34.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

बिहार की विभा कुमारी को मिला ‘यूनियन होम मिनिस्ट्री’ पुरस्कार, मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड के जुटाए थे साक्ष्य

देश भर में चर्चित बालिका गृह कांड का बेहतर अनुसंधान करने के लिए इस केस की आइओ इंस्पेक्टर विभा कुमारी को यूनियन होम मिनिस्टर मेडल फॉर एक्सीलेंस का अवार्ड मिलेगा. देश भर के 121 अधिकारियों का चयन इस अवॉर्ड के लिए किया गया है. इसमें सीबीआइ के भी 15 अधिकारी शामिल हैं.

मुजफ्फरपुर : देश भर में चर्चित बालिका गृह कांड का बेहतर अनुसंधान करने के लिए इस केस की आइओ इंस्पेक्टर विभा कुमारी को यूनियन होम मिनिस्टर मेडल फॉर एक्सीलेंस का अवार्ड मिलेगा. देश भर के 121 अधिकारियों का चयन इस अवॉर्ड के लिए किया गया है. इसमें सीबीआइ के भी 15 अधिकारी शामिल हैं.

राज्य सरकार की अनुशंसा पर 28 जुलाई, 2018 को बालिका गृह कांड की जांच का जिम्मा सीबीआइ को मिला था. उसी दिन पटना के स्पेशल क्राइम ब्रांच की टीम ने केस दर्ज किया. इंस्पेक्टर विभा रानी को जांच की जिम्मेवारी दी गयी.

साढ़े चार माह बाद ही सीबीआइ ने अनुसंधान पूरा कर 18 दिसंबर 2018 को 120बी, 323,325,341,354,376(सी),34 आइपीसी, पॉक्सो एक्ट की धारा 4,6,8,10,12,17 में 21 आरोपित ब्रजेश ठाकुर, बाल संरक्षण इकाइ के तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी, निलंबित बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि कुमार रोशन, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रहे दिलीप वर्मा, सदस्य विकास कुमार, बालिका गृह की कर्मचारी इंदु कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी, विजय कुमार तिवारी, गुड्डू कुमार पटेल, किशन राम उर्फ कृष्णा, डॉ. अश्विनी उर्फ आसमानी, विक्की, रामानुज ठाकुर उर्फ मामु, रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर साहब, डॉ प्राेमिला व शाइस्ता परवीन उर्फ मधु पर चार्जशीट कर दी थी.

सीबीआइ ने इस मामले में 102 लोगों को गवाह बनाया था. दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट जनवरी माह में 19 आरोपितों को दोषी करार देते हुए सजा सुना चुकी है.

मालूम हो कि गृहमंत्री पदक सम्मान के लिए चयनित सीबीआइ इंस्पेक्टर विभा कुमारी ने महज पांच महीने में ही अपनी जांच पूरी कर ली और इस कांड के आरोपितों के खिलाफ मुजफ्फरपुर के विशेष पॉक्सो कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी. कहा जाता है कि दिल्ली के साकेत स्थित विशेष पॉक्सो कोर्ट ने जिन 19 आरोपितों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई उसमें विभा के जुटाए साक्ष्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

विभा कुमारी ने वर्ष 2003 में सीबीआइ को ज्चाइन किया था. विभा को जब जांच की जिम्मेदारी मिली तो उस समय सीबीआइ ऑफिस पटना में कार्यरत थीं. बकौल विभा जब ये इस महत्वपूर्ण जांच की जिम्मेदारी दी गई तो पहले तो असहज हुईं, लेकिन फिर चुनौती मान आगे बढ़ीं. सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के अनुसार जांच जल्दी पूरी करनी थी और पूरी गोपनीयता भी बरतनी थी.

posted by ashish jha

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें