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एम्स में चौबीस घंटे क्यों नहीं हो रहा इमरजेंसी में इलाज, कोर्ट नाराज
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 24 घंटे आपातकाल सेवा उपलब्ध नहीं होने पर नाराजगी जतायी है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार-सप्ताह के भीतर जवाब-तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायाधीश डाॅ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने देविका विश्वास की ओर से दायर लोकहित […]
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 24 घंटे आपातकाल सेवा उपलब्ध नहीं होने पर नाराजगी जतायी है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार-सप्ताह के भीतर जवाब-तलब किया है.
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायाधीश डाॅ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने देविका विश्वास की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया. अदालत को बताया गया कि राजधानी में एम्स की स्थापना इसी उद्देश्य के साथ की गयी थी कि बिहारवासियों को चौबीसों घंटे बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मिल सके. लेकिन, इस अस्पताल में चौबीस घंटे चिकित्सकीय सुविधा की बात तो छोड़ दी जाये, न तो यहां ट्रामा सेंटर है और न ही ब्लड बैंक की सुविधा है. इससे आमजनों को आपातकाल में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
सिपाही बहाली मामले में आदेश सुरक्षित : पटना उच्च न्यायालय ने राज्य में 10 हजार सिपाहियों की हुई बहाली मामले में बिहार सरकार की ओर से दायर एलपीए (अपील) पर सुनवाई पूरी करते हुए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी एवं न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने सिपाही बहाली मामले में दायर राज्य सरकार की दर्जनों अपीलों पर एक साथ सुनवाई की. गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में अदालत ने राज्य सरकार को बहाली से संबंधित मास्टर चार्ट को अदालत में प्रस्तुत करने को कहा था. सोमवार को राज्य सरकार की ओर से मास्टर चार्ट अदालत में प्रस्तुत किया गया.
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