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एयरपोर्ट पर दिन भर वीवीआईपी के आने-जाने का लगा रहा तांता
पटना : रविवार को पटना एयरपोर्ट पर दिन भर वीवीआईपी के आने-जाने का सिलसिला चलता रहा. झारखंड के सीएम रघुवर दास, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने विशेष चार्टर विमान से यहां पहुंचे थे. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी स्पाइस जेट के विमान से आये थे और इंडिगो […]
पटना : रविवार को पटना एयरपोर्ट पर दिन भर वीवीआईपी के आने-जाने का सिलसिला चलता रहा. झारखंड के सीएम रघुवर दास, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने विशेष चार्टर विमान से यहां पहुंचे थे.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी स्पाइस जेट के विमान से आये थे और इंडिगो से वापस गये.हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जेट एयरवेज की विमान से आये व वापस गये. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, रासायण व उर्वरक मंत्री अन्नत कुमार, विज्ञान व प्राेवैधिकी मंत्री हर्षवर्घन, मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद, गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह समेत कई वीवीआईपी का दिन भर आना-जाना लगा रहा. सामान्य विमान से आये ज्यादातर वीवीआईपी के पास दो या तीन एयरलाइनों के एयर टिकट एक साथ मौजूद थे, ताकि एक के देर होने की स्थिति में वे दूसरे से निकल सके.
देर से उड़े पांच विमान : रविवार को पांच विमान देर से उड़े. इनमें तीन दिल्ली जाने वाली थी जबकि एक एक बेंगलुरू व रांची. विमानों के देरी 20 से 75 मिनट के बीच रही. देरी की वजह खराब मौसम और धुंध रही. देर होनेवाले विमानों में दो जेट एयरवेज के थे जबकि एक एक गो एयर, इंडिगो व स्पाइस जेट का. देरी की वजह से कई यात्री परेशान दिखे, खासकर वैसे यात्री जिनको दिल्ली या बेंगलुरू से कनेक्टिंग फ्लाइट लेकर कहीं बाहर जाना था.
इनक्लोजर का निर्माण पूरा, लगीं कुर्सियां : एयरपोर्ट पर नवनिर्मित यात्री इनक्लोजर में कुर्सियों को लगाने का कार्य रविवार को पूरा हो गया. एयरपोर्ट के निदेशक आरएस लाहौरिया इस नवनिर्मित इनक्लोजर का निरीक्षण करेंगे. निदेशक ने बताया कि निरीक्षण के दौरान किसी तरह की कमी पाये जाने पर उसे दूर किया जायेगा. यदि सब कुछ सही रहा, तो एक दो दिन बाद खोल दिया जायेगा.
अब दो एंबुलेंस रहती हैं तैनात : पहले पटना एयरपोर्ट पर केवल एक पारस अस्पताल का एंबुलेंस दिखाई देता था, लेकिन अब सांसद कोटे से नया एंबुलेंस मिल जाने से यहां एक साथ दो-दो एंबुलेंस तैनात रहते हैं. पहले केवल पारस का एंबुलेंस रहने से सिर्फ उसी अस्पताल की चिकित्सा मिलती थी, जो बहुत महंगी है. अब एयरपोर्ट का अपना एंबुलेंस हो जाने से मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भेजना संभव होगा.
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