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56 जलापूर्ति योजनाओं का काम समय पर पूरा नहीं
पटना : राज्य में ग्रामीण क्षेत्र में जलापूर्ति योजना को पूरा करने में कांट्रैक्टर नाकाम रहे. नतीजन करोड़ों की राशि खर्च होने के बावजूद लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पाया. पटना सहित छह जिले नालंदा, भागलपुर, बांका, मुंगेर व जमुई के ग्रामीण क्षेत्रों में सुखाड़, आर्सेनिक ग्रस्त क्षेत्राें में जलापूर्ति पाइप योजनाओं के […]
पटना : राज्य में ग्रामीण क्षेत्र में जलापूर्ति योजना को पूरा करने में कांट्रैक्टर नाकाम रहे. नतीजन करोड़ों की राशि खर्च होने के बावजूद लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पाया. पटना सहित छह जिले नालंदा, भागलपुर, बांका, मुंगेर व जमुई के ग्रामीण क्षेत्रों में सुखाड़, आर्सेनिक ग्रस्त क्षेत्राें में जलापूर्ति पाइप योजनाओं के तहत पीने का पानी पहुंचाना था. कांट्रैक्टरों को मुख्यमंत्री चापाकल योजना के तहत चापाकल लगाने के अलावा ग्रामीण व लघु जलापूर्ति योजनाओं पर काम करना था. अलग-अलग 56 योजनाओं के द्वारा पीने का पानी पहुंचाना था.
जलापूर्ति योजनाओं का काम अलग-अलग 26 कांट्रैक्टरों को मिला. कांट्रैक्टरों के साथ काम पूरा करने को लेकर दो साल पहले एग्रीमेंट हुआ था, लेकिन कांट्रैक्टरों ने निर्धारित समय तक काम पूरा नहीं किया. अब लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग एग्रीमेंट की शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में उन सारे कांट्रैक्टरों को अगले किसी भी टेंडर में भाग लेने पर रोक लगा दी है. छह जिलों में 56 जलापूर्ति योजनाओं का काम पूरा करने के लिए 26 कांट्रैक्टरों को अलग-अलग सारे काम मिले थे. एग्रीमेंट के अनुसार कांट्रैक्टरों ने निर्धारित समय पर काम पूरा नहीं किया.
अब विभाग एग्रीमेंट के उल्लंघन के आरोप में सभी कांट्रैक्टरों को अगले किसी भी टेंडर में भाग लेने पर रोक लगा दी है. इसमें अधिकांश कांट्रैक्टर राज्य के हैं, जबकि एक कांट्रैक्टर हैदराबाद की आइवीआरसीएल है. विभागीय सूत्र ने बताया कि सारे कांट्रैक्टरों को अगले टेंडर में भाग लेने से वंचित कर दिया गया है.
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