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झारखंड शिफ्ट हुई टर्फ लाइन, ऊमस से परेशानी
पटना : बिहार में एक बार फिर से मौसम ने करवट ली है. रविवार को दिनभर तीखी धूप ने राजधानीवासियों को काफी परेशान किया. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक बिहार में गया सेबंगाल की खाड़ी तक जाने वाली टर्फ लाइनरविवार की सुबह से ही झारखंड के डाल्टेनगंज में शिफ्ट हो गयी. इस कारण पटना में […]
पटना : बिहार में एक बार फिर से मौसम ने करवट ली है. रविवार को दिनभर तीखी धूप ने राजधानीवासियों को काफी परेशान किया. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक बिहार में गया सेबंगाल की खाड़ी तक जाने वाली टर्फ लाइनरविवार की सुबह से ही झारखंड के डाल्टेनगंज में शिफ्ट हो गयी. इस कारण पटना में ऊमस भरी गर्मी रही और अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हुई.
रविवार को पटना का अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री, गया का अधिकतम पारा 33.7 डिग्री, भागलपुर का अधिकतम पारा 36.4 डिग्री व पूर्णिया का अधिकतम पारा 35.0 डिग्री दर्ज किया गया. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक टर्फ लाइन बिहार से बाहर होने से अभी पटना में हल्की व साउथ वेस्ट के क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की से तेज बारिश होने की संभावना है, लेकिन बंगाल की खाड़ी में बन रहे लो प्रेशर के कारण 72 घंटे के भीतर एक बार फिर बिहार में भारी बारिश हो सकती है.
पिछले 24 घंटे में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून बिहार में सामान्य रहा है. रविवार तक पटना में 15 प्रतिशत, गया में 6 प्रतिशत, भागलपुर में 8 प्रतिशत व पूर्णिया में 21 प्रतिशत कम रिकार्ड की गयी है. पूरे प्रदेश की बात करें तो बिहार में बारिश सामान्य से 4 प्रतिशत कम बारिश हुई है.
शौचालय तक जाने में हो रही परेशानी
बीते 15 दिनों से परेशानी है. पिछली बारिश में पानी और बढ़ गया है. पूरा घर परेशान रह रहा है. खाना बनाने से लेकर राशन लाने की परेशानी है. कोई समान कहां रखा जाये, समझ नहीं आता. अभी लगभग एक माह से अधिक समय मॉनसून का सीजन रहेगा. तक तक हम लोगों को झेलना है.
इस बार नगर निगम इंद्रानगर सहित पोस्टल पार्क के इलाकों से पानी निकालने में पूरी तरह असफल है. पानी के लिए मोटर भी नहीं लगाया गया है. कई बार नाले से पानी रिवर्स भी करता है. चाहे खाना बनाना हो या सोना हो सब कुछ में परेशानी हो रही है. शौचालय भी पानी भरने से परेशानी हो रही है. पानी की सड़न से बीमारी होने का खतरा बढ़ गया है.
पंकज कुमार, इंद्रा नगर रोड नंबर चार
दर्जनों घरों के ग्राउंड फ्लोर में पानी
बारिश खत्म हुए तीन दिन हो गये, लेकिन आज भी पूरे जस्टिस राज किशोर पथ में बारिश के पानी और नाले का पानी जमा है. मेरे घर में ही नहीं, दर्जनों घरों के ग्राउंड फ्लोर में पानी घुसा है, जो बदबू दे रहा है. घर में रहना मुश्किल हो गया है.
तीन दिनों से घर में ही कैद की जिंदगी जीने को मजबूर हैं. साग-सब्जी खरीदने के लिए भी नहीं निकल रहे हैं. जनता जलजमाव की समस्या से त्रस्त है, लेकिन सांसद महोदय आराम से सोये हैं. सिर्फ चुनाव के समय दिखते है. वहीं, निगम प्रशासन भी स्थायी समाधान निकालने में नाकाम है, जिसका खामियाजा हम भुगत रहे हैं.
नरेंद्र कुमार सिन्हा, जस्टिस राज
किशोर पथ
तीन दिनों से छत पर खाना बना रहे
सबसे अधिक परेशानी भोजन को लेकर हो रही है. बीते तीन दिनों से हम लोग छत पर खाना बना रहे हैं. पहले मोटर लगाकर नगर निगम पानी निकालता था, लेकिन इस बार की बारिश में निगम की ओर से कोई मोटर नहीं लगाया गया.
घर में सीवरेज का भी पानी आ रहा है. हम लोग तीन दिनों से काम पर भी नहीं जा रहे हैं. कई अलमारियों में पानी भर गया. कपड़ा से लेकर कई समान बरबाद हो गये. इसकी जवाबदेही कौन लेगा. यहां नगर निगम का सिस्टम पूरा फेल है. हम लोग नियमित रूप से होल्डिंग टैैक्स देते हैं. अब जब बारिश में इतनी परेशानी होगी, तो कौन टैक्स भरेगा.
नीरज कुमार सिन्हा, खास महल चौराहा रोड
बच्चों और महिलाओं को रिश्तेदार के यहां भेजा
अरे भाई, एक साल की परेशानी नहीं है. हम लोग कई वर्षों से इस तरह की भीषण परेशानी झेल रहे हैं. नगर निगम का पूरा ड्रेनेज सिस्टम ही फेल है.
कहीं वाटर लेवल मेनटेन नहीं किया गया है. कंकड़बाग अंचल क्षेत्र में इस बार और परेशानी हो रही है. पोस्टल पार्क व खास महल के इलाकों से एकदम पानी नहीं खींच रहा है. मैंने घर के बच्चों और महिलाओं को बाहर रिलेशन में भेज दिया है. अब अकेले घर में हूं. बच्चों को कई दिनों तक स्कूल छोड़ना पड़ रहा है.
अंजनी सिन्हा, चिरैयाटांड़
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