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बिहार में हर साल छह लाख कैंसर के नये मरीज
भारत में कैंसर से हर साल होती है आठ से 10 लाख रोगियों की मौत फुलवारीशरीफ : कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ प्रीतांजलि ने कहा कि कैंसर रोग की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारत में कैंसर से हर साल आठ से 10 लाख रोगियों की मौत होती है. इतना ही […]
भारत में कैंसर से हर साल होती है आठ से 10 लाख रोगियों की मौत
फुलवारीशरीफ : कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ प्रीतांजलि ने कहा कि कैंसर रोग की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारत में कैंसर से हर साल आठ से 10 लाख रोगियों की मौत होती है. इतना ही नहीं बिहार में हर साल पांच से छह लाख मरीजों को कैंसर अपनी चपेट में ले रहा है.
इसके इलाज के लिए बिहार में ही कम-से- कम एक सौ रेडियोथेरेपी की लीनियर एक्सलेटर मशीन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि रेडियोथेरेपी की मशीन के अभाव में लाखों कैंसर के मरीजों का उचित इलाज नहीं हो पा रहा है. डॉ प्रीतांजलि रविवार को पटना एम्स में आयोजित एसोसिएशन ऑफ रेडिएशन ऑफ ऑनकोलॉजिस्ट (एआरओआइ-आइसीआरओ) की बिहार चैप्टर की दो दिवसीय सेमिनार को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिहार में मात्र दो ही रेडियोथेरेपी की मशीनें हैं, जिनमें एक महावीर कैंसर संस्थान में और दूसरा पारस हॉस्पिटल में है.
उन्होंने कहा कि मुंह और गले के कैंसर रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.आलम यह है कि हर वर्ष मुंह और गले के कैंसर से पीड़ित 10 लाख रोगी सामने आ रहे हैं, जिनमें से आधे से अधिक मरीजों की मौत बीमारी की पहचान होने तक हो जाती है.सेमिनार को कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ वेदांत मूर्ति, डॉ सुप्रिया चोपड़ा ,डॉ गिरी आदि ने संबोधित किया. मौके पर डॉ पीएन पांडेय, डॉ विनीता त्रिवेदी, डॉ रीता रानी, डॉ ऋचा, डॉ दिनेश सिंह आदि मौजूद थे.
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