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सफाई की शिकायत कोई नहीं सुनता

हाल. नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल कार्यालय के कर्मी बने रहते लापरवाह अनिकेत त्रिवेदी पटना : दिन के लगभग एक बजे का समय. हार्डिंग रोड स्थित नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल का कार्यालय. गेट पर जलजमाव है. इसके दोनों तरफ गाड़ियां लगी हुई हैं. एक तरफ बालू जमाव भी है. जिस कार्यालय के […]

हाल. नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल कार्यालय के कर्मी बने रहते लापरवाह
अनिकेत त्रिवेदी
पटना : दिन के लगभग एक बजे का समय. हार्डिंग रोड स्थित नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल का कार्यालय. गेट पर जलजमाव है. इसके दोनों तरफ गाड़ियां लगी हुई हैं. एक तरफ बालू जमाव भी है. जिस कार्यालय के ऊपर शहर 32 वार्डों की सफाई का जिम्मा है, जमीन या मकान के म्यूटेशन करने की जिम्मेवारी, होल्डिंग टैक्स वसूली के साथ लोगों को नगर निगम की ओर से मिलने वाली कई सुविधाओं को देना है. वह बाहर से वाहनों के वर्कशॉप जैसा लग रहा है. सिर्फ नाम का बोर्ड देख कर ही निगम के कार्यालय होने का अंदाजा लगाया जा सकता है.
अंदर की स्थिति और भयावह है. कार्यालय पूरा कबाड़खाना बना हुआ है. न ही कहीं किसी का बोर्ड लगा हुआ है. हर तरह ऑटो टीपर, बाइक व निगम के वाहन लगे हुए हैं. जर्जर पुराना भवन किसी भी हालत में देखने से नहीं लग रहा की किसी नगर निगम का कार्यालय हो. म्यूटेशन से लेकर सफाई पर काेई सुनने वाला नहीं है. बस टैक्स वसूली हो रही है.
साहब मीटिंग में गये हैं, आप सिटी मैनेजर से बात कीजिए
अब शहर में सफाई व जलजमाव के लिए किस के पास शिकायत की जाये, इसकी पड़ताल की गयी. कार्यपालक पदाधिकारी के चेंबर के बाहर बैठे कर्मी से पूछ गया कि आखिर सफाई व जलजमाव की शिकायत किस से की जाये.
जवाब था कि शिकायत रजिस्टर इओ साहब के पास है, लेकिन वे बाहर मीटिंग में गये हैं. आप सिटी मैनेजर के पास जाइए. वहां जाने पर सिटी मैनेजर का चेंबर भी खाली मिला. बहुत खोजने पर किसी ने बताया कि आप उमेश बाबू से संपर्क कीजिए, उन्हीं के पास रजिस्टर है. बहुत खोजने के बाद कार्यालय में भीतर एक कुरसी पर उमेश बैठे मिले. उन से जब पूछा गया, तो कहा कि मेरे पास रजिस्टर है, लेकिन कोई शिकायत करने ही नहीं आता. 17 जुलाई के बाद कोई शिकायत नहीं दर्ज करायी गयी है. आप इतने अंदर बैठते हैं, तो कौन शिकायत करेगा, इस सवाल पर उनके पास कोई जवाब नहीं था.
न कहीं बोर्ड, न किसी को कुछ जानकारी : अंदर कार्यालय में कहीं कोई बोर्ड नहीं लगा हुआ है. सामने एक खिड़कीनुमा काउंटर पर तीन-चार लोगों की भीड़ लगी है. पूछने पर पता चला कि होल्डिंग टैक्स जमा किया जा रहा है. काउंटर पर जमीन का म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) कहां होता है, इसकी जानकारी मांगी गयी, तो बड़ी बेरूखी से जवाब मिला, हम नहीं जानते, किसी और से बात करिए. आगे बढ़ने पर बाहर खुले में ही एक टेबल पर कुछ कागजातों के साथ दो लोग बैठे थे. इन लोगों से भी पूछा गया कि आखिर म्यूटेशन कहां किया जाता है, तो जवाब मिला कि ऑनलाइन कीजिए.
नगर आयुक्त ने कहा, जिम्मेवार से पूछिए, इओ ने कहा दिखेगा असर : जब नगर आयुक्त अभिषेक सिंह से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा इसकी जिम्मेवारी कार्यपालक पदाधिकारी की है, आप उनसे पूछिए. वहीं जब कार्यपालक पदाधिकारी शैलेश कुमार से बात की गयी, तो उन्होंने कहा कि अभी मुझे यहां आये कम समय हुआ है. एक एक्शन प्लान बनाया गया है.

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