पटना: जदयू ने चुनाव आयोग द्वारा भोजपुर के डीएम और मुजफ्फरपुर के एसएसपी, कटिहार व समस्तीपुर के एसपी समेत पटना सदर के एसडीओ के तबादले को औचित्यविहीन और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. पार्टी का कहना है कि चुनाव आयोग ने कांग्रेस और भाजपा नेताओं की झूठी शिकायतों पर यह कदम उठाया है. चूंकि ये अधिकारी पिछड़ी जाति के हैं, इसलिए उनको हटाया गया.
जदयू सांसद अली अनवर, पार्टी के प्रदेश महासचिव नवीन कुमार आर्य, रवींद्र सिंह, अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मो सलाम व उदय शंकर प्रजापति ने कहा कि बिहार में अपनी कमजोर स्थिति भांप कर कांग्रेस, भाजपा और उनके सहयोगी दलों ने अभी से पदाधिकारियों पर अनर्गल आरोप लगाने शुरू कर दिये हैं. साथ ही दिल्ली में लॉबी करके चुनाव आयोग को प्रभावित करने में लगे हैं. जदयू नेताओं ने चुनाव आयोग से अपील की है कि विरोधी दलों के निराधार आरोपों की विस्तृत जांच के बाद ही ऐसा कोई कदम उठाया जाये, नहीं तो चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था के प्रति लोगों के मन में सवाल उठने लगेंगे.
इधर, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आर लक्ष्मणन ने बताया कि चुनावी कार्यो से अलग किये गये पदाधिकारियों को ब्लैकलिस्टेड नहीं किया गया है. आयोग ने इन पदाधिकारियों को ऐसी जगह पर पोस्टिंग की है, जहां चुनाव से कोई मतलब नहीं है.