अंकित आनंद, भागलपुर
बांका मद्य निषेध विभाग की ओर से कार से शराब मिलने के बाद कार जब्त कर नीलाम कर दिया गया था. मामला दो साल पूर्व का है. वहीं अब इस मामले में एक बड़ा फैसला पटना हाईकोर्ट ने दिया है. जब्ती के बाद नीलाम की गयी कार को अब वापस करने का आदेश दिया गया है. वहीं याचिकाकर्ता को 50 हजार मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया है.
चेकिंग के दौरान एक कार से बरामद हुई थी शराब
बांका जिला के मद्य निषेध विभाग की टीम ने चेकिंग के दौरान एक कार से सवा लीटर शराब बरामद किया था.मामला दो साल पूर्व का है. मामले में केस दर्ज करने के बाद वाहन और बरामद शराब को जब्त करने की प्रक्रिया की गयी. कार मालिक ने जिला प्रशासन से लेकर आबकारी आयुक्त तक को पिटीशन देकर मामले में जांच कराने और उचित कार्रवाई करने की मांग की.
बांका के तत्कालीन डीएम सुहर्ष भगत ने करवायी नीलामी
आबकारी आयुक्त की ओर से मामले की जांच और आवेदक का पक्ष सुनने के बाद नये सिरे से आदेश पारित करने का निर्देश दिया गया. इधर उक्त अपील के लंबित रहने के दौरान ही मामले में बांका के तत्कालीन डीएम सुहर्ष भगत के द्वारा घटना के पांच माह बाद उक्त वाहन की नीलामी का आदेश निकाल कर वाहन नीलाम कर दिया गया.
अब मुआवजा भी देना होगा
उक्त मामले को लेकर आवेदक हाई कोर्ट चला गया. वहां सुनवाई के बाद पूरे मामले में विभाग और प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आयी. हाई कोर्ट की ओर से नीलाम की गयी कार को वापस दिलाने का निर्देश दिया गया. साथ ही 50 हजार रुपये का मुआवजा भी देने का आदेश दिया गया है.
याचिकाकर्ता की क्या थी अपील :
भागलपुर जिला के अकबरनगर स्थित रन्नुचक के रहने वाले संदीप कुमार नीलाम की गयी कार (वैगनआर बीआर 01 इवी 5108 ) के मालिक हैं. उनके द्वारा हाई कोर्ट में दिये गये पिटीशन में अपील की गयी कि विगत 1 दिसंबर 2020 को जब उनके भाई उनकी कार से देवघर से लौट रहे थे तो बांका जिला के भलजोर चेक पोस्ट पर मौजूद पुलिस ने उनकी कार से करीब 1.250 लीटर विदेशी शराब बरामद करने का दावा किया था.
उक्त मामले में एक्साइज केस दर्ज कर वाहन को जब्त कर लिया गया. उन्होंने मामले को लेकर कई जगहों पर अपील की और मामले में डीएम को जांच का भी निर्देश दिया गया. याचिकाकर्ता का कहना था कि उनके वाहन को अपील कार्यवाही के दौरान ही दुर्भावना से नीलाम कर दिया गया. जबकि अपील के लंबित रहने के दौरान वाहन की नीलामी नहीं की जा सकती थी.
हाई कोर्ट ने क्या दिया आदेश :
मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए पटना हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि अधिनियम के तहत अनुचित जल्दबाजी में जब्त किया गये वाहन को वैधानिक प्रक्रिया के विपरीत जाकर नीलाम कर दिया गया. उक्त वाहन को नीलाम करने के लिए दिये गये नीलामी बिक्री आदेश को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाये. साथ ही याचिकाकर्ता के वाहन के साथ-साथ वाहन में हुई टूट फूट के लिए 50 हजार रुपये मुआवजा के तौर पर दिया जाये. यह निर्गत आदेश के चार सप्ताह के भीतर किया जाये.
बांका डीएम बोले..
हाई कोर्ट की ओर से प्राप्त आदेश का हर हाल में अनुपालन कराया जायेगा. जिस नीलामी आदेश पत्र के तहत वाहन को नीलाम किया गया था उसे रद्द करते हुए वाहन मालिक को नीलाम की गयी गाड़ी वापस दिलायी जायेगी. साथ ही कोर्ट के आदेशानुसार 50 हजार रुपये मुआवजा याचिकाकर्ता को मुहैया कराने के लिए विभाग की ओर से फंड आवंटित किये जाने के बाद उन्हें सौंप दिया जायेगा.''''
- अंशुल कुमार, डीएम, बांका.
बोले उत्पाद अधीक्षक
हाईकोर्ट का आदेश प्राप्त हुआ है. कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा. मामले में विभाग से परामर्श करके आगे की कार्रवाई की जा रही है.
अरुण कुमार मिश्रा
उत्पाद अधीक्षक, बांका
Published By: Thakur Shaktilochan