पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रदेश में मूल समस्या जमीन विवाद की है. यह समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. आबादी बढ़ गयी है, जमीन के टुकड़े हो गये हैं और विवाद भी बढ़ गया है. लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून में सबसे अधिक भूमि संबंधित ही शिकायतें आती हैं. जमीन विवाद की जटिलता बढ़ रही है. इसमें आवश्यक बदलाव की जरूरत है, ताकि इस तरह की समस्याएं न हो. मुख्यमंत्री ने लोक संवाद में इसके लिए राजस्व व भूमि सुधार विभाग और निबंधन को पूरी व्यवस्था में बदलाव करने का निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा कि पहले भी इस तरह की बात सामने आयी है कि किसी के नाम की जमीन को कोई दूसरा भी रजिस्ट्रेशन करा लेता था. ऐसी समस्याओं का हल निकालना चाहिए. सरकार किसी से जमीन खरीदती नहीं, बल्कि उसका अधिग्रहण करती है और उसका मुआवजा देती है. जमीन खरीद-बिक्री आपस में लोग करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड रखा जा सकता है तो जमीन के रिकॉर्ड रखने में क्या समस्या है. इसे दूर करना चाहिए. मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में आयोजित लोक संवाद में इससे पहले एसडीओ सुबोध कुमार ने राजस्व व भूमि सुधार विभाग और निबंधन विभाग से संबंधित सुझाव सरकार के सामने रखे.
उन्होंने कहा कि जमीन की बिक्री से पहले उसकी नापी कराकर घेराबंदी की जाये, इससे नापी विवाद खत्म हो जायेगा. साथ ही लगान रसीद में खाता-खेसरा में चौहद्दी की चर्चा नहीं होती है. हर खेसरा की अलग से रसीद होनी चाहिए. जमीन की लेटेस्ट रसीद होनी चाहिए, तभी उसकी बिक्री हो. जमीन किसी की है और उनकी मृत्यु हो जाती है तो भी उन्हीं के नाम पर रजिस्ट्रेशन करवाते रहते हैं और एक ही जमीन को दो-दो लोग बेच देते हैं. उसका लोग बंटवारा भी नहीं करते हैं. ऐसे में बंटवारा शुल्क को कम किया जाये या फिर रद्द किया जाये. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजस्व व भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह ने इन सुझावों को सराहा. विवेक कुमार सिंह ने कहा कि विभाग एक्ट में संशोधन करने जा रही है.
लेटेस्ट रजिस्ट्रेशन के आधार पर ही जमीन की बिक्री की जायेगी. विभाग 15 अगस्त से शहरी क्षेत्रों में जमाबंदी रसीद का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने जा रही है. इसमें पता चल जायेगा कि रसीद किसके नाम से कटी है.
लोक संवाद से सत्ता में जनता की बढ़ रही भागीदारी : राजीव
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि लोक संवाद कार्यक्रम से सत्ता में जनता की भागीदारी बढ़ रही है. जनता के सुझावों के आधार पर सरकारी कार्यक्रम और योजनाएं तय की जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रदेश में विभिन्न यात्राएं करके और पटना में भी रहते हुए लोगों से मिलते-जुलते रहते हैं. वे अपनी सरकार के बारे में फीडबैक लेते रहे हैं, बल्कि तब भी उपयोगी जन सुझावों को सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों में भी बदलते रहे हैं. उन्होंने कहा कि जन सुझावों के कार्यक्रम को विषयवार, नियमित व व्यवस्थित रूप देना नीतीश कुमार के व्यक्तित्व को दिखाता है. जन भागीदारी से लोकतंत्र को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता भी सामने आती है.