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एक जुलाई से बिहार में भी जीएसटी लागू, पेट्रोलियम पर वैट जारी

कैबिनेट ने दी मंजूरी, वाणिज्य कर की सभी पांच जांच चौकियां बंद पटना : पूरे देश के साथ-साथ बिहार में भी 1 जुलाई से जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) एक समान रूप से लागू हो जायेगा. बुधवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग गयी. देश की तर्ज पर ही बिहार में […]

कैबिनेट ने दी मंजूरी, वाणिज्य कर की सभी पांच जांच चौकियां बंद
पटना : पूरे देश के साथ-साथ बिहार में भी 1 जुलाई से जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) एक समान रूप से लागू हो जायेगा. बुधवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग गयी. देश की तर्ज पर ही बिहार में भी जीएसटी के दायरे से पेट्रोलियम पदार्थों को दूर रखा गया है.
अन्य राज्य में पेट्रोलियम पदार्थ और विदेशी शराब को इसके दायर में नहीं रखा गया है, लेकिन बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के कारण सिर्फ पेट्रोलियम पदार्थ को ही यहां इस दायरे में रखा गया है. इस पर मौजूदा वैट कर व्यवस्था के तहत 18 से 23 प्रतिशत की दर से टैक्स लगता रहेगा. जीएसटी के लागू होने से वाणिज्य कर विभाग में कई स्तर पर बड़े बदलाव हो जायेंगे. साथ ही टैक्स संग्रहण की पूरी व्यवस्था ही बदल जायेगी. इसे पूरी तरह से लागू करने के लिए विभागीय स्तर पर करीब 25 अधिसूचना 30 जून तक जारी की जायेगी. जीएसटी के लागू होने से राज्य में मौजूद वाणिज्य कर विभाग की सभी पांच चौकियां बंद हो जायेंगी. चूंकि इन चौकियों से गुजरने वाले वाहनों के परमिट या सामानों के जांच की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी. हालांकि विभागीय स्तर पर आगामी छह महीने में यह तय किया जायेगा कि इन चौकियों का क्या उपयोग किया जाये.
फिलहाल इनकी देखभाल पहले की तरह ही होती रहेगी. राज्य में पांच स्थानों पर वाणिज्य कर विभाग की जांच चौकी है, जिसमें डोभी (गया), रजौली (नवादा), दालकोला (पूर्णिया), जलालपुर (गोपालगंज) और करमनासा (बक्सर) शामिल हैं. जीएसटी में एक इ-वेब पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जिसे पूरी तरह से कार्य करने में दो से तीन महीने का समय लगेगा.
इसके बाद जितने भी ट्रक जिस भी राज्य से माल लेकर चलेंगे या जिस राज्य में पहुंचेंगे, उनका चालान ऑटोमेटिक ऑनलाइन जेनेरेट होगा. इसे कही से आसानी से देखा और मॉनीटरिंग भी की जा सकती है. परंतु इस व्यवस्था के पूरी तरह से शुरू होने तक बिहार में पहले की तरह ही चालान की व्यवस्था रहेगी. दूसरे राज्यों से बिहार में माल लाने के लिए डी-19 चालान और यहां से बाहर माल भेजने के लिए दूसरे चालान की जरूरत पड़ेगी. वेब पोर्टल के चालू होने तक यह व्यवस्था रहेगी. इसके बाद यह पूरी तरह से खत्म हो जायेगा.
छोटे रेस्टोरेंट में लगेगा कम टैक्स
राज्य में निबंधित वैसे रेस्टोरेंट और ऐसे अन्य व्यावसायिक संस्थान जिनका पिछले वर्ष टर्न ओवर 75 लाख से कम था और रेस्टोरेंट में सेवा समेत भोजन सर्व करते हैं. उन्हें राज्य सरकार को 0.5, एक और 2.50 प्रतिशत की दर से टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा. इन्हें अलग-अलग सेवा के लिए अलग टैक्स देना होगा. यह नयी टैक्स व्यवस्था मौजूदा सर्विस टैक्स (12 से 14 प्रतिशत) से काफी कम है. इसमें पान मसाला, आइसक्रीम और तंबाकू उत्पाद के व्यवसाय से जुड़े लोग शामिल नहीं होंगे.

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