पटना: बिहार शिक्षा सेवा के चार भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई तय है. शिक्षा विभाग जहां तीन को सेवा से बरखास्त करने की तैयारी कर रहा है, वहीं एक रिटायर्ड अधिकारी की पेंशन जब्त करने का भी निर्णय ले रहा है. विभाग इन घूसखोर अधिकारियों पर होनेवाली कार्रवाई की अधिसूचना दो-चार दिनों में निकाल सकता है.
इससे पहले पिछले एक महीने में शिक्षा विभाग एक सांख्यिकी सहायक और 13 भ्रष्ट प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों (बीइइओ) को सेवा से बरखास्त कर चुका है. शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के आधार पर भ्रष्ट अधिकारियों को चिह्न्ति कर रहा है और उन पर कार्रवाई कर रहा है.
बिहार शिक्षा सेवा के जिन अधिकारियों पर कार्रवाई होनी है उनमें एक अधिकारी सस्पेंड हैं और उन्हें निगरानी के धावा दल ने 2013 में ही घूस लेते हुए गिरफ्तार किया था. वहीं एक अधिकारी जो साल 2010 में निगरानी के हत्थे चढ़े थे, वे फिलहाल डीपीओ के पद पर कार्यरत हैं. वहीं, क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक (आरडीडीइ) पद से रिटायर्ड होनेवाले एक अधिकारी को 2007 में ही घूस लेते हुए पकड़े गये थे. ये अधिकारी चार साल पहले ही सेवानिवृत हो चुके हैं. शिक्षा विभाग इनकी पेंशन जब्त करने की तैयारी में है.
ये हो चुके हैं बरखास्त : तत्कालीन बीइइओ : ओम प्रकाश, कामलेश्वरी पासी, रवींद्र प्रसाद, करुणा कुमारी, श्रीराम महतो, रामाधार यादव, गोपाल प्रसाद सिंह, हरिशचंद्र चौधरी, रुद्र नारायण राम, रामनरेश प्रसाद, तुलसी प्रसाद, नागेंद्र चौधरी और लल्लू पासवान सांख्यिकी सहायक : मो गोफरान हुसैन.