पटना: अगर आपके बच्चे को किसी सरकारी स्कूल की सातवीं कक्षा में नामांकन लेना है, तो पहले आपको किसी सरकारी स्कूल की पांचवीं कक्षा में नामांकन लेना होगा. छठी कक्षा में प्राइवेट स्कूल से पढ़ने की स्थिति में आपके बच्चे को सातवीं कक्षा में दाखिला नहीं मिलेगा. ऐसी स्थिति सातवीं में पढ़ने आनेवाले बच्चों के लिए सरकारी विद्यालय की टीसी अनिवार्य किये जाने की वजह से हुई है. सरकारी स्कूल निजी स्कूल की टीसी को नहीं मानते.
प्राथमिक में नामांकन आसान
प्राथमिक विद्यालय में नामांकन लेना जितना आसान है, उतना ही जटिल है मध्य विद्यालय में 7वीं कक्षा में नामांकन लेना. इसके लिए सरकारी विद्यालय की टीसी देनी होगी. सरकारी विद्यालय निजी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे का नामांकन सातवीं में नहीं लेते हैं. क्योंकि वे उनके टीसी को नहीं मानते. सरकारी विद्यालय में पढ़ने के लिए के लिए पांचवीं कक्षा में नामांकन लेना होगा. जब तक पांचवी कक्षा में नहीं नामांकन होगा, तब तक 7 वीं कक्षा में नहीं ज सकेंगे. इसके लिए कराना होगा पांचवीं में नामांकन.
प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा
विभाग के अनुसार प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से टीसी की व्यवस्था की गयी है. साथ ही मध्य विद्यालय में वैसे बच्चे का नामांकन हो सके, जो पहले से पांचवी कक्षा की पढ़ाई कर चुके हैं. निजी विद्यालय के टीसी की मान्यता नहीं होती है. ज्यादातर निजी विद्यालय न तो बिहार बोर्ड के तहत संचालित है और नहीं सीबीएसइ के तहत. इस वजह से जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा टीसी पर काउंटर साइन नहीं किये जाते हैं. साथ ही मध्य विद्यालय में बच्चों की संख्या निर्धारित होती है. पहले उन्हीं बच्चों का नामांकन लिया जाता है, जो प्राथमिक विद्यालय के होते हैं.
अजब-गजब नियम
प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 1 से 6 तक नामांकन लिया जाना है. इसके लिए बच्चों या अभिभावकों से किसी तरह के प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं. साथ ही बच्चे के उम्र के अनुसार उन्हें उस कक्षा में नामांकित किया जाना है. इसके तहत कक्षा वन के लिए 6 वर्ष की आयु निर्धारित हैं और यदि 12 वर्ष का कोई बच्च आता है, तो उसका नामांकन कक्षा छह में किया जायेगा. फिर उन्हें कक्षा 1 से 6 तक की पढ़ाई करायी जायेगी. यानि छह साल की पढ़ाई एक साल में भी बच्चे कर लेते हैं. वहीं मध्य विद्यालय में कक्षा 7, 8, 9 में नामांकन के लिए आपको प्राथमिक विद्यालय की घोषणा पत्र पर ही नामांकन लिया जा सकेगा.साथ ही यदि एक ही पोषक क्षेत्र में प्राथमिक और मध्य विद्यालय है, तो दूसरे पोषक क्षेत्र के बच्चे का नामांकन मध्य विद्यालय में नहीं लिया जा सकेगा.
ये होगा फायदा
प्राथमिक विद्यालय में नामांकन बढेगा
बिना मान्यता के निजी विद्यालयों के संचालन पर लगेगी रोक
निजी विद्यालयों की मनमानी होगी नियंत्रित
होगा निबंधन, मान्यता प्राप्त विद्यालय में पढ़ सकेंगे बच्चे
सही व उचित बच्चे का होगा नामांकन
कमजोर और तेज बच्चों के बीच भेदभाव नहीं कक्षा में होंगे एक समान बच्चे