पटनाः शहर में लोकसभा चुनाव को लेकर बूथों पर कहीं भी लंबी कतार नहीं दिखी. काफी धीमी गति से मतदान हुआ. नौ बजते ही बूथ पर मतदाताओं की संख्या बढ़ गयी. 11 बजे तक अधिकतर ने मतदान कर दिया. परसा के खपरैल चक गांव में सरकारी स्कूल में स्थित बूथ संख्या 181 पर मतदाताओं को काफी परेशानी हुई. बूथ पर मात्र एक ही इवीएम थी और मतदाताओं की संख्या 1475 थी. गरमी अधिक होने और मतदाताओं की संख्या अधिक होने के कारण लोगों को काफी परेशानी हुई. इसके अलावा लगभग सभी मतदान केंद्रों पर वैसे मतदाता भी मिले,जिनके नाम वोटर लिस्ट से काट दिये गये थे या फिर नाम गलत था. किसी पुरुष के मतदाता पहचान पत्र में महिला का फोटो और लिंग में भी महिला ही अंकित था. किसी महिला का नाम और पता सही था तो दूसरी महिला का फोटो लगा था. वैसे मतदाता काफी निराश दिखे, जिनके पास मतदाता पहचान पत्र रहने के बावजूद वे मतदान करने से वंचित रह गये. क्योंकि उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं था.
वोटर लिस्ट में नाम नहीं : जक्कनपुर चांदपुर बेला में बूथ संख्या 241 और 242 पर कई मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब थे. ये मतदाता कई साल से मतदान में भाग ले रहे हैं और उनके पास मतदाता पहचान पत्र भी मौजूद था, लेकिन वे जब आज मतदान केंद्र पर पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि वोटर लिस्ट में नाम नहीं है. उन्होंने इस संबंध में जिला प्रशासन से संपर्क साधा,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण वे मतदान में भाग नहीं ले पाये. वैसे ही एक मतदाता न्याय नंदन सिंह ने बताया कि उनका और उनके पिता गिरिजा नंदन सिंह का नाम वोटर लिस्ट में नहीं था. उन्होंने इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा जारी नंबर पर संपर्क किया, तो जवाब मिला कि अपने नाम की खोजबीन पहले ही कर लिये होते. अब इसमें कुछ नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि उनकी क्या गलती थी कि वे मतदान से वंचित हो गये. उन्हें भी मतदान में भाग लेने का अधिकार है. अब वे फिर से अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वायेंगे, लेकिन इस बार तो वे मतदान करने से वंचित हो गये.
दारोगा प्रसाद राय उच्च विद्यालय : विद्यालय में नौ बूथ 317, 318, 319, 320, 321, 322,324,325,326 थे. इन बूथों पर भी कई लोगों के नाम वोटर लिस्ट में नहीं थे. उन लोगों ने भी काफी प्रयास किया, लेकिन निराशा मिली. बिना मतदान किये घर वापस लौटना पड़ा. वहां मौजूद राजद नेता गोपाल प्रसाद ने कहा कि बूथों में कम से कम एक दर्जन लोगों के नाम वोटर लिस्ट से गायब हैं और किसी का नाम गलत है, तो किसी में फोटो गलत है. वे इसकी शिकायत चुनाव आयोग करेंगे. उन्होंने सवाल किया कि जो लोग मतदान करने से वंचित हो गये हैं. उन्हें कैसे अब इसमें शामिल किया जायेगा?
पटना हाइस्कूल : स्कूल में पांच बूथ 284,285,286,287,288 थे. बूथ 284 पर मतदान करने पहुंचे कुमार निशांत ने जब मतदाता पहचान पत्र में अपना फोटो देखा, तो वे दंग रह गये. उस पर एक महिला का फोटो लगा था. इतना ही नहीं लिंग के कॉलम में भी महिला अंकित था. उनकी पत्नी रीना सिंह की फोटो की जगह पर बुजुर्ग महिला का फोटोग्राफ था. कुमार निशांत की मां सिंधु सिंह के फोटोग्राफ के बदले भी दूसरी महिला का फोटो था. हालांकि थोड़ी मशक्कत के बाद सभी को मतदान की इजाजत दे दी गयी. कुमार निशांत ने बताया कि मतदाता पहचान पत्र का उपयोग वे किसी अन्य काम में तो कर ही नहीं सकते हैं.
भूपतिपुर सरकारी स्कूल : स्कूल पर दो बूथ 139 व 140 थे. शुरू में काफी संख्या में लोगों ने मतदान किया. लोगों में मतदान के प्रति उत्साह दिखा और महिला व पुरुषों ने मतों का प्रयोग किया. सत्येंद्र सिंह व संजय सिंह अपने परिवार के साथ बूथ पर पहुंचे थे. वे लोग दूसरों को भी मतदान करने के लिए कह रहे थे. सत्येंद्र सिंह की तबीयत खराब थी, लेकिन उन्होंने कहा कि यह मौका पांच साल के बाद एक बार मिलता है, इसे वे इस मौके को खोना नहीं देना चाहते हैं.
दयानंद बालक व बालिका उच्च महाविद्यालय : दयानंद बालक उच्च विद्यालय में पांच बूथ 189,190,191,192,193 और दयानंद बालिका उच्च विद्यालय में भी पांच बूथ 198,199,200,201,202 थे. बूथ पर काफी धीमी गति से मतदान हुआ. विद्यालयों में बने बूथ पर शाम तक लोग आते रहे और मतदान कार्य होता रहा.
मृतक सूची में और जीवित बाहर
पटना, अंजलि गुप्ताः बूथ नंबर 263 पर कई ऐसे लोगों के नाम भी वोटरलिस्ट में थे, जो कई साल पहले ही स्वर्ग सिधार चुके हैं. स्वर्गीय गोपाल चौबे का नाम पटना साहिब निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 263 पर था. जीएम रोड निवासी प्रदीप चौबे ने कहा कि उनके दादा जी का नाम वोटरलिस्ट में है, जबकि कई साल पहले उनका देहांत हो चुका था, जबकि परिवार के नौ लोगों का नाम गायब है. प्रदीप के तीन भाइयों, चार महिलाओं व उनके पिता जी का नाम और फोटो वोटरलिस्ट से गायब है.