Muzaffarpur Lok Sabha: आखिर कौन बनेगा निषादों का ‘हीरो’, मोदी मैजिक पर सबकी नजर

Muzaffarpur Lok Sabha: बीता वीआईपी के उम्मीदवार होकर चार लाख से अधिक वोटों से चुनाव हारने वाले डॉ राज भूषण चौधरी इस बार भाजपा उम्मीदवार हैं. वो कार्यकर्ताओं से जुड़ने के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं. इधर भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर दो बार से जीतनेवाले मौजूदा सांसद अजय निषाद को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है.

By Ashish Jha | May 19, 2024 12:20 PM

Muzaffarpur Lok Sabha: अनुज शर्मा, मुजफ्फरपुर. मुजफ्फरपुर लोकसभा चुनाव 15 साल पुराना इतिहास दोहरा रहा है. 2009 में मुजफ्फरपुर से मौजूदा सांसद और दिग्गज समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस को जनता दल (यूनाइटेड) का टिकट नहीं मिला था. जदयू ने कैप्टन जय नारायण निषाद को टिकट दिया था. इससे नाराज होकर पूर्व रक्षा मंत्री निर्दलीय चुनाव लड़े. लेकिन, कैप्टन से हार गये थे. 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने दो बार से जीतते आ रहे मौजूदा सांसद और जय नारायण निषाद के बेटे अजय निषाद का टिकट काटकर 2019 में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के उम्मीदवार डॉ राज भूषण चौधरी को मैदान में उतारा है. वहीं, अजय निषाद भाजपा से बदला लेने के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार बन गये हैं. बीता चुनाव चार लाख से अधिक वोटों से हारने वाले चौधरी भाजपा कार्यकर्ताओं से जुड़ने के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं. भाजपा के हार्ड कोर कार्यकर्ताओं का एक दल अभी भी उनको ‘ बाहरी ‘ मान रहा है. ‘ पांच साल पहले जिसे हराने में पूरी ताकत खर्च कर दी उसे जिताने के लिए इस गर्मी में पसीना बहाना आसान नहीं है ”., चौराहे पर चाय की एक दुकान पर भाजपा का कार्यकर्ता प्रभात खबर से अपने मन की बात साझा करते हैं. हालांकि वह मोदी मैजिक में उनकी जीत के प्रति आश्वस्त रहने का दावा भी करते हैं.

सबका अपना अपना गणित

मुजफ्फरपुर के धर्मशाला चौक पर चाय की एक दुकान पर कुछ लोग चुनावी चर्चा कर रहे थे. चर्चा कम चाय विक्रेता संतोष कुमार के चुनावी गणित को गौर से सुन समझ रहे हैं. संतोष कहते हैं ” मुजफ्फरपुर छोड़िये, पूरे देश में भाजपा की जीत का मार्जिन घटकर आधा हो रहा है. मोदी जी को चाहिए था कि गैस सब्सिडी जारी रखते. पूरी दुनिया में पेट्रोल के दाम गिरे तो इन्होंने क्यों नहीं गिराए. ” संतोष इस बात से भी खफा थे कि भाजपा ने अजय निषाद की जगह पुराने कार्यकर्ता को टिकट क्यों नहीं दिया. वे आगे कहते हैं, ” निषाद वोटर ने माय समीकरण का साथ दिया, तो एनडीए के लिए मुश्किल हो जायेगी ” . बाहर पढ़ रहे बेटे के लिए सामान पार्सल करने जीपीओ पहुंचे किसान रमेश कुमार कहते हैं कि भाजपा के कार्यकर्ता के नाराज होने की बात कही जा रही है. लेकिन, कांग्रेस के पास तो कार्यकर्ता ही नहीं हैं. अजय निषाद को जिताने वाले जो आंकड़ा बता रहे हैं उसमें पीएम मोदी के चेहरे से भाग दे दीजिए. उनके दावे की दम निकल जायेगी.

मोदी मैजिक से पलटती दिख रही बाजी

लोकसभा में छह विधानसभा सीट हैं. मुजफ्फरपुर नगर से कांग्रेस, गायघाट व बोचहां से राजद, औराई और कुढ़नी से बीजेपी के विधायक हैं. सकरा से जेडीयू विधायक हैं. अपनी जाति के वोट, दस साल के साथी भाजपाइयों से मिल रही अंदरखाने की ताकत और एनडीए के बराबर विधायकों की ताकत आदि तमाम फैक्टर के आधार पर अपनी पक्की जीत मान चुके अजय निषाद को मोदी मैजिक बड़ा झटका दे सकता है. ” पीएम मोदी के पताही में आने तक वह जितने ताकतवर थे, अब नहीं रहे ”. सूतापट्टी में कपड़ा लेने आये औराई के मोहन लाल यह बात कहते हैं. एक भोजनालय में चल रही चर्चा में शामिल अवधेश कहते हैं कि जीत तो मोदी ही रहे हैं. जनता किसी उम्मीदवार को नहीं, पीएम मोदी को वोट कर रही है. अवधेश यह भी बताते हैं कि उनका यहां वोट नहीं है. एक कंपनी के लिए मार्केटिंग करने के लिए क्षेत्र में घूमते वक्त जो देखते- सुनते हैं, उसके आधार पर कह रहे हैं.

मतदाताओं का अपना-अपना नजरिया

सामाजिक कार्यकर्ता शाहिद कमाल का कहना है केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर भी मुजफ्फरपुर को स्मार्ट सिटी नहीं बना पायी है. लोगों में इस बात को लेकर गुस्सा है. यहां बेरोजगारी भी मुद्दा है. शिक्षित वर्ग इस विचार के साथ वोट का निर्णय लेगा. सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ता डॉ बीरेंद्र कुशवाहा का कहना है कि चुनाव निषाद वोटर के पाले में है. 40 साल से ऊपर का मल्लाह वोटर अजय निषाद और 40 साल से नीचे वाला मुकेश सहनी को नेता मानता है. कोई यादव- मुस्लिम उम्मीदवार न होने के कारण ‘माय’ वोटर में टूट नहीं होगी. कुशवाहा और कुर्मी वोटर भी बंट रहा है. दामोचक के विजय कुमार, दुकानदार आमोद, मुस्कान आदि कहते हैं हम यह तो मान सकते हैं कि जीत का अंतर कम होगा. लेकिन, जीत भाजपा की होगी.

इस घटना के मायने हैं बड़े

इंडिया गठबंधन के मुजफ्फरपुर के उम्मीदवार अजय निषाद और वैशाली से लड़ रहे विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला ने एक ही दिन नामांकन किया था. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि वैशाली लोकसभा सीट में करीब डेढ़ लाख मल्लाह वोटर हैं. वहीं, मुजफ्फरपुर सीट पर दो से ढाई लाख भूमिहार वोटर हैं. अजय निषाद और मुन्ना शुक्ला का साथ-साथ नामांकन करना स्वजातीय वोटरों के लिए इंडिया गठबंधन का साथ देने का संकेत था. वहीं, शुक्ला और निषाद के नामांकन स्थल पर मौजूद रहने के लिए चार भाजपाइयों को उनकी पार्टी की जिला इकाई ने नोटिस जारी किया. इंडिया उम्मीदवारों की गिव एंड टेक रणनीति कितना असर दिखायेगी यह परिणाम बतायेगा.

उम्मीदवारों की अदला- बदली का कारण !

भाजपा ने सांसदों को लेकर एक सर्वे कराया था. दो बार से सांसद चुने जा रहे अजय निषाद को लेकर नेगेटिव रिपोर्ट मिली थी. इस कारण उनका टिकट काट दिया गया. नये उम्मीदवार की तलाश की गयी, तो पार्टी जिला इकाई ऐसा सुपात्र चेहरा नहीं तलाश कर पा रही थी, जो जीत के मानक पर भी खरा उतर सके. गैर मल्लाह को टिकट देकर बड़े वोट बैंक को नाराज करने का जोखिम भी था. ऐसे में डॉ राजभूषण की उम्मीदवारी का रास्ता बन गया. भाजपा अजय की जगह उन राजभूषण को उम्मीदवार बनाती है, जिनकी भाजपा में इंट्री खुद अजय निषाद ने करायी थी. वहीं, 1984 के बाद से जीतने का इंतजार कर रही कांग्रेस ने इस मौके को भुनाते हुए दांव खेल दिया. गेम चेंजर मल्लाह समाज को साधते हुए 2014 में कांग्रेस प्रत्याशी अखिलेश सिंह को हरानेवाले बागी अजय निषाद को उम्मीदवार बना दिया है.

20 को होगी ‘निषाद परिवार’ बनाम मल्लाह समाज की लड़ाई

मुजफ्फरपुर संसदीय सीट पर खिलाड़ी वही हैं. बस कबड्डी के खेल की तरह खिलाड़ियों का पाला बदल गया है. 2014, 2019 में भाजपा की टिकट पर लोकसभा जाने वाले अजय निषाद कांग्रेस के उम्मीदवार बन गए हैं. वहीं, 2019 में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी ) की टिकट से लड़कर अजय निषाद से हारने वाले डॉ राजभूषण चौधरी भाजपा के लिए वोट मांग रहे हैं. दोनों उम्मीदवार मल्लाह समाज के हैं. चार जून को मुजफ्फरपुर का परिणाम पूरे देश के लिए एक उदाहरण बनेगा. अजय निषाद की हार-जीत से तय होगा कि पार्टी बड़ी या उम्मीदवार ? मल्लाह वोटर निषाद समाज के साथ है या एक निषाद परिवार के साथ है. राजनीति के प्रतिमान भी बदलेंगे.

एनडीए – इंडिया गठबंधन के विधायकों की संख्या बराबर

क्रांतिकारी खुदीराम बोस, रामवृक्ष बेनीपुरी, देवकी नंदन खत्री और जानकी वल्लभ शास्त्री की स्थली रही इस लोकसभा सीट में छह विधानसभा सीटें हैं. दो पर आरजेडी , दो पर बीजेपी, और एक-एक सीट पर जेडीयू-कांग्रेस का कब्जा है. मुजफ्फरपुर से कांग्रेस, गायघाट व बोचहां से राजद, औराई और कुढ़नी से बीजेपी के विधायक हैं. सकरा से जेडीयू विधायक हैं.

जातिगत समीकरण, सरनेम से समझिए वोटों का गणित

8 लाख 80 हजार 12 महिला वोटर वाले मुजफ्फरपुर संसदीय क्षेत्र में कुल वोटर संख्या करीब 18 लाख 62 हजार 997 है. यहां सवर्ण मतदाता साढ़े तीन लाख, यादव पौने दो लाख, मुस्लिम दो लाख और वैश्य सवा दो लाख आंके जाते हैं. मल्लाह समाज की गिनती भी डेढ़ से दो लाख के बीच मानी जाती है. अन्य पिछड़ी जातियां अलग हैं. वोटर लिस्ट का सरनेम के आधार पर विश्लेषण करने वाली संस्था ‘ चाणक्य’ के अनुसार मुजफ्फरपुर संसदीय क्षेत्र में मुस्लिम सरनेम वाले 276499 वोटर हैं. राय 151977, सिंह 146647, शाह 126584, सहनी 122092, पासवान 105764, राम 97318, कुमार 93438, महतो 91855, ठाकुर 79227, चौधरी 45009, दास 39694, झा 36607, शर्मा 32308, प्रसाद 31549, मांझी, मुसहर 26827, मंडल 23870, पंडित 22666, मिश्रा 21913, भगत 16968, गुप्ता 12769, देवी 12583, यादव 11268, बैठा 8168, पांडे 7553, सिन्हा 6604, तिवारी 6371, 6319 वोटर के नाम के पीछे रजक सरनेम लगा है.

उम्मीदवार से अधिक पार्टी चहेती, जार्ज फर्नाडीस तक को हराया

मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट के वोटरों को समझना है तो 1971 से 2019 तक चुनाव परिणाम का पैटर्न समझना होगा. यहां की जनता उम्मीदवार को कम पार्टी में अधिक भरोसा रखती है. यही कारण है कि अब तक यहां एक भी उम्मीदवार निर्दलीय नहीं जीता है. चुनावी वैतरणी में बड़े नेता ने भी पार्टी रूपी जहाज से उतरकर अपनी नाव पार लगाने की कोशिश की है, वह डूबा है. देश रक्षा मंत्री रहे जार्ज फर्नाडीस इसका सबसे बेहतर उदाहरण कहे जा सकते हैं. 2004, 1991, 1989, 1980 और 1977 में जीत हासिल करने वाले जार्ज फर्नाडीस 2009 में निर्दलीय चुनाव लड़े और बुरी तरह से हार गये थे . पूर्व रक्षा मंत्री को मात्र 22804 वोट मिले थे. मात्र 1.7 फीसदी वोटरों ने उनको वोट किया था.

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चुनाव परिणाम एक नजर

2019
1 अजय निषाद @बीजेपी @666878 @63%
2 राज भूषण चौधरी @वीआईपी @256890 @24.27%
3 सुखदेव प्रसाद @वी.पी.आई @24526@2.32%

2014
1 अजय निषाद @भाजपा @469295 @30.25%
2अखिलेश @कांग्रेस, @246873@ 15.91%
3 विजेंद्र चौधरी @जदयू @85140@ 5.49%

वर्ष @उम्मीदवार @पार्टी @कुल वोट
2019 @अजय निषाद भाजपा @666878
2014 @अजय निषाद भाजपा @469295
2009 @कैप्टन जय नारायण प्रसाद निषाद जद(यू) @195091
2004 @जॉर्ज फर्नांडीस जेडी(यू) @370127
1999 @कैप्टन जय नारायण प्रसाद निषाद जद(यू) @363820
1998 @कैप्टन जय नारायण प्रसाद निषाद राजद @319996
1996 @जय नारायण प्रसाद निषाद जेडी @318506
1991 @जॉर्ज फर्नांडीस जेडी @320833
1989 @जॉर्ज फर्नांडिस जेडी @492615
1984 @ललितेश्वर प्रसाद शाही कांग्रेस @325604
1980@ जॉर्ज फर्नांडिस जेएनपी(एस) @195510
1977 @जॉर्ज फर्नांडीस बीएलडी @396687
1971 @नवल किशोर सिन्हा कांग्रेस @245007

साल @मतदान @ प्रतिशत

2019 @ 1058086@ 61.14%
2014 @ 948887 @ 61.17%
2009 @ 621813 @ 46.41%

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