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बिहार : सभी बाल विकास परियोजनाओं के खातों की अब होगी जांच
वरिष्ठ ऑडिटर की प्रतिनियुक्ति करने का किया गया है आग्रह राजेश कुमार सिंह पटना : बिहार में हुए करीब एक हजार करोड़ के सृजन घाेटाले के तार बाल विकास परियोजना कार्यालयों से भी जुड़ने लगे हैं. भागलपुर में जिलाधिकारी की जांच में गड़बड़ी सामने आ चुकी है. इसके बाद प्रदेश के सभी बाल विकास परियोजना […]
वरिष्ठ ऑडिटर की प्रतिनियुक्ति करने का किया गया है आग्रह
राजेश कुमार सिंह
पटना : बिहार में हुए करीब एक हजार करोड़ के सृजन घाेटाले के तार बाल विकास परियोजना कार्यालयों से भी जुड़ने लगे हैं. भागलपुर में जिलाधिकारी की जांच में गड़बड़ी सामने आ चुकी है. इसके बाद प्रदेश के सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को आवंटित राशि की जांच हुई.
इसमें भी वित्तीय गड़बड़ियों की बात सामने आयी है. इससे साफ हो गया है कि गरीब बच्चों का निवाला भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा है. इससे
हरकत में आयी सरकार ने अब पूरे प्रदेश के बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को आवंटित राशि की जांच वरिष्ठ ऑडिटर से कराने का निर्णय लिया है.
समाज कल्याण के प्रधान सचिव ने लिखा पत्र : समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने वित्त विभाग के प्रधान सचिव को 21 नवंबर को पत्र लिखा है. उन्होंने आईसीडीएस निदेशालय में वरीय ऑडिटर के नियुक्ति के संबंध में गुजारिश की है. आंगनबाड़ी केंद्रों पर पूरक पोषाहार योजना के संचालन के लिए पूर्व में बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को राशि आवंटित की जाती रही है.
इसकी समीक्षा हुई तो तमाम कमियां पायी गयीं. वित्तीय गड़बड़ियों की जांच व महालेखाकार को भेजे जाने वाले उपयोगिता प्रमाणपत्र के कार्यों को सुचारू रूप से कराने के लिए ऑडिटकर की जरूरत है. प्रधान सचिव ने इस मामले को महत्वपूर्ण बताते हुए वित्त विभाग के एक वरीय ऑडिटर की प्रतिनियुक्ति आईसीडीएस निदेशालय पटना में करने को कहा है.
भागलपुर : जांच में मिली थी गड़बड़ी
भागलपुर के जिला पदाधिकारी ने समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव को चार अक्तूबर 2017 को ही पत्र लिखकर अपने जिले के सभी बाल विकास परियोजना कार्यालयों के खातों की जांच कराने की गुजारिश की थी.
इसके बाद 30 अक्तूबर 2017 को प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने वित्त विभाग को पत्र लिखा था. उन्होंने भागलपुर के सभी बाल विकास परियोजना कार्यालयों की ऑडिट विशेष टीम से कराने को कहा था. जिला पदाधिकारी ने कहा था कि भागलपुर जिले के सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के कार्यालयों के रोकड़-बही की सामूहिक जांच करायी गयी. जिला स्तर की टीम ने जांच की तो कई स्तरों पर कमियां मिली हैं.
विभिन्न कार्यालयों में कई बाल विकास परियोजना कार्यालयों के रोकड़ पंजी के अनुसार बैंक स्टेटमेंट एवं चेक पंजी की स्थिति स्पष्ट नहीं है. भागलपुर के जिला पदाधिकारी ने यह भी बताया था कि कई बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कार्यालयों की ओर से बताया गया है कि पूर्व में लंबे समय तक खाता सृजन महिला विकास सहयोग समिति सबौर में रहा है. इससे साफ है कि गरीब बच्चों के निवाले के लिये भेजी गयी रकम को भी ठिकाने लगाया गया है.
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