पटना : विधानसभा में मंगलवार को भोजनावकाश के दौरान जदयू के वीरेंद्र कुमार सिंह व राजद के भाई वीरेंद्र सदन में ही आपस में भिड़ गये. दोनों के बीच जमकर आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग हुआ. बात बढ़ते देख कुछ सदस्यों ने बीच-बचाव किया. मामला विधानसभाध्यक्ष तक पहुंच गया. विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की अगुआई में राजद के सदस्य विधानसभाध्यक्ष से उनके कक्ष में जाकर मिले.
अध्यक्ष ने संसदीय कार्यमंत्री से पूरे मामले को देखने को कहा. विधानसभा में चर्चा के दौरान वीरेंद्र कुमार सिंह ने सरकार की नयी बालू नीति का समर्थन किया था. भोजनावकाश के समय अधिकतर सदस्य निकल गये थे. बालू के सवाल को लेकर भाई वीरेंद्र व वीरेंद्र कुमार सिंह में तीखी नोक-झोंक हो गयी. मामला गाली-गलौज तक पहुंच गया. कुछ सदस्यों के बीच-बचाव के बाद मामला शांत हुआ.
बालू पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी सरकार को घेरा
पटना. विधानसभा में मंगलवार को बालू और गिट्टी के मुद्दे पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी सरकार को घेरा. विपक्ष का भी इसमें सहयोग मिला. खान व भूतत्व मंत्री विनोद कुमार सिंह ने सदन में आश्वासन दिया कि एक दिसंबर से बालू और गिट्टी की कोई कमी नहीं होगी. जरूरत के हिसाब से बालू-गिट्टी बेचने के लिए लाइसेंस मिलेगा. जदयू के वीरेंद्र कुमार सिंह ने जहां नयी बालू नीति की तारीफ की. वहीं, भाजपा के सदस्य नियम को लचीला और व्यावहारिक बनाने की बात कह रहे थे. विधानसभा में ध्यानाकर्षण के जरिये भाजपा के सचींद्र प्रसाद सिंह व अन्य ने राज्य में बालू और गिट्टी की कमी का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि बालू व गिट्टी की कमी के कारण सभी तरह का निर्माण प्रभावित है. निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों को भूखमरी का सामना करना पड़ रहा है.
इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सरकार को घेरते हुए कहा कि बालू की नयी नियमावली व्यावहारिक नहीं है. भाजपा के संजय सरावगी ने कहा कि सरकार को बालू व दारू में अंतर समझना होगा. सरकार एक ओर कह रही है कि सभी को लाइसेंस मिलेगा और लाइसेंस के लिए लाॅटरी भी करवा रहे हैं.स्टोन चिप्स और बालू की काफी कमी है. भाजपा के विद्यासागर केसरी ने कहा कि बालू की कमी के चलते शौचालय व गरीबों का घर नहीं बन रहा है.
मोदी व तेजस्वी में भी नोक-झोंक
विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को उपमुख्यमंत्री
सुशील कुमार मोदी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव में जमकर बहस हुई. दोनों नेताओं ने ने एक-दूसरे पर तीखे प्रहार किये. मोदी ने तेजस्वी यादव को कहा कि 28 साल की उम्र में 28 संपत्ति का मालिक और 1000 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति कहां से आयी. इसका जबाब दें. उसके बाद घोटाले की बात करें. इसके बाद सुशील मोदी और तेजस्वी यादव में सदन में नोक-झोंक शुरू हो गयी. तेजस्वी ने कहा कि आपकी सरकार है जांच करवा लें. इसके पहले विपक्षी दल के नेता तेजस्वी यादव ने सूबे में हुए कई घोटालों का नाम गिनाते हुए आरोप राज्य सरकार पर लगाया. तेजस्वी के बयान पर नंदकिशोर यादव ने विरोध जताया. नंदकिशोर की आपत्ति पर सदन में विरोधी दलों के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया.