फैसला. जिला तकनीकी समिति की बैठक में स्वीकृति
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शहर की सड़कें होंगी चौड़ी
फैसला. जिला तकनीकी समिति की बैठक में स्वीकृति डीएम की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में बैठक हुई. मुजफ्फरपुर : शहर की सड़कों पर में वाहनों का भार दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. अनुमान के अनुसार, प्रत्येक दिन यहां की सड़कों पर डेढ़ से दो हजार छोटे व बड़े वाहन गुजरते हैं. बावजूद कई सड़कें ऐसी […]
डीएम की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में बैठक हुई.
मुजफ्फरपुर : शहर की सड़कों पर में वाहनों का भार दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. अनुमान के अनुसार, प्रत्येक दिन यहां की सड़कों पर डेढ़ से दो हजार छोटे व बड़े वाहन गुजरते हैं. बावजूद कई सड़कें ऐसी हैं, जिसकी चौड़ाई वही है, जो करीब एक दशक पहले थी. कुछ जगह तो अतिक्रमण के कारण सड़कों की चौड़ाई घट गयी है. नतीजा, रोजाना जाम की समस्या.
डीएम की अध्यक्षता वाली जिला तकनीकी समिति की शनिवार को हुई बैठक में भी यह मामला उठा. तय हुआ की वाहनों का लोड देखते हुए शहर की कुछ प्रमुख सड़कों की चौड़ाई बढ़ायी जाये. डीएम ने मौके पर ही पथ निर्माण विभाग (आरसीडी-1) के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया कि वे सड़कों के चौड़ीकरण के लिए प्रस्ताव तैयार करें.
10 जून तक उसे विभाग को भेज दिया जायेगा. फिलहाल जिन दो प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण जरूरी जान पड़ता है, वह है, कंपनीबाग मसजिद चौक-सरैयागंज-गोला रोड व छोटी सरैयागंज-जवाहरलाल रोड-कल्याणी चौक. यहां अतिक्रमण भी एक बड़ी समस्या है. हालांकि, फिलहाल प्रशासन ने यह तय नहीं किया है कि किन-किन प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण होगा.
एनएच की भी होगी मरम्मत.बैठक में एनएच-28, एनएच-77 व एनएच-57 की जर्जरता का मामला भी उठा. यह कई जगह टूट चुकी है. चांदनी चौक के समीप एनएच-28 में बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं. डीएम ने एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को निर्देश दिया कि सभी एनएच को जल्द-से-जल्द दुरुस्त कराया जाये. एनएच-28 में फिलहाल सड़क के ऊपरी सतह का पुनर्निर्माण कराया जा रहा है. प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने आश्वासन दिया कि शेष दोनों एनएच की भी जल्द मरम्मत करायी जायेगी.
तीन प्रखंड कार्यालयों का निर्माण शीघ्र. प्रखंड कार्यालय में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने मुख्यालयों में संयुक्त प्रखंड कार्यालय भवन बनाने का फैसला लिया है. मीनापुर में इसका निर्माण भी शुरू है. औराई, सकरा व कटरा में भवन निर्माण के लिए सरकार की स्वीकृति मिल चुकी है. जल्दी ही वहां भी काम शुरू होगा.
डीएम ने भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया कि चार अन्य प्रखंडों में भवन निर्माण के लिए जून के आखिरी सप्ताह तक हर हाल में प्रस्ताव दें. यही नहीं, उन्हें निरीक्षण के बाद उन प्रखंड कार्यालयों की सूची उपलब्ध कराने को भी कहा गया है, जहां चहारदीवारी का निर्माण जरूरी है.
बाइपास निर्माण के लिए एस्टीमेट तैयार करने का निर्देश
पांच साल बाद आयी बाइपास की याद
तकनीकी समिति की बैठक में शहरी क्षेत्र में ट्रैफिक के लोड को कम करने पर भी चर्चा हुई. सदस्यों की एकमत राय थी कि इसके लिए शहर के पूर्वी भाग में एक बाइपास का निर्माण जरूरी है. डीएम ने पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को इसके लिए एस्टिमेट तैयार करने का निर्देश दिया है. पांच साल बाद यह पहला मौका है
जब प्रशासन को बाइपास की याद आयी है. इससे पूर्व वर्ष 2012 में भी पथ निर्माण विभाग को बाइपास निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया था. प्रस्तावित बाइपास मझौली से शुरू होकर मनिका, मुशहरी, काजीइंडा होते हुए मधौल सकरी तक जाती. उसमें बुधनगरा व रजवारा के बीच पुल निर्माण का भी प्रस्ताव शामिल था. नक्शा भी तैयार किया गया था.
मधौल-रामदयालु नगर पथ पर सरकार से बात
मधौल-रामदयालुनगर पथ के चौड़ीकरण का मामला वर्षों से लंबित है. एनएचएआइ के कार्यपालक अभियंता ने पिछले सप्ताह भी इसके लिए विभाग को प्रस्ताव भेजा है. हालांकि, इसे मंजूरी नहीं मिली है. यह मामला शनिवार की बैठक में भी उठा. डीएम ने इस मामले को सरकार के समक्ष उठाने का फैसला लिया है. 1.9 किमी लंबी इस सड़क को दस मीटर चौड़ी करने की योजना है. सड़क के दोनों ओर एक-एक मीटर का अतिरिक्त फ्लैंक का निर्माण भी होना है. इस पर करीब 11.77 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. एनएच-77 से एनएच-28 को जोड़ने का यह प्रमुख मार्ग है. इससे पटना व बरौनी जाने वाले वाहनों की सहूलियत होगी. फिलहाल चौड़ाई कम होने के कारण यहां जाम की समस्या उत्पन्न होती है.
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