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बहादुरपुर थाने के एसआइ और मुंशी पर एफआइआर, गिरफ्तार

करतूत. शराबी को छोड़ने के लिए 50 हजार में किया सौदा पटना : शराब के नशे में गिरफ्तार शख्स को थाने से छोड़ने की सेटिंग करने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गयी है. बहादुरपुर थाने में तैनात एसआइ देवपाल पासवान और मुंशी विश्वनाथ प्रसाद के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी […]

करतूत. शराबी को छोड़ने के लिए 50 हजार में किया सौदा
पटना : शराब के नशे में गिरफ्तार शख्स को थाने से छोड़ने की सेटिंग करने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गयी है. बहादुरपुर थाने में तैनात एसआइ देवपाल पासवान और मुंशी विश्वनाथ प्रसाद के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी और दोनों को उसी थाने में गिरफ्तार कर लिया गया. दरअसल, एसआइ देवपाल शनिवार की रात ओडी अफसर की ड्यूटी में थे. इस दौरान शराब के नशे में पकड़े गये आलोक रंजन को छोड़ने के लिए सेटिंग की गयी. दोनों पुलिसकर्मियों ने थानेदार से झूठ बोला.
थानेदार रात्रि गश्ती में थे, इस दौरान उन्हें बताया गया कि आलोक रंजन की ब्रेथ एनालाइजर से जांच की गयी है, शराब की पुष्टि नहीं हुई है. इस पर थानेदार को शक हुआ. वह थाने पहुंचे और आलोक रंजन का खुद से ब्रेथ एनालाइजर लगाकर जांच की. इस दौरान 109.5/100 एमएल शराब पीने की पुष्टि हुई. इस पर थानेदार ने दोनों पुलिसकर्मियों को फटकार लगायी. फिर एसएसपी से शिकायत की. इससे नाराज मनु महाराज ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज करा कर गिरफ्तार कराया. इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गयी है.
दिखाया था शराब के कड़े कानून का भय
नशे की हालत में जब आलोक रंजन (45) पकड़ा गया, तो वह पुलिस वालों के हाथ-पांव जोड़ने लगा. इस पर एसआइ देवपाल पासवान और मुंशी विश्वनाथ प्रसाद ने उसे और ज्यादा डराया. शराब को लेकर कड़े कानून और 10 साल तक जेल में सड़ने की कहानी सुना कर उसे और ज्यादा डरा दिया.फिर ओडी अफसर ने उसे समझाया. 50 हजार रुपये की डिमांड की और मुंशी को भी इसमें शामिल किया. दाेनों ने आलोक रंजन से कहा कि वह पैसे का इंतजाम करे. उसे थाने से ही छोड़ दिया जायेगा. आलोक के तैयार होते ही दोनों खुश हो गये. देवपाल ने थानेदार को उनके कॉल किया और कहा कि आलोक को वह छोड़ रहा है. क्योंकि ब्रेथ एनालाइजर की जांच में शराब पीने की पुष्टि नहीं हुई है.
दोबारा जांच की बात कही, तो उड़ गये होश
बहादुरपुर थानेदार को ओडी अफसर और मुंशी पर शक हुआ. वह भागे-भागे थाने पहुंचे गये. तब तक देवपाल और मुंशी मिल कर आलोक को छोड़ने में लगे थे. लेकिन, थानेदार ने मौके पर खुद से जांच करने की बात कही. ब्रेथ एनालाइजर लेकर थानेदार ने खुद आलोक की जांच की. इस पर शराब पीने की पुष्टि हुई. तत्काल मामले की जानकारी एसएसपी को दी गयी. जिसे एसएसपी ने गंभीरता से लिया और एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया.
सूबे में अब तक 18 पुलिसकर्मी हो चुके हैं बर्खास्त
शराबबंदी के बाद सूबे में लापरवाही या मिली भगत के आरोप में अब तक बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो चुकी है. इसमें अधिकारी रैंक के भी शामिल हैं और सिपाही रैंक के भी. अब तक का आंकड़ा देखें तो 48 पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है. इसमें एएसआइ से ऊपर के लोग शामिल हैं.
इसमें पांच लोगों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. वहीं, सिपाही रैंक के 37 लोगों पर कार्रवाई हुई है. इसमें 13 लोगों को बर्खास्त कर दिया गया है. इसके अलावा पटना के बेऊर थाने के पूरे स्टाफ को सस्पेंड किया जा चुका है. अब दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है.

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