जीरो टॉलरेंस का सपना अधूरा

लापरवाही. शहर को नहीं मिली अतिक्रमण से मुक्ति, सुविधाएं भी नगण्य खुरी नदी पुल से डीएम आवास तक के क्षेत्र को बनाया गया जीरो टॉलरेंस एरिया नवादा नगर : शहरी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने, नागरिक सुविधाओं को विस्तार रूप देने आदि के लिए नगर के महत्वपूर्ण भाग खुरी नदी पुल के पास मेन रोड लाल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 28, 2017 5:53 AM

लापरवाही. शहर को नहीं मिली अतिक्रमण से मुक्ति, सुविधाएं भी नगण्य

खुरी नदी पुल से डीएम आवास तक के क्षेत्र को बनाया गया जीरो टॉलरेंस एरिया
नवादा नगर : शहरी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने, नागरिक सुविधाओं को विस्तार रूप देने आदि के लिए नगर के महत्वपूर्ण भाग खुरी नदी पुल के पास मेन रोड लाल चौक से डीएम आवास तक के क्षेत्र को जीरो टॉलरेंस क्षेत्र बताया गया है. एरिया को चिन्हित करने का मुख्य उद्देश्य यह था कि इस क्षेत्र में प्रयोग के तौर पर पूरी तरह से अतिक्रमण को हटाते हुए सड़क को चकाचक किया जाये. एरिया के सभी घरों से या व्यवसायिक रूप से इस्तेमाल हो रहे संस्थानों से सरकारी नियमों के अनुसार टैक्स की वसूली, कर का निर्धारण, बिजली विभाग, लेबर डिपार्टमेंट सहित अन्य प्रकार के सरकारी नियमों का पालन इस क्षेत्र में रहनेवाले लोग करें.
जीरो टॉलरेंस अभियान के तहत कई बार अधिकारियों के द्वारा अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रयास भी किये गये, लेकिन बाद में हालात फिर से पूर्ववत होते रहे हैं. एरिया के दुकानदारों के अनुसार लगातार अधिकारियों द्वारा लेबर कानून के तहत लाइसेंस बनवाने, बिजली कनेक्शन को दुरुस्त करने, टैक्स का भुगतान समय पर करने आदि के लिए, तो दवाब बनाया गया, लेकिन जीरो टॉलरेंस घोषित एरिया के लिए विशेष फंडिंग या अन्य विकासात्मक काम हो, इसके लिए पहल नहीं की गयी.
क्षेत्र को करना था अतिक्रमणमुक्त
जिला प्रशासन द्वारा तय किये गये कार्यअवधि में नगर के इस महत्वपूर्ण हिस्से में अतिक्रमण को हटा कर क्षेत्र को सुंदर व साफ बनाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन यह सपना अब तक पूरा नहीं हो पाया है. प्रजातंत्र चौक के बाद प्रसाद बिगहा से होते हुए आगे तक काफी चौड़ा एरिया है, लेकिन जैसे-तैसे निर्माण के कारण इस जमीन का सही से इस्तेमाल नहीं हो पाता है. सड़क के दोनों किनारों पर ठेले, खोमचे लगाये जाने के साथ ही भाड़े पर जानेवाली गाड़ियों की पार्किंग के रूप में एरिया का इस्तेमाल होता है. जीरो टॉलरेंस क्षेत्र की घोषणा के बाद लेबर इंस्पेक्टर, बिजली विभाग के अधिकारियों आदि की चहलकदमी बढ़ी है, लेकिन सुविधा में वृद्धि का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है. अतिक्रमण हटाने के नाम पर जगह-जगह पाइप के बैरियर बनाये गये, लेकिन यह भी महज दिखावा ही साबित हो रहा है.
कारगर उपाय की जरूरत
जीरो टॉलरेंस एरिया के साथ नगर के अन्य भागों से अतिक्रमण हटाने के लिए कारगर उपाय करने की आवश्यकता है. ठेला व दुकानदारों के लिए यदि रोजगार चलाने के साधन का इंतजाम नहीं होगा, तो स्थायी रूप से समस्या का समाधान संभव नहीं है. बाजार में मार्केटिंग करने आये लोगों को अपनी गाड़ियों काे लगाने की कोई व्यवस्था नहीं है. वे मजबुरी में दुकान के आगे सड़क पर ही अपनी गाड़ियों को लगाने के लिए विवश होते हैं. सड़क के किनारे अतिक्रमण की मुख्य वजह यह है कि जहां-तहां ठेले-खोमचे या गाड़ियां लगी रहती हैं. खासकर स्कूल में बच्चों के आने-जाने के समय यह जाम अधिक हो जाता है. स्कूल बस व छोटी गाड़ियों के मेन रोड में जाने से परेशानी बढ़ती है. ठेला-खोमचा लगाने के लिए खाली स्थान का चयन करने के साथ ही पार्किंग की सुविधा देने की जरूरत है.

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