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स्कूली बच्चों की सुरक्षा: अभिभावक व बच्चों को जागरूक करेंगे स्कूल, स्कूलों में खुलेंगे पॉक्सो ई-बूथ बसों में महिला चालक व गार्ड

पटना: स्कूल से लेकर घर व खेल के मैदान तक बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. इसके लिए जल्द ही स्कूलों में पॉक्सो इ-बूथ स्थापित किये जायेंगे. इसमें चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध होगा. ताकि किसी पीड़ित बच्चे को शिकायत दर्ज कराने के लिए कहीं और न जाना पड़े. वह खुद को सुरक्षित महसूस करते हुए […]

पटना: स्कूल से लेकर घर व खेल के मैदान तक बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. इसके लिए जल्द ही स्कूलों में पॉक्सो इ-बूथ स्थापित किये जायेंगे. इसमें चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध होगा. ताकि किसी पीड़ित बच्चे को शिकायत दर्ज कराने के लिए कहीं और न जाना पड़े. वह खुद को सुरक्षित महसूस करते हुए पॉक्सो इ-बूथ पर आपबीती दर्ज करा सके.

इसके अलावा स्कूली वाहन व स्कूलों में महिला गार्ड तथा कर्मियों की संख्या बढ़ाने पर बल दिया जायेगा. इस मसले पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग के संयुक्त निर्णय व निर्देश के आलोक में सीबीएसई समेत अन्य शिक्षा बोर्ड इसकी तैयारी कर रहे हैं. इसके तहत विशेषकर स्कूली बसों में महिला चालक व सुरक्षा गार्ड को प्राथमिकता दी जायेगी. इसके अलावा पाठ्य पुस्तक में भी पॉक्सो इ-बूथ व चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की जानकारी शामिल करने की योजना है. एनसीपीसीआर की वेबसाइट ncpcr.gov.in पर पॉक्सो इ-बूथ उपलब्ध है, जहां लॉग इन कर शिकायत दर्ज करायी जा सकती है.

पहले ही निर्देश जारी कर चुका है सीबीएसई
प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (पोक्सो) अधिनियम 2012 को लेकर सीबीएसई ने जुलाई माह में ही निर्देश व गाइडलाइन जारी किया था. इसके तहत बच्चों समेत अभिभावकों व कर्मचारियों को समय-समय पर पॉक्सो के बारे में बताने, नोटिस बोर्ड पर पॉक्सो इ-बूथ संबंधी जानकारी, सुबह असेंबली के दौरान बच्चों को पॉक्सो की जानकारी देने आदि का निर्देश दिया गया था.

किशोरों को रखते हैं हेल्पर-कंडक्टर
बच्चों की सुरक्षा के लिए शहर के स्कूली बसों में नियमों के अनुसार समुचित इंतजाम नहीं हैं. स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाये जा रहे हैं, लेकिन बसों में नहीं. इन बसों में अग्निशामक यंत्र भी होना अनिवार्य है. बावजूद कई बसों में यंत्र है ही नहीं और कुछ में दिखावे के लिए आउटडेटेड यंत्र लगे हैं. बसों में गार्ड अथवा आया की तैनाती नहीं है. गार्ड मानें या आया, सबकुछ कंडक्टर ही होता है. कंडक्टर की योग्यता को भी लेकर गंभीरता नहीं बरती जाती है. शहर में ऐसी भी स्कूल बसें हैं, जिसमें किशोर (18 वर्ष से कम उम्र) हेल्पर-कंडक्टर को देखा जा सकता है. बसों में सुरक्षा व्यवस्था के सवाल पर स्कूलों का एक ही जवाब है कि बसों को परिवहन विभाग एनओसी देता है, यह उसकी जिम्मेदारी है.
स्कूलों को बंद करने के आदेश के खिलाफ कल राजभवन मार्च
पटना. जिले के 1190 प्राइवेट स्कूलों को बंद करने के विभागीय आदेश के खिलाफ संबंधित स्कूलों के प्राचार्य, संचालक व निदेशक कल राजभवन मार्च करेंगे. बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ डीके सिंह ने बताया है कि 23 सितंबर को सुबह 11:30 बजे संजय गांधी बायोलॉजिकल पार्क के गेट नं-1 के सामने से राजभवन मार्च आरंभ होगा. राजभवन में एसोसिएशन स्कूलों को बंद करने के विरोध में ज्ञापन सौंपते हुए प्रस्वीकृति देने की मांग करेगा. इस मांग को लेकर एसोसिएशन ने पिछले बुधवार को डीपीओ व डीइओ को ज्ञापन सौंपा था. साथ ही दो दिन में स्कूलों को बंद करने का आदेश वापस लेते हुए प्रस्वीकृति देने की मांग की थी.

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