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मुजफ्फरपुर के पीरमोहम्मदपुर गांव का हाल: सड़क नहीं रहने से टूट रहीं शादियां

शहर से सटे पीरमोहम्मदपुर गांव का हाल मुजफ्फरपुर : शहर से केवल सात किलोमीटर दूर पीरमोहम्मदपुर गांव में आने-जाने को सड़क नहीं है. इसकी वजह से यहां के युवक व युवतियों की शादी टूट रही है. सप्ताह भर पहले स्नातक पार्ट-थर्ड की छात्रा प्रतिभा की शादी भी इसीलिए कट गयी. उसकी शादी रांची से तय […]

शहर से सटे पीरमोहम्मदपुर गांव का हाल

मुजफ्फरपुर : शहर से केवल सात किलोमीटर दूर पीरमोहम्मदपुर गांव में आने-जाने को सड़क नहीं है. इसकी वजह से यहां के युवक व युवतियों की शादी टूट रही है. सप्ताह भर पहले स्नातक पार्ट-थर्ड की छात्रा प्रतिभा की शादी भी इसीलिए कट गयी. उसकी शादी रांची से तय हुई थी, लेकिन लड़केवाले गांव आये, तो सड़क देख कर शादी से मना कर दिया. प्रतिभा के पिता बीएसएफ में रहे हैं. वो शहर में घर बना रहे हैं. वहीं, प्रतिभा कहती है कि हमारे गांव की सड़क हर हाल में बननी चाहिए.

प्रतिभा का कहना है कि वो गांव में सड़क पहुंचाने को लेकर आंदोलन करेगी, ताकि भविष्य में किसी बेटी या बेटे की शादी में नहीं कटे. वह कहती है कि हमारे पिता गांव से शादी करना चाहते थे. इसलिए रिश्ता टूटा है. अगर वो शहर से शादी की बात मान लेते, तो ऐसा नहीं होता. सड़क नहीं होने की वजह से गांव में बीमार होनेवाले लोगों को अस्पताल पहुंचाने में समस्या होती है. कई लोगों की जान रास्ते में चली गयी. डॉ सुबोध कुमार बताते हैं कि बड़ी मुश्किल से यहां के लोग रिश्ता तय करते हैं. गांव तक जाने वाली सड़क के एक तरफ 50 फीट बूढ़ी गंडक नदी की खाई व दूसरी तरफ 20 फीट गड्ढा है.

पीर मोहम्मदपुर व रौशनपुर गांव तक सड़क बनवाने का वादा कई जनप्रतिनिधियों ने किया, लेकिन किसी ने वादा अभी तक पूरा नहीं किया. बोचहां विधानसभा क्षेत्र में यह पंचायत आता है. रमई राम करीब 30 साल विधायक रहे, जो बिहार सरकार में भूमि सुधार व ग्रामीण विकास मंत्री भी थे. कई बार सड़क बनवाने का वादा किया. पिछले डेढ़ साल बेबी कुमारी विधायक है. उन्होंने भी चुनाव अभियान में सड़क निर्माण का वादा किया था, जिसके पूरा होने का इंतजार ग्रामीणों को है.
खेती में अव्वल है गांव
पीरमोहम्मदपुर गांव की मिट्टी खेती के माफिक है. यहां बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती होती है. गांव पहुंचे कृषि वैज्ञानिक कहते हैं, हम ग्रामीणों को फसल की पैदावार नहीं, बल्कि उसके रख-रखाव की बात बताते हैं, क्योंकि यहां पैदावर की कमी नहीं है. गेहूं व मक्का की खेती यहां अच्छी होती है.
इनकी भी शादी टूटी
प्रतिभा की मां राधा कहती हैं कि ये सिर्फ मेरी बेटी की बात नहीं है. पूरे गांव प्रतिष्ठा का सवाल है. इंटर की छात्रा चंचला के साथ भी यही हुआ. शिक्षक डॉ सुबोध कुमार सुमन की शादी 11 बार तय हुई और सड़क नहीं होने के कारण ही रुक गयी. जीविका में काम करनेवाले सतीश कुमार की शादी भी अब तक चार बार टूट चुकी है. शंभू शरण मंडल, शिवनाथ कुमार, रमेश कुमार, नीलम कुमारी, गुड़िया कुमारी, अजीत कुमार, सुरेश कुमार सहनी, राजू कुमार आदि की शादियां भी टूट चुकी है. ये सिलसिला सालों से जारी है.
गांव जाना परीक्षा से कम नहीं
कोठिया के बाद पीरमोहम्मदपुर गांव तक की यात्रा किसी परीक्षा से कम नहीं है. यहां से गांव जाने को दो रास्ते हैं और दोनों कच्चे. अगर आप कार से जा रहे हैं, तो परेशानी तय है. बाइक में हिचकोले खाते आना-जाना पड़ता है. लगभग दो किलोमीटर के रास्ते में जगह-जगह पर गड्ढे हैं. थोड़ी सी चूक से आप खाई में गिर सकते हैं. बाहर से आनेवाले लोग भगवान का नाम लेते हुये गांव की यात्रा करते हैं.
बूढ़ी गंडक किनारे बसा है गांव
हमने पक्की सड़क के लिए पंचायत की योजना में प्रस्ताव भिजवाया है. भू-अर्जन विभाग में भी आवेदन दिए हैं. ग्रामीणों की जमीन का मुआवजा तय होने के बाद सड़क के लिए जमीन मिल जायेगी.
शिवनाथ प्रसाद यादव, मुखियापति रजवारा

कुछ खास बातें

बीमार होने पर होती है परेशानी
हाल में टूटी प्रतिभा की शादी
बीए पार्ट-थ्री की छात्रा है प्रतिभा
गांव में खेती की अच्छी पैदावार
पढ़ने के लिए आना पड़ता है शहर

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