मुजफ्फरपुर सहित सभी जिलों के डीएम, एसपी व एसएसपी को मुख्य सचिव ने भेजा पत्र
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सुप्रीम कोर्ट में भी खोली जायेगी मिलरों की पोल
मुजफ्फरपुर सहित सभी जिलों के डीएम, एसपी व एसएसपी को मुख्य सचिव ने भेजा पत्र मुजफ्फरपुर : राज्य सरकार ने खरीफ विपणन मौसम वर्ष 2011-12, 2012-13 व 2013-14 के बकायेदार मिलरों को बख्शने के मूड में नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में भी उनके खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी जायेगी. मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने […]
मुजफ्फरपुर : राज्य सरकार ने खरीफ विपणन मौसम वर्ष 2011-12, 2012-13 व 2013-14 के बकायेदार मिलरों को बख्शने के मूड में नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में भी उनके खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी जायेगी. मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने मुजफ्फरपुर सहित सभी जिलों के डीएम, एसपी व एसएसपी को पत्र भेज कर थानों में मिलरों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की बारीकी से जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने उन सभी मिलरों को, जिनके खिलाफ मामले दर्ज हैं, अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा करने का निर्देश दिया है.
वे बिना कोर्ट की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ सकते हैं. इस आदेश पर रोक लगवाने व थाने में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करवाने के लिए कई मिलरों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. सरकार को इस मामले में अपना पक्ष रखना है. धान लेकर चावल नहीं देने को सरकारी राशि का गबन मानते हुए पूरे राज्य करीब 1208 प्राथमिकी दर्ज कराये गये हैं. इसमें से 27 मामले जिले के विभिन्न थानों में दर्ज हैं, जिनमें उतनी ही संख्या में मिलर आरोपित हैं.
इन मिलरों से सरकार को 64.36 करोड़ की वसूली करनी है. शुरुआत में 33 मिलरों पर 71.50 करोड़ बकाये थे, लेकिन उनमें से 7.14 करोड़ की वसूली की जा चुकी है. फिलहाल सरकार को 1442 मिलरों से करीब 1232.32 करोड़ की वसूली करनी है.
मिलरों की होगी गिरफ्तारी : मुख्य सचिव ने डीएम व एसएसपी को मिलरों के खिलाफ नीलामपत्र वादों में जारी बीडब्ल्यू व डीडब्ल्यू का तामिला करते हुए उन्हें गिरफ्तार करने को कहा है. पिछले दिनों राज्य के सभी डीआइजी की ओर से सरकार को दी गयी रिपोर्ट के अनुसार, 38 जिलों में 307 मिलरों के खिलाफ डीडब्ल्यू जारी किया गया है. इसमें महज 160 का तामिला हुआ. इसी तरह, जारी हुए कुल 258 बीडब्ल्यू में से 159 का ही तामिला हुआ है. मुजफ्फरपुर की बात करें तो अन्य जिलों की अपेक्षा जारी बीडब्ल्यू, डीडब्ल्यू के तामिला के मामले में यहां स्थिति बेहतर है, पर जारी किये गये वारंट की संख्या के मामले में यह कई जिलों से पीछे है.
यहां पांच मिलरों के खिलाफ डीडब्ल्यू जारी किया गया था, जिसमें सभी का तामिला हो चुका है. वहीं, नौ मिलरों के खिलाफ बीडब्ल्यू वारंट जारी किया गया था, जिसमें से आठ का तामिला हो चुका है.
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