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अवैध बालू खनन : मजदूरों को पकड़ कर पीठ थप-थपा रही पटना पुलिस, बालू माफिया अब भी गिरफ्त से बाहर
एके-47 रखनेवाला फौजिया सरीखे माफिया भी नहीं चढ़े पुलिस के हत्थे पटना : अवैध ही सही लेकिन पेट पालने को बालू माफियाओं के इशारे पर काम करनेवाले मजदूरों को पटना पुलिस ने भले ही पकड़ लिया है. लेकिन, खनन से जुड़े कुख्यात अपराधी पुलिस के हाथ नहीं चढ़े हैं. एके-47 रखनेवाले फौजिया, उमाशंकर सिंह उर्फ […]
एके-47 रखनेवाला फौजिया सरीखे माफिया भी नहीं चढ़े पुलिस के हत्थे
पटना : अवैध ही सही लेकिन पेट पालने को बालू माफियाओं के इशारे पर काम करनेवाले मजदूरों को पटना पुलिस ने भले ही पकड़ लिया है. लेकिन, खनन से जुड़े कुख्यात अपराधी पुलिस के हाथ नहीं चढ़े हैं. एके-47 रखनेवाले फौजिया, उमाशंकर सिंह उर्फ सिपाही सरीखे अपराधियों के गिरेबान तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंचे हैं. पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, वो या तो मजदूर हैं या फिर पोकलेन के चालक. छापेमारी के 21 दिन बीत चुके हैं पर पुलिस ने मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र के भतीजे सोनू समेत जिन नौ लोगों को बालू माफिया के रूप में चिह्नित किया है, उन्हें अब तक पकड़ नहीं पायी है. जबकि, इनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हो गया है.
इसके अलावा अवैध तरीके से बालू स्टोर करने और उठाव कराने को लेकर भी कार्रवाई हुई है, पर बड़े माफियाओं की गरदन अब तक बची हुई है. आइजी इस मामले की माॅनीटरिंग कर रहे हैं और एसएसपी नेतृत्व, लेकिन बालू माफिया किस खोह में छुपे हैं, इसकी भनक नहीं लग पा रही है. वर्ष 2016 में भी पुलिस की कार्रवाई का यही सीन था. पुलिस ने एक दर्जन मजदूरों को पकड़ा था, जिन्हें बाद में जमानत मिल गयी. माफिया तब भी हाथ नहीं लगे थे और अब भी नहीं लगे हैं.
जब्त पोकलेन भी कर दिये गये गायब
पटना. 30 जुलाई की कार्रवाई के बाद स्थानीय पुलिस ने ऐसी ढ़िलाही बरती की बालू माफियाआें से जब्त किये गये पोकलेन को गायब कर दिया. उसे गड्ढे में छुपा दिया. कुछ पोकलेन से तो इंजन व चेचिस नंबर से छेड़छाड़ कर दिया गया.
जब इसकी जानकारी पुलिस के आला अधिकारियों को हुई, तो गायब किये गये 29 पोकलेन को बरामद किया गया. आइजी के निर्देश पर हुई जांच में 12 लोग चिह्नित किये गये हैं जिनकी तलाश पुलिस कर रही है. ये घटना पहली नहीं हैं इससे पहले भी जब 2016 में पुलिस ने पाेकलेन काे जब्त किया था, तो 12 पोकलेन गायब कर दिये गये. दरअसल यह सब कुछ पुलिस की मिलीभगत से हुआ था. पुलिस और बालू माफिया मिल कर जब्त पोकलेन से अवैध खनन करा कर पैसा कमा रहे थे. मतलब की कानून की धज्जियां उड़ाते हुए सांठ-गांठ किया गया और अवैध धंधा जारी रहा.
यह तस्वीर 30 जुलाई की है. जगह मनेर का वह इलाका है, जहां अवैध बालू खनन होता है. हाथ में हथियार थामे खुद पटना एसएसपी जब दल-बल के साथ अवैध बालू खनन पर लगाम लगाने के लिए मैदान में उतरे थे, तो लगा था कि इस बार बालू माफिया नहीं बच सकेंगे. एसएसपी की इस कार्रवाई ने काफी वाहवाही और सुर्खियां भी बटोरी थी. मगर यह कार्रवाई केवल बालू माफियाओं के इशारे पर काम करनेवाले कुछ मजदूरों और ड्राइवरों की गिरफ्तारी तक ही सिमट कर रह गयी.
2016 के गैंगवार के बाद भी सिर्फ मजदूर ही लगे थे पुलिस के हाथ
31 जुलाई, 2016 को रविवार का दिन था. करीब11:30 बजे सुअरमरवां, चौरासी बालू घाट के पास दियारे पर जबरन घाट पर कब्जा करने की नीयत से फौजिया अपने करीब 150-200 गुर्गों के साथ अत्याधुनिक हथियार से लैस होकर पहुंचा था. उसने आते ही सिपाही गुट के लोगो के साथ मारपीट करते हुए फायरिंग शुरू कर दी. उसके आने का हल्ला हो चुका था और उमाशंकर उर्फ सिपाही गुट भी मैदान में उतर गया और फौजिया गुट पर फायरिंग शुरू कर दी. इसमें फौजिया गुट के मुंशी प्रमोद पांडेय (45 वर्षीय) की गोली लगने से मौत हो गयी थी और मुखिया उमाशंकर उर्फ सिपाही गुट के मुंशी आनंदपुर निवासी हरेंद्र सिंह व ब्यापुर जीवराखन टोला के शिवमूरत राय घायल हो गये थे. दोनों के पैर में गोली लगी थी. पुलिस ने प्रमोद पांडेय के शव के पास से एके 47 के दर्जनों कारतूस व खोखे बरामद किये थे.
बिहटा. सोन हो या गंगा नदी में अवैध खनन को कभी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. माफिया कितना भी चाल चल ले सरकार और प्रशासन के नजरों से बहुत ज्यादा दिनों तक नहीं बच सकते. ये बातें रविवार को खनन मंत्री विनोद कुमार सिंह ने बिहटा, राघोपुर में कहीं. खनन मंत्री अरवल एक कार्यक्रम में जाने के दौरान राघोपुर निवासी भाजपा नेता रत्नेश्वर मिश्र के बीमार पुत्र का हालचाल लेने पहुंचे थे. मौके पर भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष पवन सिंह, विपिन बिहारी, प्रो राजकुमार सिंह, रामबाबू सिंह, चितरंजन सिंह, गोपाल मिश्र, त्रिपुरारी सिंह, जयगोविंद सिंह आदि मौजूद थे.
आज चक्का जाम करेंगे मजदूर:
बिहार बालू मजदूर व नाविक कल्याण समिति की ओर से सोमवार को बालू खनन से प्रभावित मजदूर बिहटा में चक्का जाम करेंगे. इसकी जानकारी बिहार बालू मजदूर और नाविक कल्याण समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ने दी़ उन्होंने बताया कि बिहटा सोन नदी में बीते डेढ़ महीने से बालू का कारोबार पूर्ण रूप से बंद है. जिससे उनके समक्ष भूखों मरने की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
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