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सूफी संत अहमद रजा कादरी का उर्स कल
अनुयायियों की ओर से हुई तैयारी, जानेंगे जीवन-दर्शन पटना सिटी : मोगलपुरा दुरुखी गली स्थित अल जामितुर रिजविया मदरसा में बुधवार को बरेली के सूफी संत अहमद रजा कादरी का सलाना जलसा उर्स मनाया जायेगा. आयोजकों ने बताया कि उर्दू के माह सफर के 25वें तारीख को संत का उर्स होता है. जिसकी शुरुआत कुरानखानी […]
अनुयायियों की ओर से हुई तैयारी, जानेंगे जीवन-दर्शन
पटना सिटी : मोगलपुरा दुरुखी गली स्थित अल जामितुर रिजविया मदरसा में बुधवार को बरेली के सूफी संत अहमद रजा कादरी का सलाना जलसा उर्स मनाया जायेगा. आयोजकों ने बताया कि उर्दू के माह सफर के 25वें तारीख को संत का उर्स होता है. जिसकी शुरुआत कुरानखानी से होगी. इसके बाद उनके जीवन दर्शन पर संगोष्ठी होगी. इसमें अुनयायियों की ओर से संत के विचार धारों को रखा जायेगा. इसके बाद कुल फातिया व नात के साथ दुआ होगा.
आयोजन की तैयारी पूरी हो गयी है. आयोजकों ने बताया कि 1984 में स्थापित मदरसा में पढ़ने वाले लगभग 150 बच्चे भी आयोजन में शिरकत करेंगे. आयोजन समिति के डॉ नजमूल कादरी ने बताया संत ने अपने जीवन दर्शन में अनेक ऐसी बातों को पहले ही रखा, जिसे बाद में दुनिया ने अपनाया. डॉ नजमूल ने बताया कि बरेली में होने वाले उर्स में शामिल होने के लिए हजारों जायरीन जुटते है.
कौन हैं सूफी संत : आयोजन समिति के बलीउद्दीन रिजवी आजाद व डॉ नजमूल कादरी ने बताया कि सूफी संत शेख अब्दुल कादिर जिनानी के अनुयायी सूफी संत अहमद रजा कादरी का जन्म बरेली में 1856 में हुआ था.
संत ने महज 13 वर्ष,दस माह पांच दिन की उम्र में ही दीन, समाज , मजहब व विज्ञान प्रौद्योगिक का तालीम पा चुके थे. 105 विषयों के जानकार संत ने एक हजार पुस्तकों की रचना महज 66 साल की उम्र तक किया. उनके जीवन दर्शन पर विश्वविद्यालयों में 50 से भी अधिक पीएचडी हो चुके है.
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