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बिहार में नयी आइटी पॉलिसी, निवेश के लिए खुलेंगे द्वार
पहल : 14 सितंबर को पटना में आइटी कॉन्क्लेव, देश की 36 बड़ी कंपनियों को न्योता पटना : बेंगलुरू और हैदराबाद की तर्ज पर पटना भी इंफोरमेशन टेक्नोलॉजी (आइटी) के क्षेत्र में हब बनेगा. राज्य सरकार इसके लिए नयी आइटी पॉलिसी तैयार कर रही है. नयी आइटी पॉलिसी में निवेशकों को वह सारी सुविधाएं दी […]
पहल : 14 सितंबर को पटना में आइटी कॉन्क्लेव, देश की 36 बड़ी कंपनियों को न्योता
पटना : बेंगलुरू और हैदराबाद की तर्ज पर पटना भी इंफोरमेशन टेक्नोलॉजी (आइटी) के क्षेत्र में हब बनेगा. राज्य सरकार इसके लिए नयी आइटी पॉलिसी तैयार कर रही है. नयी आइटी पॉलिसी में निवेशकों को वह सारी सुविधाएं दी जायेगी, जो आइटी कंपनी को खोलने के लिए आवश्यक है.
इसको लेकर बिहार सरकार पटना में आइटी कॉन्क्लेव करने जा रही है, जिसमें आइटी क्षेत्र में पांच सालों (2017-2022) का रोड मैप जारी किया जायेगा. कॉन्क्लेव के लिए देश की 36 बड़ी आइटी कंपनियों को न्योता दिया गया है. बिहार सरकार का सूचना व प्रावैधिकी विभाग आइटी पॉलिसी और पांच सालों के लिए आइटी रोड मैप तैयार कर रहा है. इसमें निवेशकों को एक छत के नीचे सारी सुविधाएं दी जायेगी.
इसके लिए आइटी टावर, आइटी पार्क और आइटी सिटी को विकसित किया जा रहा है. निवेशकों को वह वित्तीय छूट भी दी जायेगी, जिससे वे बिहार में निवेश कर सकें. आइटी विभाग की स्थापना के बाद 2007-08 में भी कुछ कंपनियां बिहार में निवेश करना चाहती थी, लेकिन सशक्त पॉलिसी नहीं होने के कारण वे निवेश नहीं कर सकी थी. आइटी विभाग नयी पॉलिसी में उन कमियों को भी दूर कर रहा है, जिसे निवेशक आ सकें. नयी पॉलिसी में निवेशकों को पांच सालों तक का समय कंपनी को विकसित करने के लिए भी दिया जा सकता है.
मिलेंगे इंजीनियर, ब्याज में दी जायेगी छूट : आइटी के क्षेत्र में बिहार में निवेश करने पर इंजीनियर मिलेंगे. हर साल बिहार के छात्र दूसरे प्रांतों के संस्थानों में इंजीनियरिंग कर रहे हैं. वहां से नौकरी के लिए वे बेंगलुरू, हैदराबाद, चेन्नई का रास्ता पकड़ रहे हैं. ऐसे में जब बिहार में ही निवेश होगा तो बिहार के छात्र दूसरे राज्यों के बजाए अपने घर बिहार में काम करना पसंद करेंगे. वहीं, निवेशकों के लिए राज्य सरकार छूट देने की भी तैयारी कर रही है.
नयी औद्योगिक निजी की तर्ज पर सरकार निवेशकों को स्थान तो मुहैया करा देगी, लेकिन उन्हें निवेश करना होगा. इसमें राज्य सरकार उनके सेटअप तैयार करने तक 10 करोड़ रुपये तक का ब्याज दर देगी. साथ थी ही निवेशकों को स्टांप ड्यूटी में भी छूट दी जायेगी. बिहार में इंटरनेट की स्पीड कम है, जिसकी वजह से निवेशक यहां आकर्षित नहीं हो पा रहे हैं.
राज्य सरकार देश के दूसरे आइटी सिटी की तर्ज पटना में भी गेटवे लगवायेगी, ताकि इंटरनेट की स्पीड बढ़ सके और ज्यादा से ज्यादा निवेशक आ सकें. प्रदेश में सात एमबीपीएस तक उपभोक्ताओं को मिल रहे हैं, जबकि हैदराबाद में 41 एमबीपीएस, दिल्ली व बेंगलुरू में 21-21 एमबीपीएस मिलता है. सरकार बीएसएनएल का गेटवे लगाने के लिए केंद्र सरकार से मांग भी करेगी और एक जीबीपीएस स्पीड वाले गेटवे लगाये जा सकेंगे.
नयी आइटी पॉलिसी लांच करने की तैयारी की जा रही है. पहले की पॉलिसी में जो कुछ कमियां थी, उसे दूर किया जा रहा है. साथ ही बेंगलुरू व हैदराबाद की आइटी पॉलिसी का भी अध्ययन किया जा रहा है. सभी को मिलाकर सशक्त पॉलिसी लायी जायेगी और कंपनियों को बिहार में एक प्लटेफॉर्म दिया जायेगा.
राहुल सिंह, सचिव, सूचना व प्रावैधिकी विभाग
सिंगल विंडो सिस्टम से होगा काम
आइटी कंपनियों को निवेश के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा. सिंगल विंडो सिस्टम के तहत उन्हें आवेदन करना होगा और वहीं से उनके आवेदनों की जांच व उसे वेरिफाइ के बाद स्वीकृति दी जायेगी. फिलहाल बिस्कोमान भवन में दो फ्लोर आइटी कपंनियों के लिए ही रखे गये हैं.
वहीं, पटना के डाकबंगला चौराहे पर आइटी टावर का निर्माण होना है, जिसमें आइटी कंपनियों को जगह दी जायेगी. इसके साथ-साथ बिहटा में आइटी पार्क के लिए जमीन मिल गयी है, वहीं नालंदा के राजगीर में आइटी सिटी को लेकर भी काम शुरू हो गया है.
13-14 सितंबर को होगा सम्मेलन
पटना में 13 और 14 सितंबर को आइटी सम्मेलन होगा. 13 सितंबर को बीआइटी मेसरा में हैकाथॉन का आयोजन किया जायेगा. इसमें साइबर क्राइम को रोकने के लिए विशेषज्ञ चर्चा करेंगे. वहीं, 14 सितंबर को होटल मौर्या में आइटी कॉन्क्लेव का आयोजन होगा.इसमें देश की 36 बड़ी कंपनियां भाग लेंगी. इसी मुख्यमंत्री आइटी पॉलिसी लांच करेंगे और पांच सालों का आइटी रोड मैप जारी होगा.
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