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बिहार शराबबंदी का असर : 50 % घटे दिल और लिवर के मरीज, सड़क दुर्घटनाओं में अधिक गिरावट

आनंद तिवारी पटना : शराबबंदी के बाद शहर में लिवर, सड़क दुर्घटना और ह्रदय रोग के मरीजों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गयी है. ऐसा नशे की हालत में गाड़ी चलाने वालों की संख्या में कमी आने से हुआ है. स्वास्थ्य विभाग व डॉक्टर एसोसिएशन की ओर से किये गये सर्वे के आंकड़ों […]

आनंद तिवारी
पटना : शराबबंदी के बाद शहर में लिवर, सड़क दुर्घटना और ह्रदय रोग के मरीजों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गयी है. ऐसा नशे की हालत में गाड़ी चलाने वालों की संख्या में कमी आने से हुआ है. स्वास्थ्य विभाग व डॉक्टर एसोसिएशन की ओर से किये गये सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक लिवर और दुर्घटनाओं में चोटिल होकर आने वाले मरीजों की संख्या में पिछले साल की तुलना में इस साल 50 प्रतिशत की कमी आयी है.
हालांकि पिछले साल भी मरीजों की संख्या कम थी, लेकिन पिछले साल का आंकड़ा 65 प्रतिशत था. वहीं पीएमसीएच, आईजीआईएमएस के इमरजेंसी व हड्डी विभाग में हेड इंज्यूरी, न्यूरो व चेस्ट और लिवर के मरीज न के बराबर दिख रहे हैं.
शादी के सीजन में अधिक आते थे मरीज
अप्रैल से जुलाई महीने तक चलने वाले लग्न में काफी शादियां होती हैं. ऐसे में शहर में भीड़ और जाम की स्थिति हो जाती है. एक-दूसरे से आगे निकलने और ओवरटेक करने के चक्कर
में दुर्घटनाएं होती हैं. ऐसे में नशे की हालत में गाड़ी चलाने से दुर्घटना अधिक होती थी. विभाग की रिपोर्ट में इस चार माह में राजधानी के चारों मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 2015 की तुलना में बहुत कम मरीज इलाज कराने पहुंचे थे.
15 प्रतिशत घटी लिवर की बीमारी
शराब के अधिक सेवन करने से इसका असर लिवर पर पड़ता है. नतीजा लिवर में सूजन और फेट की समस्या देखने को मिलती थी. शराबबंदी से पहले अकेले आईजीआईएमएस में रोजाना लिवर से जुड़े 70 और पीएमसीएच में 120 से 130 मरीज आते थे.
लेकिन शराबबंदी के बाद आधे से भी कम मरीज हो गये. आकड़ों के अनुसार लिवर की बीमारी में करीब 25 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है. ऐसे में लिवर से जुड़े ऑपरेशन में भी कमी आयी है. करीब 15 प्रतिशत तक लिवर की बीमारी घटी है.
20 प्रतिशत तक घटी हृदय रोग की बीमारी
आंकड़े में सबसे अधिक गिरावट सड़क दुर्घटना व हार्ट अटैक बीमारी में दर्ज की गयी है. शराब के सेवन से हाइपर टेंशन और हार्ट अटैक की समस्या लोगों में अधिक देखने को मिल रही थी. लेकिन रिपोर्ट के अनुसार 20 प्रतिशत हृदय की बीमारी में कमी दर्ज की गयी है. इसके अलावा एरिदिमिया, रिदम और एक्यूट कोरोनरी सिंड्राम की घटनाएं कम हुई हैं.
आईजीआईएमएसफिजियोथेरेपी विभाग के डॉ रत्नेश चौधरी ने बताया िक शराबबंदी के बाद दुर्घटनाओं के ग्राफ में काफी कमी आयी है, नशे के बाद सड़क दुर्घटनाओं में हड्डी विभाग में मरीज अधिक आते थे. जिन्हें फिजियोथेरेपी विभाग रेफर किया जाता था. लेकिन अब हमारे विभाग में 20 प्रतिशत मरीजों की संख्या कम हुई है.
पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ विजय गुप्ता ने बतया िक शराबबंदी काफी सराहनीय पहल है. शराबबंदी से पहले पीएमसीएच में हेड इंज्यूरी लिवर के केस अधिक आते थे. जहां जांच के बाद पता चलता था कि संबंधित मरीज नशे के दौरान दुर्घटना का शिकार हो गया है. लेकिन हमारे यहां 30 प्रतिशत तक इस तरह की बीमारी घटी है. उम्मीद है कि आगे भी मरीज और कम होंगे.
न्यूरो, ऑर्थों, हृदय और लिवर मरीज
2014 में शराब के नशे मेंं मौत
-752 मौत ट्रक दुर्घटना से
-241 मौत ट्रैक्टर से
-159 मौत स्कूटी से
-322 मौत थ्री व्हीलर से
-384 मौत जीप से
-499 मौत टू व्हीलर से हुई दुर्घटनाओं में
देश में पांचवें स्थान पर था पटना
सड़क दुर्घटनाओं के मामले में पटना देश में पांचवें स्थान पर था. यहां दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, कानपुर के बाद पटना में हादसे सबसे अधिक होते थे.
दिल्ली1866
चेन्नई1401
बेंगलुरु725
कानपुर564
पटना509

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