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पटना : 23 वर्ष पुराने मामले में निचली अदालत से मांगी गयी रिपोर्ट

जमानत हुई थी खारिज, फिर भी किया रिहा पटना : हाईकोर्ट ने दो अभियुक्तों की जमानत याचिका खारिज होने के बावजूद रिहा करने के मामले को गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने निचली अदालत से अगली सुनवाई में यह बताने का निर्देश दिया है कि कैसे और किस परिस्थिति में अभियुक्त को जमानत पर रिहा […]

जमानत हुई थी खारिज, फिर भी किया रिहा
पटना : हाईकोर्ट ने दो अभियुक्तों की जमानत याचिका खारिज होने के बावजूद रिहा करने के मामले को गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने निचली अदालत से अगली सुनवाई में यह बताने का निर्देश दिया है कि कैसे और किस परिस्थिति में अभियुक्त को जमानत पर रिहा कर दिया गया. निचली अदालत द्वारा अपनी रिपोर्ट में बताया गया कि अभियुक्त शंकर पासवान व सत्येंद्र पासवान को 28 सितंबर, 1994 को जमानत पर रिहा कर दिया गया है. जबकि अभियुक्तों की जमानत याचिका पटना हाईकोर्ट की खंडपीठ की ओर से पांच अक्तूबर, 1993 को खारिज कर दी गयी थी.
श्रम कल्याण समिति के समक्ष रखें शिकायतें
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय बीमा सुरक्षा योजना के बिहार में सही तरह से अनुपालन नहीं किये जाने को लेकर दायर लोकहित याचिका पर राज्य सरकार की ओर से दिये गये जवाब से संतुष्ट होकर मामले को निष्पादित कर दिया.
साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वे इस मामले में किसी प्रकार की शिकायत होने पर इसे बिहार राज्य श्रम कल्याण समिति के समक्ष रखें. कोर्ट ने समिति को निर्देश दिया कि वे इस मामले को अपने स्तर से देख कर उसका निष्पादन करें. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने वेटरन फोरम फॉर ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक लाइफ थ्रू इट्स जनरल सेक्रेटरी की ओर से दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.
आयु निर्धारण मामले में हस्तक्षेप से कोर्ट का इन्कार
पटना. पटना हाईकोर्ट ने बिहार संयुक्त प्रवेश परीक्षा द्वारा इंजीनियरिंग, मेडिकल, होमियोपैथी आदि की
ली जाने वाली परीक्षाओं में छात्रों
की आयु निर्धारण की मांग वाली लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हुए खारिज कर दिया. अदालत ने स्पष्ट किया कि यह
मामला राज्य सरकार का नीतिगत मामला है और इसमें किसी भी प्रकार का निर्देश दिया जाना उचित नहीं है. अदालत ने निर्देश दिया कि यदि कोई शिकायत है तो संबंधित प्राधिकार के समक्ष मामले को रखें. राजेश कुमार की ओर से दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.

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