स्वस्थ बहस हो जायेगी मुश्किल

नयी व्यवस्था लागू करने में जुटा है प्रबंधन नवादा : जिला मुख्यालय के व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं को बैठने के लिए पिछले डेढ़ दशक में भी कायदे की जगह नहींमिल पायी है. बारिश और सर्दी तो अधिवक्ताओं ने झेल ली लेकिन गरमी के तेवर से लगता है कि यह मौसम उनके लिए भारी पड़ेगा. मंगलवार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 29, 2017 7:45 AM
नयी व्यवस्था लागू करने में जुटा है प्रबंधन
नवादा : जिला मुख्यालय के व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं को बैठने के लिए पिछले डेढ़ दशक में भी कायदे की जगह नहींमिल पायी है. बारिश और सर्दी तो अधिवक्ताओं ने झेल ली लेकिन गरमी के तेवर से लगता है कि यह मौसम उनके लिए भारी पड़ेगा.
मंगलवार को अधिवक्ता हाथ पंखे से हवा करते व पसीना पोछने में व्यस्त दिखे. अधिवक्ताओं को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलती हैं, तो उन्हें कोर्ट रूप में स्वस्थ तरीके से बहस करने में मुश्किल होगी. परिसर के दक्षिणी हिस्से में वकीलों के लिए अस्थायी बैठकखाना बना है, लेकिन इसमें बिजली, पानी व रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं है. कुछ अधिवक्ता गार्डन के बाहरी किनारों पर ही कुरसी-टेबुल पर पसरे दिखे, लेकिन उनकी समस्याओं पर किसी का ध्यान नहीं है.
23 सितंबर 2000 को हुआ था व्यवहार न्यायालय भवन का उद्घाटन: व्यवहार न्यायालय के भवन का उद्घाटन 23 सितंबर 2000 को पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अनिल कुमार सिन्हा ने किया था. तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्यामदेव सिंह ने अधिवक्ताओं को बेहतर व्यवस्था का आश्वासन भी दिया था. लेकिन डेढ़ दशक के बाद भी अधिवक्ताओं को सुविधाएं नहीं मिलीं. टाट और फूस से बने बैठकखाना में ही वकील अपने मुद्दई और मुद्दालय का हाल जानते हैं. अधिवक्ता संघ के महासचिव अजीत कुमार ने बताया कि परिसर के दक्षिणी हिस्से की चहारदीवारी को ऊंचा किया जाना है. इसी पर एस्बेस्टस की शीट लगा कर बैठने की व्यवस्था होगी. इधर, फास्ट ट्रैक कोर्ट और दक्षिणी पूर्वी हिस्से के पास अधिवक्ता कक्ष के ऊपर भी एक तल्ला बनाने का प्रस्ताव आया है. इनके निर्माण के बाद काफी हद तक अधिवक्ताओं के स्थान का अभाव कम हो जायेगा.
कोर्ट परिसर में लागू हुई नयी व्यवस्था
सुरक्षा को लेकर न्यायालय में लोगों के प्रवेश और निकास के लिए नयी व्यवस्था लागू की गयी है. मुख्य दरवाजे की दोनों तरफ दो छोटे दरवाजे बने हैं. दक्षिणी दरवाजे पर रेलिंग लगायी गयी है. मेटल डिटेक्टर से पूरी जांच के बाद लोगों को परिसर में एंट्री मिलती है. जबकि उत्तरी दरवाजा निकासी के लिए बनाया गया है. अचूक सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सभी कोनों पर बुर्ज भी बन कर तैयार है. उद्घाटन के बाद सुरक्षा जवानों की तैनाती की जायेगी.

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