पटना : सूबे में कैंपों के जरिये नियुक्त करीब 34 हजार शिक्षकों के शैक्षणिक के साथ टीइटी प्रमाणपत्र की भी जांच होगी. शिक्षा विभाग ने इसका निर्देश दिया है. यह निर्देश औरंगाबाद के मदनपुर प्रखंड में मामला उजागर होने के बाद दिया गया. वहां पर टीइटी के फर्जी सर्टिफिकेट पर अभ्यर्थियों की नियुक्ति की शिकायत मिली थी.
इसके बाद विभाग अब सभी शैक्षणिक सर्टिफिकेट के साथ-साथ टीइटी सर्टिफिकेट की भी जांच करवा रहा है. अब तक बीएड समेत दूसरे शैक्षणिक सर्टिफिकेट फर्जी पाये जाते थे. फर्जी प्रमाणपत्रों के कारण शिक्षा विभाग 2007 से बहाल अब तक 3,770 शिक्षकों को नौकरी से निकाल चुका है. उन पर प्राथमिकी दर्ज करने के साथ-साथ वेतन वसूली की कार्रवाई की जा रही है. सबसे ज्यादा पूर्वी चंपारण में फर्जी सर्टिफिकेट के बहाल शिक्षकों को निकाला गया है. विभागीय सूत्रों की मानें, तो जांच के क्रम में करीब साढ़े आठ सौ शिक्षकों को और चिह्न्ति किया गया है, जिनके सर्टिफिकेट फर्जी पाये गये हैं. उन पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है.