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अब जैविक खेती को मिलेगा बढ़ावा, बनेगा कॉरिडोर
दीपक कुमार मिश्रा पटना : जैविक खेती को बढ़ावा देने के मुख्यमंत्री की कल्पना को साकार रूप देेने में कृषि विभाग जुट गया है. कृषि विभाग ने जैविक खेती के लिए राज्य में कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया है. पहले चरण में पटना से बेगूसराय और पटना से बिहारशरीफ के बीच कॉरिडोर बनेगा. गांवों के […]
दीपक कुमार मिश्रा
पटना : जैविक खेती को बढ़ावा देने के मुख्यमंत्री की कल्पना को साकार रूप देेने में कृषि विभाग जुट गया है. कृषि विभाग ने जैविक खेती के लिए राज्य में कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया है. पहले चरण में पटना से बेगूसराय और पटना से बिहारशरीफ के बीच कॉरिडोर बनेगा.
गांवों के चयन के बाद इसकी डीपीआर बनेगी. सबकुछ ठीक रहा तो अगली रबी फसल से इस पर अमल भी शुरू हो जायेगा. कृषि विभाग इसके रोडमैप की तैयारी में जुट गया है. एक मोटे अनुमान के अनुसार पहले फेज में करीब ढाई सौ गांवों में जैविक खेती होगी. राज्य के बनने वाले तीसरे कृषि रोडमैप में जैविक खेती पर खास फोकस हेागा. मुख्यमंत्री ने इस बात का संकेत पिछले दिनों संपन्न हुए किसान समागम में भी दिया था.
मुख्यमंत्री की इच्छा है कि देश की हर थाली में एक व्यंजन बिहार का हो. शुरू में जैविक खेती सब्जी की होगी. कृषि के जानकार बताते हैं कि जैविक खेती मंहगी पड़ती है, लेकिन इससे आमदनी भी अधिक होती है. अभी पूरी दुनिया स्वास्थ्य और पर्यावरण को लेकर अधिक जागरूक हो गयी है. ऐसे में आने वाले समय में जैविक सामानों की मांग भी बढ़ेगी.
पहले चरण में पटना से बेगूसराय व पटना-बिहारशरीफ के बीच बनेगा कॉरिडोर
गंगा के दक्षिणी हिस्से में जैविक खेती को दिया जायेगा बढ़ावा : राज्य में बक्सर से लेकर भागलपुर तक गंगा के दक्षिणी भाग में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जायेगा. पहले चरण में यह काम पटना से बेगूसराय के बीच होगी. इसके अलावा सब्जी उत्पादन वाले जिलों में भी इसे बढ़ावा दिया जाएगा. इस कड़ी में पहले फेज में पटना से बिहारशरीफ के बीच नेशनल हाइवे से सटे इलाकों को जैविक खेती के लिए विकसित किया जायेगा. विभाग के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि कॉरिडोर के रूप में विकसित होनेवोले सभी जिले के कृषि पदाधिकारियों से गांव तय करने के लिए कहा गया है, ताकि जैविक कॉरिडोर को रूप में उसे विकसित किया जा सके.
हर जिले में एक गांव होगा जैविक ग्राम : जैविक कॉरिडोर के अलावा हर जिले में एक गांव को जैविक ग्राम के रूप में विकसित किया जायेगा. यहां पर जैविक खेती के अलावा जैविक खेती के लिए आधार बीज भी तैयार किया जायेगा. इसके लिए सरकार वहां के किसानों को अनुदान भी उपलब्ध करायेगी.
जैविक खेती के लाभ : जैविक उत्पाद पर्यावरण के अनुकुल होता है तथा यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होता है. लाभकारी जीवाणु को पनपने का मौका मिलेगा. जमीन अच्छी होगी. गंगा में जो पानी जायेगा, वह रसायनयुक्त नहीं होगा. इससे जलीय जीवों की रक्षा होगी. यहां गंगा में बहुतायत में डाॅल्फिन पाये जाते हैं. रसायनिक खादों और कीटनाशकों से उन पर खतरा उत्पन्न हो गया है. इससे बचाव होगा.
जल्द ही किया जायेगा विकसित
राज्य सरकार जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है. इससे पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों का लाभ मिलेगा. राज्य में जैविक कॉरिडोर के निर्माण की दिशा में तेजी से काम चल रहा है. जल्द ही यह विकसित होगा.
राधा रमण, प्रभारी पदाधिकारी कृषि विभाग (जैविक खेती)
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