पटना : पटना में फेक एक्सचेंज का संचालन करने वाले एक गैंग का पटना पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. गैंग के तीन सदस्य गिरफ्तार किये गये हैं, जिनके इंटरनेशनल क्रिमिनल गैंग से जुड़े होने की आशंका है. पुलिस इसकी जांच कर रही है. दरअसल यह गैंग फेक एक्सचेंज के जरिये इंटरनेशनल कॉल को सरवर के जरिये नेशनल कॉल में तब्दील कर देते थे.
खास करके वीओआइपी (वायस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) कॉल को जीएसएम में कन्वर्ट करते थे. इसमें व्हाट्सएप, मैसेंजर के कॉल शामिल हैं. इससे इस तरह की कॉल ट्रैक नहीं होती है. मतलब कि अगर इंटरनेशनल क्रिमिनल छोटा राजन अगर कॉल करेगा तो उसका नाम और लोकेशन शो करने के बजाय गांव के किसी पप्पू का नाम सो करेगा. क्योंकि ये लोग कॉल को कन्वर्ट करने के लिए जिस सिमकार्ड का इस्तेमाल कर रहे थे वह फेक आइडी पर लिया गया है. एएसपी ऑपरेशन राकेश दूबे ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि यह बड़ा गैंग है, छानबीन की जा रही है, गैंग को कौन ऑपरेटर कर रहा था, इसका मास्टरमाइंड कौन इसकी जांच की जा रही है.
जर्मनी की एसआइजीओएस कंपनी के सरवर का करते थे इस्तेमाल
पुलिस ने भारी मात्रा इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस बरामद किया है. दरअसल पटना आइजी जोन एनएच खान को इसकी जानकारी मिली थी कि पटना में इस तरह का फेक एक्सचेंज चलाया जा रहा है. इसके बाद पुलिस ने लालजी टोला में सीडीए बिल्डिंग के पीछे पीरमुहानी में एक कमरे की तलाशी ली. यहां से गोपालगंज जिले के वैकुंठपुर थाना क्षेत्र के रेवतीत गांव के रहने वाले सुशील कुमार चौरसिया को गिरफ्तार किया. इसके कमरे से इंटरनेशनल इंटरकनेक्ट बायपास फेक एक्सचेंज बरामद किया गया. इसकी निशानदेही पर रेलवे हंडर रोड कदमकुआं के पतली गली में मौजूद मकान में छापेमारी की गयी. यहां से अनिल चौरसिया को गिरफ्तार किया गया. यहां से भी फेक एक्सचेंज और अन्य उपकरण बरामद किया गया. इसकी निशानदेही पर न्यू डाकबंगला रोड में केपीएस टीवीएस शो रुम के पास जीके मेनसन बिल्डिंग के द्वितीय तल पर छापेमारी की गयी. यहां से हॉसटैक्सिस के मालिक नलिन सिन्हा को गिरफ्तार किया गया. इसके कार्यालय से एक फेक सरवर बरामद किया गया जो जर्मनी की एसआइजीओएस कंपनी की है. इसी फेक सरवर से इंटरनेशल कॉल को ट्रांसफर किया जाता था.
फेक एक्सचेंज को चलाने के लिए ले रखा था हाइस्पीड कनेक्शन
अब तक पकड़े गये तीन लोगों में मुख्य आरोपी नलिन सिन्हा हैं. यह हाजीपुर जिले के साहू कॉलोनी का रहने वाला है. नलिन सिन्हा हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन हॉसटैक्सिस नाम के इंटरनेट सर्विस का प्रोवाइडर है. इसी से अनिल और सुशील ने फेक एक्सचेंज चलाने के लिए कनेक्शन लिये हुए थे. पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है. पुलिस ने 200 सिमकार्ड बरामद किया है जिनको सरवर में कॉल ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था. इसमें से एक सिमकार्ड की जांच की गयी है जो गोपालगंज के लिए इस्तेमाल हुआ है. इसकी जांच की जा रही है.
इंटरनेशनल माफिया छाेटा राजन और रवि पुजारी भी इसी तरीके से कर चुके हैं कॉल
फेक एक्सचेंज के जरिये विदेश से आने वाली इनकमिंग कॉल को नेशनल में ट्रांसफर किया जा रहा था. पुलिस के लिए हैरत की बात यही है कि किस तरह के कॉल को ट्रांसफर किये जा रहे थे. क्योंकि इंटरनेशनल अपराधी भी इसी तरह के कॉल से अपना संदेश विदेशों से भारत में अपने गुर्गों तक पहुंचा देते हैं और उसे पुलिस ट्रैक नहीं कर पाती है. पुलिस की जांच कर रही है. एएसपी राकेश दूबे ने बताया कि पूर्व में इंटरनेशनल माफिया छोटा राजन और रवि पुजारी भी फेक एक्सचेंज के जरिये बात करते थे. इसका खुलासा दिल्ली पुलिस ने किया था.
हवाला, ठगी और आतंकी गतिविधियों से जुड़े संदेश पहुंचाये जाने की आशंका
इस फेक एक्सचेंज को लेकर पटना पुलिस काफी गंभीर है. इसे बड़ी कामयाबी मानी जा रही है लेकिन अभी इसमें आगे की जानकारी जुटाना और पूरे नेटवर्क को भेद पाना पुलिस के लिए चुनौती है. फिलहाल अब तक य
फेक एक्सचेंज को संचालित कर जिस तरह से इंटरनेशल कॉल को नेशनल में कन्वर्ट किया जा रहा था इसे बहुत बड़ी सुरक्षा चूक मानी जा रही है. गोपनीय तरीके से विदेशों के संदिग्ध संदेश आसानी से अपने लोगों तक पहुंचाने का यह क्रम काफी खतरनाक माना जा रहा है. वहीं राजस्व हानि भी बड़े पैमाने पर हो रही थी. इंटरनेशनल कॉल को नेशनल करने के बाद कॉल दर सस्ता हो जाता था. इससे यह गैंग बिना कोई टैक्स दिये राजस्व की चोरी कर रहा था. फिलहाल बड़े पैमाने पर इसकी जांच की जा रही है.