New Coronavirus, Bihar News : यूरोपीय देशों समेत दुनिया भर के कई में कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन (coronavirus New Strain) ने पैर पसारना शुरू कर दिया है. इसे लेकर भारत के सभी राज्यों में पहले से ज्यादा एहतियात बरता जा रहा है. खास कर यूके यानी ब्रिटेन से हाल के दिनों में लौटे लोगों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. इसी क्रम में बिहार में ब्रिटेन से 96 लोग लौटे हैं, जिसे लेकर बिहार सरकार हरकत में आ गई है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर मंगलवार को 21 नवंबर से 21 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से पटना आए सभी 96 लोगों की आरटी-पीसीआर जांच (RT-PCRTest) की जा रही है. आज यानी बुधवार को सभी 96 लोगों के सेंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजे जाएंगे. बताया जा रहा है कि गुरुवार तक सभी की रिपोर्ट आ भी जाएगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, पटना की सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह ने बताया है कि पटना एयरपोर्ट प्रशासन ने ब्रिटेन से लौटे जिन 96 लोगों की सूची मुहैया कराई है, उसके आधार पर कार्रवाई शुरू की गई है. सभी चिकित्सा प्रभारियों को उनके क्षेत्र में रहने वाले लोगों के नमूने लेकर बुधवार तक लैब भिजवाने को कहा गया है.
इतना ही नहीं केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के मद्देनजर पटना एयरपोर्ट प्रशासन ने ब्रिटेन से आए लोगों के नाम, पता और मोबाइल नंबर स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करा दिया है. जब तक इन लोगों की कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आती तब तक सभी को कोरेंटिन (Quarantine) रहने के लिए कहा गया है.
गौरतलब है कि साल 2020 का अंत होने को है और बिहार में कोरोना संक्रमित का आंकड़ा 2 लाख 51 हजार से पार हो गया. सबसे ज्यादा कोरोना मरीज अभी तक पटना जिले में मिले हैं. पटना में आंकड़ा 48 हजार 400 के करीब पहुंच गया. अब तक 1386 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है.
ब्रिटेन और उतरी कोरिया से सात यात्री सात दिनों पहले सीवान पहुंचे. एक यात्री, तो सीवान से घूमकर अपने काम पर विदेश वापस लौट चुका है. विभाग को इसकी जानकारी पांच दिनों पहले हुई. इसके बाद भी विभाग सक्रिय नहीं हुआ. दो पहले पटना से आये पत्र के बाद विभाग सक्रिय हुआ. सूत्रों के अनुसार बताया जाता है कि 21 दिसंबर को सातों यात्री नयी दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे.
सातों यात्रियों का आरटी पीसीआर जांच के लिए सैंपल लेकर घर जाने के लिए छोड़ दिया गया. नियमानुसार निगेटिव रिपोर्ट आने बाद भी इन लोगों को कम से कम 14 दिनों तक दिल्ली में ही आइसोलेशन में रखा जाना चाहिये था. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. दो दिनों पहले जब स्वास्थ्य विभाग को जानकारी हुई तो विभाग के अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया. फोन से यात्रियों से बात कर उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की बात कहकर अपने कतर्व्य का निवर्हन कर दिया.
Posted By: Utpal kant