कुमार हिमांशु
पटना : राज्य की चीनी मिलों में पेराई सत्र 2014-15 के लिए गन्ना सर्वेक्षण का काम एक मई से शुरू हो रहा है. इस बार सौ फीसदी गन्ने के खेतों के जीपीएस सर्वे (टेक्नोलॉजी) का लक्ष्य रखा गया है. इससे खेतों के रकबा और संभावित गन्ना उत्पादन के बारे में सटीक आंकड़ा उपलब्ध हो सकेगा. सर्वे में गन्ना खेतों के रकबा के अलावा किसानों के बैंक खाते,मोबाइल नंबर व गन्ने की प्रजाति जैसी जरूरी जानकारियां मिल सकेंगी. सूचना संबंधित चीनी मिलों के कंप्यूटर में दर्ज होगी. विभाग चाहता है कि अगले पेराई सत्र में किसानों को मिलों से परची और भुगतान पाने में कोई परेशानी नहीं हो. इनके आधार पर पेराई सत्र का कैलेंडर तैयार होगा, जो किसानों को भी मिलेगा. कैलेंडर के मुताबिक किसानों से गन्ने की खरीद और भुगतान की व्यवस्था होगी.
कार्यालय से मिलेगी जानकारी
गन्ना सर्वेक्षण 1 मई,2014 से शुरू होकर 30 जून, 2014 तक चलेगा. हर हाल में सर्वे को तय समय के अंदर पूरा करना है. सर्वे का कार्यक्रम संबंधित ईख पदाधिकारी के ऑफिस में उपलब्ध रहेगा. सर्वे में चीनी मिल स्टाफ व ईख विभाग के स्टाफ भाग लेंगे. डीएम की अनुमति से राजस्व कर्मचारी और अंचल निरीक्षकों को भी शामिल किया जा सकता है.
घोषणापत्र जरूरी : सर्वे शुरू करने से पहले किसानों से उनके गन्ना खेत की जानकारी तयशुदा प्रारूप में घोषणापत्र में हासिल करना जरूरी है. इसमें किसान को अपने बैंक अकाउंट का ब्योरा, मोबाइल नंबर,जहां गन्ने की सप्लाई करनी है,उस मिल या खरीद केंद्र और किस गाड़ी से गन्ना भेजना है. जानकारियां देनी हैं. विभाग ने कहा है कि जो किसान घोषणा पत्र नहीं देंगे. उनके गन्ने की खरीद अगले सत्र में नहीं हो पायेगी. सर्वे में उसी किसान का नाम लिखा जायेगा, जिसका नाम राजस्व अभिलेख में हो या उस जमीन का हिस्सेदार हो. रेल, राजस्व, वन और सिंचाई विभाग से अगर पट्टे पर जमीन दी गयी है, तो सक्षम अधिकारी से प्राप्त प्रमाणपत्र देना अनिवार्य है. सर्वे में गन्ने की प्रजातियों और फसल की भी जानकारी भी देनी है. जिन किसानों के गन्ने के खेत का कुल रकबा 15 एकड़ से अधिक है. सर्वेयर उनकी अलग से सूची बनायेंगे.