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गंगा में गाद : गंभीर समस्या, सर्वे के बाद एक मत हुए विशेषज्ञ

पटना: गंगा में गाद की समस्या और बिहार में हर साल आनेवाली बाढ़ और गंगा की अविरलता को लेकर नौ विशेषज्ञों की टीम ने सोमवार को बक्सर से फरक्का बराज तक का हवाई सर्वेक्षण किया. विशेषज्ञों ने एक स्वर से माना कि गंगा में गाद की गंभीर समस्या है. विशेषज्ञों की टीम में शामिल सर्वोच्च […]

पटना: गंगा में गाद की समस्या और बिहार में हर साल आनेवाली बाढ़ और गंगा की अविरलता को लेकर नौ विशेषज्ञों की टीम ने सोमवार को बक्सर से फरक्का बराज तक का हवाई सर्वेक्षण किया. विशेषज्ञों ने एक स्वर से माना कि गंगा में गाद की गंभीर समस्या है. विशेषज्ञों की टीम में शामिल सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोपाल गौड़ ने बताया कि बक्सर से फरक्का तक गंगा नदी में गाद की भीषण समस्या है. इसके निदान के लिए विशेषज्ञों का सुझाव है कि फरक्का बराज का पुन: अवलोकन करने की आवश्यकता है.

इंडो-बांग्लादेश संधि पर भी विचार करने की आवश्यकता है. बराज को इस तरह से रिडिजाइंड करने की पहल हो कि नदी में गाद का जमाव नहीं हो. विशेषज्ञों ने कहा कि वह अपनी अनुशंसा भारत सरकार और बिहार सरकार दोनों को देंगे. हवाई सर्वेक्षण से लौटे न्यायमूर्ति गौड़ ने बताया कि विशेषज्ञों की सर्वसम्मति से अनुशंसा है कि बक्सर से फरक्का के बीच गंगा नदी का एक समग्र रूप से हाइड्रोलाजिकल अध्ययन किया जाना चाहिए. बक्सर के ऊपर स्थित सभी संरचनाओं से बिहार की गंगा नदी के लिए न्यूनतम जलस्राव छोड़ा जाये.

उन्होंने बताया कि गंगा नदी में गाद को लेकर एक कंप्रीहेंसिव सिल्ट समस्या की नीति तैयार हो. केंद्र सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करे. गंगा में जुलाई-सितंबर तक आनेवाली बाढ़ से बिहार सरकार को 200-300 करोड़ का खर्च बचाव व राहत कार्य पर करती है. नदी की वर्तमान स्थिति इसके खराब प्रबंधन के कारण हुई है. जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने बताया कि गंगा में रेगिस्तान बढ़ रहा है. गंगा अविरल नहीं बहेगी तो लोगों को कष्ट होगा.

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