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पटना में सामान्य से कम बारिश

ट्यूबवेल से किसान कर रहे पटवन, खेत को नहीं मिल रहा पर्याप्त पानी पटना : बिहार से मॉनसून एक बार फिर कुछ दिनों के लिए दूर निकल गया है. तीन-चार दिनों के भीतर बिहार में सामान्य से नौ प्रतिशत व पटना में सामान्य से 22 प्रतिशत कम बारिश रिकार्ड की गयी है. मौसम विभाग की […]

ट्यूबवेल से किसान कर रहे पटवन, खेत को नहीं मिल रहा पर्याप्त पानी
पटना : बिहार से मॉनसून एक बार फिर कुछ दिनों के लिए दूर निकल गया है. तीन-चार दिनों के भीतर बिहार में सामान्य से नौ प्रतिशत व पटना में सामान्य से 22 प्रतिशत कम बारिश रिकार्ड की गयी है. मौसम विभाग की मानें तो अभी तीन-चार दिन पर बारिश के आसार कम हैं.
ऐसे में पटना जिले के खेतों में पर्याप्त मात्रा में पानी की कमी के कारण किसानों की परेशानी बढ़ गयी है, क्योंकि 23 ब्लॉक में से तीन ही ब्लॉक ऐसे होंगे, जहां सरकारी स्तर पर पटवन की सुविधा है. बाकी सभी ब्लॉक में पटवन के नाम पर कुछ नहीं है.
यहां नहर का आता है पानी, पर जिले के ब्लॉक तक नहीं पहुंच पाता : – कैमूर, बक्सर, आरा के कुछ एक हिस्से में सोन नहर का पानी आता है, लेकिन यह पानी भी मध्यप्रदेश से आता है, जिसमें यूपी व बिहार दोनों का हिस्सा है.
ऐसे में यूपी में पानी अधिक चला जाता है और जो बिहार के हिस्सों में आता है, उसमें ऊपर बैठे किसान बांध बनाकर रोक लेते हैं और नीचे के हिस्से में नहर रहने के बाद भी वहां तक पानी नहीं पहुंच पाता है जिससे पटना जिले के किसान सोन नहर के पानी से भी वंचित रह जाते हैं. बिक्रम, नौबतपुर व पाली में पटवन की सुविधा है, लेकिन इन क्षेत्रों में भी नौबतपुर के किसानों को सबसे अधिक शिकायत रहती है कि उनके यहां तक नहर का पानी नहीं पहुंचता है.
वर्षों से चली आ रही इस समस्या के बावजूद कोई ठोस योजना नहीं बनने से पानी की कमी से नहर किनारे के खेत भी बंजर हो जाते हैं. दियरा का पूरा इलाका : दियारा के किसान पूरी तरह से बारिश पर निर्भर हैं, क्योंकि यहां के लोगों की खेती गंगा के पानी से होती है, लेकिन अब गंगा भी इन इलाके के लोगों से दूर होती जा रही है. अगर इस बार बारिश नहीं हुई, तो यहां के किसान सब्जी तक नहीं रोप पायेंगे.
जल्ला का इलाका : मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर, फतुहा व पटना सिटी का इलाका जल्ला का माना जाता हैं. यहां भी सरकार की ओर से पटवन की कोई व्यवस्था नहीं है. किसान पूरी तरह से बारिश पर निर्भर हैं.
यहां दलहन व प्याज की खेती छोड़ कुछ नहीं हो पाता है. अगर यहां अधिक बारिश हो गयी, तब भी यहां खेती करना मुश्किल है, क्योंकि यहां से पानी निकलने का कोई रास्ता नहीं है. बिहटा, मनेर, दानापुर, मसौढी व धनरुआ में सरकारी व प्राइवेट ट्यूबवेल से पटवन होता है, लेकिन यहां भी अगर बारिश नहीं हुई, तो कुछ क्षेत्रों को छोड़ बाकी जगहों के किसान खेती नहीं कर पायेंगे.

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