.
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