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राजभवन खामोशी से देखता रहा एक अणे मार्ग
पटना : मंगलवार को राजनीति का केंद्र बिंदू एक अणे मार्ग बना रहा. जदयू की यहां महत्वपूर्ण बैठक हुई. उस समय बैठक चल रही थी उस समय खामोशी से एक अणे मार्ग को चंद कदमों की दूरी से राजभवन देख रहा था. पूर्णकालिक राज्यपाल नहीं रहने कारण एेसे भी राजभवन में कोई खास गतिविधि नहीं […]
पटना : मंगलवार को राजनीति का केंद्र बिंदू एक अणे मार्ग बना रहा. जदयू की यहां महत्वपूर्ण बैठक हुई. उस समय बैठक चल रही थी उस समय खामोशी से एक अणे मार्ग को चंद कदमों की दूरी से राजभवन देख रहा था. पूर्णकालिक राज्यपाल नहीं रहने कारण एेसे भी राजभवन में कोई खास गतिविधि नहीं है लेकिन आनेवाले समय में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होनेवाली है. मुख्यमंत्री निवास एक अणे मार्ग में भारी सुरक्षा के बीच जदयू की बैठक चल रही थी .आमंत्रित को अलावा किसी को वहां जाने की अनुमति नहीं थी.
बाहर पार्टी नेताओं व मीडियाकर्मियों की भीड़ लगी हुई थी. सभी को अंदर की बात तो जानने की इच्छा थी लेकिन कुछ पता नहीं चल रहा था. मौसम सुहावना था, लेकिन अणे मार्ग की अंदर की राजनैतिक तपिश को सभी महसूस कर रहे थे. लोग कयासबाजी लगा रहे थे और आनेवाले समय में राजभवन की भूमिका को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था. जितनी मुंह उतनी बातें. साढ़े तीन बजे नेता एक-एक कर अणे मार्ग से बाहर निकलने लगे.
सभी की मुंह बंद था बस सब यही कह रहे थे कि संगठन की मजबूती और पार्टी के कार्यक्रमों को लेकर बैठक में चर्चा हुई. मौजूदा राजनीतिक स्थिति या तेजस्वी के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं ङुई. कइयों ने कहा हम बैठक के बारे में कुछ नहीं जानते. नेताओं से पूछिए. वैसे उनकी जुबान भले ही बंद थी लेकिन उनकी खामोश आंंखे बहुत कुछ कह रही थी. अगर उनके हावभाव व इशारे को समझा जाये आनेवाले समय में राजनीति करवट लेगी.
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