पटना: नगर निगम चार अंचलों में बंटा हुआ है. चारों अंचलों में 72 वार्ड हैं और इन वार्डो में नियमित मच्छर मारने के लिए निगम प्रशासन प्रत्येक वर्ष गरमी शुरू होते योजना बनाता है, लेकिन योजना पर कभी ठीक से क्रियान्वयन नहीं होता है.
पिछले वर्ष 75 फॉगिंग मशीन करने की योजना को स्वीकृति दी गयी, जिसमें 59 फॉगिंग मशीन की खरीदारी हुई. मशीन की खरीद पर 20 लाख रुपये खर्च भी किये गये, लेकिन इसका लाभ राजधानी की जनता को नहीं मिल रहा है. वर्तमान में आलम यह है कि वीवीआइपी, वीआइपी मुहल्ला हो या फिर सामान्य मुहल्ला. सभी मुहल्लों में शाम होते ही मच्छर का प्रकोप काफी बढ़ जाता है. स्थिति यह होती है कि मच्छर के प्रकोप से घरों में बैठना मुश्किल हो गया है.
वार्ड स्तर पर खरीदी जानी थी मशीन : पिछले वर्ष स्थायी समिति व निगम बोर्ड से 75 फॉगिंग मशीन खरीदने की योजना को स्वीकृति दी गयी, ताकि 72 वार्ड में अपना फॉगिंग मशीन हो. इसके साथ ही तीन मशीन को सुरक्षित रखा जाना था, ताकि कहीं मशीन खराब होता है तो वैकल्पिक व्यवस्था के तहत उपलब्ध कराया जाये. लेकिन 59 फॉगिंग मशीन की ही खरीदारी की गयी, जिसमें 44 फॉगिंग मशीन चारों अंचलों में है. इसके साथ ही पर्याप्त मात्र में मच्छर मारने वाली दवा मैथेनॉल भी है, लेकिन आधे मशीन खराब होने से कहीं नियमित छिड़काव नहीं हो रहा है.