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पटना एयरपोर्ट पर बढ़ाये जायेंगे चार काउंटर, एम्स की तरफ से बन सकता है फुट ओवरब्रिज

पटना: पटना एयरपोर्ट पर यात्री सुविधाएं बढ़ायी जायेंगी. शनिवार को यहां संपन्न एयरपोर्ट सलाहकार समिति की बैठक के बाद एयरपोर्ट के निदेशक आरएस लाहौरिया ने कहा कि टर्मिनल बिल्डिंग को कैनोपी की तरफ बढ़ाया जायेगा. यात्रियों की सुविधा के लिए चार काउंटर और लगाये जायेंगे. इसमें तीन क्यूट होंगे जबकि एक मैनुअल. रजिस्टर्ड बैगेज मशीन […]

पटना: पटना एयरपोर्ट पर यात्री सुविधाएं बढ़ायी जायेंगी. शनिवार को यहां संपन्न एयरपोर्ट सलाहकार समिति की बैठक के बाद एयरपोर्ट के निदेशक आरएस लाहौरिया ने कहा कि टर्मिनल बिल्डिंग को कैनोपी की तरफ बढ़ाया जायेगा. यात्रियों की सुविधा के लिए चार काउंटर और लगाये जायेंगे. इसमें तीन क्यूट होंगे जबकि एक मैनुअल. रजिस्टर्ड बैगेज मशीन (एक्सरे मशीन) की संख्या भी दो से बढ़ाकर तीन कर दी जायेगी. इस अवसर पर सलाहकार समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि छोटे रनवे के कारण पटना देश का सबसे तेजी से बढ़ रहा एयरपोर्ट है. यहां पैसेंजर ग्रोथ तीस फीसदी से ऊपर जा चुका है.

जहां तक संभव है हम यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं. सलाहकार समिति की बैठक में एयरो ब्रिज, पार्किंग फैसेलिटी, फास्ट फूड, कैफेटेरिया आदि को यहां बनाने पर सहमति बनी है. एम्स के तरफ से फुट एयरब्रिज बनाने के बारे में भी कलेक्टर से बातचीत हुई है. एंबुलेंस, ऑरो , फॉगिंग जैसे यात्रियों के स्वास्थ्य और स्वच्छता से संबंधित मुद्दों पर भी समिति की बैठक में विस्तृत चर्चा हुई और सहमति भी बनी.

बिहटा एयरपोर्ट : पायलट को चालीस किमी दूर से ही दिखने लगेगा रनवे, लगेगा आइएलएस कैट टू लोकलाइजर बिहटा एयरपोर्ट पर इंस्टूमेंट बेस्ड लैंडिंग सिस्टम का सेंकेंड जेनरेशन कैट टू लगाया जायेगा. इसके कारण यहां उतरने वाले विमानों के पायलट को 40 किमी दूर से ही रनवे नजर आने लगेगा.
तीन उपकरणों के सहारे काम करेगा कैट टू लोकलाइजर : रनवे के एक तरफ लगाये जाने वाले ये इंस्ट्रूमेंट एक विशेष इलेक्ट्रानिक सिग्नल छोड़ेंगे, जो 25 नाॅटिकल मील (लगभग 40 किमी) दूर से ही विमानों में लगे उपकरणों के द्वारा रिसीव कर लिये जायेंगे और पायलट को डिस्प्ले में वर्चुअल रनवे दिखने लगेगा. इसकी एक बड़ी विशेषता होगी कि किसी भी तरह के माैसम में यह काम करेगा और घने कोहरा से लेकर मूसलाधार बारिश की स्थिति में भी पायलट के लिए रनवे की अवस्थिति का अनुमान लगाना मुश्किल नहीं होगा. इससे विमान जाड़े या बरसात में अनावश्यक रुप से विलंबित या रद्द नहीं होंगी.
ग्लाइड पाथ : यह उपकरण यहां उतरनेवाले विमान को लैंडिंग ऐंग्ल बतायेगा. आमतौर पर लैंडिंग एंग्ल दो से चार डिग्री के बीच में होता है लेकिन यह उपकरण तीन डिग्री के आसपास ही लैंडिंग ऐंगिल को बनाये रखता है. 10 नॉटिकल मील 18 किमी दूर से ही यह उपकरण काम करने लगता है. ऐंगिल के कम या अधिक होने की स्थिति में भी यह विमान चालकों को जानकारी देता है, जिससे पायलट विमान को ऊपर नीचे ले जाकर ऐंग्ल एडजेस्ट कर सकता है. अधिक नीचे जाने की स्थिति में भी यह चेतावनी देता है, जिससे टावर आदि से टकराने की अाशंका नहीं रहती है.
एप्रोच लाइटिंग सिस्टम : रनवे के अंतिम सिरे से 900 मीटर की दूरी तक बिहटा एयरपोर्ट पर एक विशेष प्रकार की लाइटिंग लगायी जायेगी.यह सामान्य लाइट की तुलना में दूर से ही पायलट को नजर आयेगी और उसे लैंड करने में सुविधा होगी.
अब तक बड़े महानगरों में ही : आइएलएस कैट टू अब तक कोलकाता, चेन्नई जैसे बड़े महानगरों में ही है. बिहटा बिहार का पहला एयरपोर्ट बनेगा, जहां यह अत्याधुनिक सिस्टम लगाया जा रहा है. पटना एयरपोर्ट पर अभी कैट 1 सिस्टम लगा है जिसकी क्षमता सीमित है. विमानों को लैंड करने के लिए 1200 मीटर विजिबलिटी की जरूरत पड़ती हे जबकि कैट टू में 500 से 800 मीटर की विजिबिलिटी में भी विमान उतारा जा सकता है.

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