बिहार के 27 कॉलेजों में नैक की मान्यता खतरे में, जानिये क्या है कारण

प्रदेश के 86 कॉलेजों में से 27 कॉलेज ऐसे हैं, जिन्होंने आधारभूत संरचना विकास के लिए दी गयी राशि की उपयोगिता साबित नहीं की है़ आधारभूत संरचना विकास के लिए रूसा की तरफ से दी गयी दो से चार करोड़ की राशि भी खर्च नहीं की जा सकी है़

By Prabhat Khabar | June 15, 2021 8:02 AM

पटना. प्रदेश के 86 कॉलेजों में से 27 कॉलेज ऐसे हैं, जिन्होंने आधारभूत संरचना विकास के लिए दी गयी राशि की उपयोगिता साबित नहीं की है़ आधारभूत संरचना विकास के लिए रूसा की तरफ से दी गयी दो से चार करोड़ की राशि भी खर्च नहीं की जा सकी है़

लिहाजा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ कामेश्वर झा ने सख्त रुख अपनाया है़ सोमवार को बुलायी गयी विशेष बैठक में उन्होंने कॉलेज प्राचार्यों को दो टूक बताया कि अगर उन्होंने रूसा (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) के तहत मिली राशि का सदुपयोग नहीं किया तो उनकी नैक मान्यता भी खतरे में पड़ सकती है़

दरअसल इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार में दयनीय प्रदर्शन करने वाले इन कॉलेजों की नैक मान्यता खत्म होने के कगार पर है़ नैक की मान्यता उसी शर्त पर फिर दी जायेगी, जब यह कॉलेज अपनी आधारभूत सरंचना में सुधार करते हैं.

रूसा के तहत मिलते हैं दो से चार करोड़ रुपये

सोमवार को 27 में से 14 कॉलेजों के प्राचार्यों को बुलाया गया था़ शेष 13 कॉलेजों के प्राचार्यों को अगले दिन बुलाया गया है़ बैठक में शिक्षा विभाग के सचिव असंगबा थुबा आओ, शिवेश रंजन और योगेश कुमार आदि विशेष रूप से मौजूद रहे़

उल्लेखनीय है कि रूसा के तहत कॉलेजों की आधारभूत संरचना सुधार के लिए विभिन्न मदों में न्यूनतम दो करोड़ और सालाना चार करोड़ से अधिक रुपये दिये जाते हैं. केंद्र से यह राशि केवल उन्हीं कॉलेजों को दी जाती है, जिन्हें नैक मान्यता हासिल होती है़ कॉलेजों को यह राशि नैक की मान्यता के लिए बेहद जरूरी क्लास रूम की संख्या बढ़ाने, छात्रावास निर्माण, प्रयोगशाला निर्माण आदि की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए दी जाती है़

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version