जहां-तहां पड़ी हैं दवाएं !

कुव्यवस्था. सदर अस्पताल में दवा रखने की भी सुविधा नहीं स्टोर में रखे कार्टन को कुतर रहे चूहे व गिलहरी सिर्फ प्रशिक्षण लेकर क्या सुरक्षित हो जायेंगी दवाएं? नवादा कार्यालय : सदर अस्पताल में फार्मासिस्ट व स्टोरकीपर को बेहतर ढंग से दवा रखने की ट्रेनिंग दो दिन पहले ही दी गयी है. उन्हें रजिस्टर प्रबंधन, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 24, 2017 12:59 AM
कुव्यवस्था. सदर अस्पताल में दवा रखने की भी सुविधा नहीं
स्टोर में रखे कार्टन को कुतर रहे चूहे व गिलहरी
सिर्फ प्रशिक्षण लेकर क्या सुरक्षित हो जायेंगी दवाएं?
नवादा कार्यालय : सदर अस्पताल में फार्मासिस्ट व स्टोरकीपर को बेहतर ढंग से दवा रखने की ट्रेनिंग दो दिन पहले ही दी गयी है. उन्हें रजिस्टर प्रबंधन, भंडारण, दवा वितरण संबंधी जानकारियां भी दी गयी, लेकिन सच्चाई यह है कि अस्पतालों में दवा रखने की समुचित व्यवस्था है ही नहीं.
सदर अस्पताल में भी दवाएं जैसे-तैसे रखी जाती हैं. ट्रेनिंग में रजौली अनुमंडलीय अस्पताल व वारिसलीगंज रेफरल अस्पताल सहित जिले के सभी प्रखंडों के फार्मासिस्टों ने दवाओं के रखने के लिए जरूरी सुविधाओं की कमी का रोना रोया. लोगों ने बताया कि सदर पीएचसी सहित अस्पताल के मेडिसिन स्टोर में आवश्यक वस्तुओं की किल्लत है. स्वास्थ्यकर्मियों ने कई बार प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को लिखित आवेदन दिया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इससे मरीजों को मिलनेवाली आवश्यक जीवनरक्षक दवाओं का रख-रखाव नहीं हो पा रहा है. इससे दवाओं की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है. संसाधनों के अभाव में प्रशिक्षण देकर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है.
अनुमंडलीय अस्पताल में सामान्य सुविधाएं भी नहीं
75 बेडवाले रजौली अनुमंडलीय अस्पताल में दवाओं को जमीन पर रखा जाता है. पकरीबरावां, रोह, सिरदला, कौआकोल जैसे प्रखंडों में रेक तक उपलब्ध नहीं है. पकरीबरावां के फार्मासिस्ट डी प्रसाद ने बताया कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को तीन बार लिखित आवेदन दिये गये हैं. बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. दवाओं के रखने के लिए सेल्फ, रेक, गोदरेज अालमीरा, फ्रिज जैसे आदि की सुविधा नहीं है.
मुख्य स्टोर में भी नहीं है व्यवस्था
सदर अस्पताल में विभिन्न जगहों से आनेवाली दवाओं के मुख्य स्टोरेज में भी संसाधनों की कमी है. स्टोर हाउस की किसी भी खिड़की व दरवाजे में पल्ले नहीं लगे हैं. इससे धूल, पानी व सूर्य की रोशनी से जरूरी दवाएं खराब हो रही हैं. गिलहरी व चूहे भी स्टोर में कार्टन को कुतर देते हैं. यहां आग बुझाने वाली मशीन भी नहीं है. ऐसे में दवाओं के रख-रखाव व भंडारण के नाम पर चल रहा प्रशिक्षण खानापूर्ति के सिवा कुछ और नहीं दिखता.

Next Article

Exit mobile version