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रिवर फ्रंट डेवलपमेंट क्षेत्र में बना सकेंगे ऊंची इमारतें, बिना नक्शा पास कराये छोटे निर्माण
संशोधन. पटना मास्टर प्लान वाले क्षेत्र के लिए जल्द आयेगा नया मॉडल बिल्डिंग बायलाॅज रेरा के तहत चल रहे प्रोजेक्टों को 30 नवंबर तक करना होगा निबंधित पटना : राजधानी के लिए नया बिल्डिंग बायलॉज जल्द आयेगा. इसमें पूरे राज्य के लिए बने बिल्डिंग बायलाॅज को संशोधित कर लागू किया जा रहा है. नये मॉडल […]
संशोधन. पटना मास्टर प्लान वाले क्षेत्र के लिए जल्द आयेगा नया मॉडल बिल्डिंग बायलाॅज
रेरा के तहत चल रहे प्रोजेक्टों को 30 नवंबर तक करना होगा निबंधित
पटना : राजधानी के लिए नया बिल्डिंग बायलॉज जल्द आयेगा. इसमें पूरे राज्य के लिए बने बिल्डिंग बायलाॅज को संशोधित कर लागू किया जा रहा है. नये मॉडल बिल्डिंग बायलॉज में मास्टर प्लान 2031 के आने वाले क्षेत्र में निर्माण को लेकर कई छूट दिये जायेंगे.
इसके अलावा नक्शा पास कराने से लेकर क्षेत्र की सड़कों के आधार पर बिल्डिंग के प्रकार के निर्माण में भी छूट मिलेगी. मसलन रिवर फ्रंट डेवलपमेंट क्षेत्र में भी ऊंची इमारतें बन सकती हैं. मॉडल का कॉन्सेप्ट ही है कि कम क्षेत्रों में बहुमंजिला निर्माण किया जा सके. नया मॉडल कैबिनेट से पास होने के बाद ही लागू किया जायेगा. कैबिनेट से पास होने के बाद इसे मास्टर प्लान 2031 के तहत आने वाले क्षेत्र में लागू कर दिया जायेगा. नया मॉडल बिल्डिंग बायलॉज आने के बाद शहरी क्षेत्र के रियल एस्टेट में एक बार फिर उछाल आयेगा.
सिंगल विंडो सिस्टम से मिलेगी सुविधा : नये बिल्डिंग बायलाॅज में कई तरह के सुधार किये जायेंगे. इसमें अमृत रिफाॅर्म के साथ मिश्रित उपयोग नियमावली यानी आवासीय कम व्यावसायिक भवन से लेकर सड़क व सड़क की चौड़ाई के आधार पर भी कई बदलाव होंगे.
ड्राफ्ट तैयार करने वाले तकनीकी सहायक ने बताया कि नया मॉडल मास्टर प्लान डेवलपमेंट कंट्रोल रेगुलेशन (डीसीआर) के तहत लागू किया जायेगा. बायलॉज आने के बाद राज्य के सभी नगर निकायों में नक्शा पास कराने की सुविधा सिंगल विंडो सिस्टम के तहत मिलेगी.
यानी नक्शा पास कराने के लिए आपको नगर निगम को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. नक्शा आवेदन के साथ विभिन्न विभागों से एनओसी भी ऑनलाइन ही मिल जायेगी. मसलन फायर ब्रिगेड, एयरपोर्ट अथॉरिटी व अन्य विभागों में जाकर एनओसी नहीं लेनी होगी.
30 दिन में ही नक्शा मिलने की सुविधा होगी : लोगों को छोटे निर्माण के लिए निर्माण से पहले नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी. इसमें 15 मीटर से कम ऊंचे व 300 वर्ग मीटर के निर्माण को बगैर किसी नक्शा के ही पास कर दिया जायेगा. इसके अलावा बड़े निर्माणों का नक्शा 60 दिन के बदले 30 दिन में ही मिलने की सुविधा होगी.
साथ ही राज्य के अन्य छोटे शहरों के लिए भी बायलॉज रहेगा. राजधानी के मास्टर प्लान के अलावा अन्य शहरों के मास्टर प्लान या अन्य छोटे शहर के लिए बिल्डिंग बायलॉज 2014 में भी संशोधन करने का प्रस्ताव है. नया बायलॉज शहरों की भौगोलिक स्थिति के अनुसार रहेगा. पूरे राज्य में संशोधित बायलाॅज मार्च, 2018 तक लागू करने की योजना है.
रेरा के तहत जल्द कराएं प्रोजेक्टों का निबंधन : रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट के तहत अब पूरे राज्य भर के बिल्डरों कोे चल रहे प्रोजेक्टों का निबंधन रेरा में कराना होगा. इसके लिए केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत 31 जुलाई तक सभी चल रहे प्रोजेक्टों का निबंधन कराना था. मगर राज्य सरकार ने इसकी तिथि बढ़ा कर अब 30 नवंबर तक कर दी है. इसके बाद भी अगर प्रोजेक्ट का निबंधन नहीं कराया गया, तो बिल्डर को फ्लैट बेचने में समस्या होगी.
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पायलट प्रोजेक्ट के तहत सौ एकड़ में 12 छोटे टाउनशिप, मास्टर प्लान के तहत पांच सेटेलाइट टाउन बनाने की योजना है. जो अल्ट्रा डेवलप होगी.
स्कूल, अस्पताल, पार्क के अलावा सभी बुनियादी सुविधा उपलब्ध होगी. प्राधिकार ने इसके लिए बिहटा, दनियावां, खुशरुपुर, नौबतपुर व फतुहा का चयन किया है. हालांकि, सेटेलाइट टाउन का बेस किसी इंड्रस्ट्रीयल प्रोजेक्ट के आधार पर होगा. जो कंपनी प्लांट लगायेगी, उसको इसका विकास करना होगा. इसके अलावा मास्टर प्लान के पूरे क्षेत्र में पैकेट रूप से 10 से 12 जगहों पर एरिया बेस डेवलपमेंट के तहत टाउन विकास किया जाना है. इसमें लोगों के ग्रीन फिल्ड को प्राधिकार मास्टर प्लान के तहत प्लाटिंग कर देगी.
इसमें 70 फीसदी जमीन भू-मालिकों को निर्माण के लिए लौटा दिया जायेगा और 30 फीसदी जगह में सड़क, नाला, पानी व अन्य बुनियादी सुविधा का विकास होगा. इसके लिए प्राधिकार के अधिकारियों ने नैनया महाराष्ट्र व पुणे के मगरपट्टा प्रोजेक्ट का दौरा भी किया था.
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