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बिहार : रकम ली पर नहीं मिला शुद्ध पानी

परेशानी : शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए प्लांट के निर्माण कार्य में हो रही है देरी प्रमोद झा, फुलवरिया डैम रजौली से लौटकर पुरानी हरदिया पंचायत सहित आसपास के गांवों में स्वच्छ पानी देने के लिए लोगों से पैसे जमा कराये गये. लेकिन लोगों को अब तक स्वच्छ पानी नहीं मिला. हनुमाननगर गांव के सत्तर […]

परेशानी : शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए प्लांट के निर्माण कार्य में हो रही है देरी
प्रमोद झा, फुलवरिया डैम रजौली से लौटकर
पुरानी हरदिया पंचायत सहित आसपास के गांवों में स्वच्छ पानी देने के लिए लोगों से पैसे जमा कराये गये. लेकिन लोगों को अब तक स्वच्छ पानी नहीं मिला. हनुमाननगर गांव के सत्तर वर्षीय तुलसी राजवंशी ने कहा कि जिस रफ्तार से काम हो रहा है, नहीं लगता है कि स्वच्छ पानी पी पायेंगे. ऐसा उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य को लेकर कहा.
फ्लोराइड पानी पीने से उनके शरीर में टेढ़ेपन की शिकायत के साथ ही कई अन्य बीमारी हो गयी है. फुलवरिया डैम में बन रहे जिस प्लांट से लोगों को स्वच्छ पानी पहुंचाने की योजना है उसे एक साल में पूरी हाेनी थी. डेढ़ साल बीतने को है, प्लांट का निर्माण 50 फीसदी ही हुआ है. जिस रफ्तार से प्लांट का निर्माण चल रहा है उससे लोगों के मन में संदेह पैदा हो रहा है. शुद्ध पानी के नाम पर पैसे लिये गये. पाइप बिछाने का भी काम नहीं हुआ. महादलित से 225 व सामान्य से 425 रुपये जमा कराये गये हैं.
रेशमी देवी, हरदिया
नौ हजार घरों में पानी है पहुंचाना
विश्व बैंक के सहयोग से स्वच्छ पानी पहुंचाने के लिए रजौली में बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना का काम चल रहा है. लगभग नौ हजार घरों में शुद्ध पानी पहुंचाने की योजना है. फुलवरिया डैम में इंटेक वेल का निर्माण कर वहां से पानी शिफ्टिंग कर लगभग दो किमी पाइप के सहारे सिंचाई विभाग के कैंपस में बन रहे जलमीनार में पहुंचाया जायेगा. वहां पानी को ट्रीटमेंट प्लांट से शुद्ध कर घरों तक पहुंचाना है. प्लांट का काम मेसर्स जेआईटीएफ वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को मिला है.
प्लांट का निर्माण 18 जुलाई, 2016 को शुरू हुआ. इसे 30 जून, 2017 तक पूरा होना था. एजेंसी की सुस्ती व पीएचईडी के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से अब तक लगभग 50 फीसदी काम ही पूरा हो सका है. प्लांट के निर्माण पर लगभग 83 करोड़ व जलापूर्ति शुरू करने पर उसके मेंटेनेंस पर 12 करोड़, यानी कुल 95 करोड़ खर्च होंगे. इसमें विश्व बैंक 50 फीसदी, केंद्र सरकार 27 फीसदी व बिहार सरकार 22 फीसदी राशि खर्च करेगी.
पीएचईडी के नवादा जिले के कार्यपालक अभियंता चंद्रभूषण ने बताया कि सिंचाई विभाग से जमीन हस्तांतरण में समय अधिक लगने से जलमीनार का निर्माण विलंब से शुरू हुआ. वहीं, हरदिया पंचायत के मुखिया पिंटू साव ने बताया कि लोगों ने राशि जमा करायी है. स्वच्छ पानी मिलने का लोग आस लगाये हैं.

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