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बिहार : जानिए क्‍यों मॉडर्न बस स्टैंड व कॉम्प्लेक्स का मामला पड़ा ठंडा

लापरवाही : निर्माण करनेवाली एजेंसी को 33 साल तक करना था संचालन पटना : सरकारी बस स्टैंड में यात्रियों को बुनियादी सुविधाओं के लिए उसे मॉडर्न बनाने व खाली जमीन पर कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स निर्माण का मामला ठंडे बस्ते में चला गया है. मॉडर्न बस स्टैंड व कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स के निर्माण को लेकर जो तैयारी की […]

लापरवाही : निर्माण करनेवाली एजेंसी को 33 साल तक करना था संचालन
पटना : सरकारी बस स्टैंड में यात्रियों को बुनियादी सुविधाओं के लिए उसे मॉडर्न बनाने व खाली जमीन पर कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स निर्माण का मामला ठंडे बस्ते में चला गया है. मॉडर्न बस स्टैंड व कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स के निर्माण को लेकर जो तैयारी की गयी थी, वह धरी की धरी रह गयी.
नतीजा इस मामले पर फिलहाल कोई चर्चा भी नहीं हो रही है. परिवहन निगम की विभिन्न जिलों में 14 बस स्टैंड को मॉडर्न बनाने की योजना का खाका तैयार किया गया था. साथ ही उन बस स्टैंड में खाली जमीन पर कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण किये जाने की बात हुई थी.
ताकि कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स को भाड़े पर देकर उससे आय अर्जित करने का जरिया बनाया जा सके. 2014 में तत्कालीन परिवहन मंत्री रमई राम व प्रधान सचिव विजय प्रकाश के समक्ष मॉडर्न बस स्टैंड व कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स का प्रेजेंटेशन भी हुआ था. इसके बाद मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्ताव भेजा गया था. मॉडर्न बस स्टैंड व कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण पीपीपी मोड में होना था. मिली जानकारी के अनुसार अब उस प्रस्ताव पर कोई चर्चा भी नहीं हो रही है.
परिवहन निगम के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.- 14 बस स्टैंड बनना था मॉडर्न : पटना सहित आरा, बिहारशरीफ, नालंदा, राजगीर, गया, मुजफ्फरपुर, छपरा, पूर्णिया, सीतामढ़ी, मोतिहारी, दरभंगा, भागलपुर व किशनगंज बस स्टैंड को मॉडर्न बनाने की योजना थी. साथ ही बस स्टैंड की खाली जमीन पर कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण होना था.
पीपीपी मोड पर होना था निर्माण
बस टर्मिनल के साथ कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण पीपीपी मोड पर होना था. इसमें निर्माण एजेंसी को दो साल में बस टर्मिनल व तीन साल में कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स तैयार कर सुपुर्द करना था.
बीओटी पर आधारित बननेवाले बस टर्मिनल व कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण करनेवाली एजेंसी को 33 साल तक संचालन करना था. इसके बाद निगम को ट्रांसफर कर दिया जाता. टर्मिनल में यात्रियों के लिए पहली व दूसरी मंजिल पर बोर्डिंग एरिया, वेटिंग रूम, क्लॉक रूम, फूड प्लाजा, टॉयलेट, टिकटिंग, इंटरटेनमेंट, डोरमेटरी आदि सुविधा की व्यवस्था की योजना थी.

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