अस्पताल में गंदगी देखकर भड़के डीएम

डीएम ने किया सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण, बेहतर चिकित्सीय उपलब्धता को ले दिये निर्देश

By Prabhat Khabar | April 26, 2024 11:08 PM

इलाज की व्यवस्थाओं का बारिकी से किया मुआयना प्रतिनिधि, नवादा कार्यालय डीएम प्रशांत कुमार सीएच ने गुरुवार देर रात नवादा सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान अस्पताल के कई स्थानों, यथा सर्जिकल वार्ड के अंदर व बाहर, महिला व प्रसूति वार्ड, पैथोलौजी भवन के बाहर एवं सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर फैली गंदगी पर रोष प्रकट करते हुये उन्होंने सिविल सर्जन को इस संबंध में आवश्यक कार्रवायी करने का निर्देश दिया. डीएम ने पाया कि सर्जिकल वार्ड का भवन काफी पुराना है एवं वर्तमान में कुल 22 बेड लगे हैं. इन सभी बेडों पर मरीज थे. निरीक्षण के दौरान उन्होंने बेडों पर बिछे चादर भिन्न रंग व गंदे होने के साथ ही वार्ड के अंदर वाले हॉल में कुछ बेडों पर मरीजों को जो स्लाईन चढ़ाने की प्रक्रिया में अपनायी जा रही विसंगतियों पर आपत्ति प्रकट की एवं इस संबंध में सिविल सर्जन, उपाधीक्षक, डीपीएम एवं अस्पताल प्रबंधक को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिये. व्यवस्था से नाराज दिखे डीएम डीएम ने अस्पताल परिसर के अलग भवन में संचालित इमरजेंसी वार्ड का भी निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान पाया गया कि इस भवन में कुल 20 बेड हैं व सभी बेडों पर मरीज हैं. इमरजेंसी वार्ड में उपलब्ध साफ-सफाई की व्यवस्था व चिकित्सकीय व्यवस्था में और अधिक सुधार करने का उन्होंने सक्षम पदाधिकारियों को निर्देश दिया. डीएम ने अस्पताल परिसर के अलग भवन में संचालित महिला व प्रसुति वार्ड में भर्ती महिलाओं को विभागीय प्रावधानानुसार सभी चिकित्सकीय एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराये जाने को कहा. उन्होंने अस्पताल परिसर के अलग भवन में संचालित जिला स्वास्थ्य समिति के कार्यालय का भी निरीक्षण किया. निरीक्षण में पाया गया कि भव्या कार्यक्रम, ऐप से संबंधित कमांड एंड कंट्रोल रूम बंद है. साथ ही पाया गया कि जिला स्वास्थ्य समिति के मुख्य द्वार पर कार्यालय के नाम का कोई बोर्ड नहीं लगा है. इस संबंध में उन्होंने डीपीएम को आवश्यक दिशा निर्देश दिया. नवजात के इलाज में नहीं हो कोताही एसएनसीयू के निरीक्षण में पाया गया कि इस वार्ड में वर्तमान में 11 नवजात शिशु भर्ती हैं. उपस्थित चिकित्सक ने बताया कि इस वार्ड में किसी नवजात की सर्जरी नहीं की जाती है. एसएनसीयू के बाहर निकलने पर डीएम ने पाया कि एसएनसीयू के अंदर भर्ती नवजात की मां एवं उनके अभिभावकों के लिए प्रतीक्षालय की कोई व्यवस्था नहीं है. इस कारण वे सभी जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय के मुख्य द्वार पर जमीन पर ही बैठ कर समय व्यतीत करते हैं. उपस्थित कुछ पत्रकार द्वारा भी इस संबंध में आपत्ति जतायी गयी. डीएम ने सिविल सर्जन को एसएनसीयू के बाहर निर्मित होने वाले प्रतीक्षालय से संबंधित संचिका 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. महिला व लू वार्ड का जाना हाल प्री फेब्रीकेटेड पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि इस वार्ड में कुल 26 बेड हैं एवं वर्तमान में 19 महिला ऑपरेशन उपरांत भर्ती हैं. वार्ड में लगे बेड में पर्दा काफी गंदा पाया गया. डीएम ने स्वच्छता को लेकर उपस्थित पदाधिकारियों को कड़ा निर्देश दिया. लू-वार्ड निरीक्षण के क्रम में डीएम ने सिविल सर्जन को लू-वार्ड में आकस्मिक स्थिति के मद्देनजर चिकित्सकों की रोस्टरवार प्रतिनियुक्ति करना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. सदर अस्पताल परिसर स्थित रैन बसेरा का निरीक्षण के क्रम में ऑक्सीजन पाइपलाइन की शिथिलता पर डीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए इसे क्रियाशील करने को लेकर पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये. इमरजेंसी वार्ड के मुख्य द्वार पर कार्यरत चिकित्सा पदाधिकारियों की सूची को अद्यतन करने का भी उन्होंने निर्देश दिया. सदर अस्पताल में उपलब्ध डायलिसिस की सुविधा का समुचित प्रचार-प्रसार को लेकर भी उन्होंने सक्षम अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिये, जबकि पोस्टमॉर्टम हाउस के पास समुचित विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था भी किये जाने को लेकर भी उन्होंने निर्देशित किया. मौके पर सिविल सर्जन डॉ. राम कुमार प्रसाद, डीएस एसडी अईय्यर, डीपीएम अमित कुमार एवं अस्पताल प्रबंधक कुमार आदित्य के साथ ही अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

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